मंदी, महामारी, संकट… फिर भी ये 10 स्टॉक्स निफ्टी 50 में टॉप पर बने रहे
Nifty 50 इंडेक्स में पिछले तीन दशकों में कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं, लेकिन कुछ कंपनियों ने इस दौरान अपनी स्थिति बनाए रखी है. इनमें HDFC बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, समेत 10 कंपनियां हैं. ये कंपनियां निफ्टी 50 इंडेक्स में 1996 से बनी हुई हैं.
निफ्टी 50 में अब तक बनी हैं ये 10 कंपनियां Image Credit: Money9live/Canva
Nifty 50 Index: साल 2025 में अब तक Sensex और Nifty 50 इंडेक्स में गिरावट बनी है. हालांकि बाजार ये बड़ी गिरावट कोई पहली बार नहीं देख रहा है. NSE का निफ्टी 50 इंडेक्स 1996 में शुरू हुआ उसके बाद छोटी-मोटी गिरावटों को छोड़ दें ये सातवीं बार है जब निफ्टी बड़ी उथल-पुथल से गुजर रहा है. लेकिन यहां हम आपको ऐसी 11 कंपनियों के बारे में बताएंगे तो इतनी उथल-पुथल के बावजूद 1996 से लेकर 2025 तक निफ्टी 50 इंडेक्स में बनी हैं. फाइनेंशियल क्राइसिस आया, 2008 की मंदी आई, कोरोना महामारी आई, वैश्विक मंदी आ गई लेकिन ये 11 स्टॉक्स निफ्टी में टिके रहे.
10 कंपनियां
HDFC बैंक
हिंदुस्तान यूनिलीवर
ICICI बैंक
ITC
लार्सन एंड टुब्रो (L&T)
रिलायंस इंडस्ट्रीज
भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
हिंडाल्को
टाटा मोटर्स
टाटा स्टील
इन झटकों से हिला था निफ्टी
- एशियन फाइनेंशियल क्राइसिस (1997): दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की करेंसी में आई गिरावट के की वजह से ये संकट आया था. दिसंबर 1997 में सेंसेक्स 4,600 अंकों तक गिरा, यानी 28% की गिरावट.
- डॉटकॉम बबल (2000): आईटी सेक्टर में ज्यादा निवेश और बाद में उसकी वैल्यू गिरने से बाजार ध्वस्त हो गया था. फरवरी 2000 में सेंसेक्स 5,937 अंकों पर था, जो अक्टूबर 2001 तक 3,404 अंकों पर आ गया, यानी 43% की गिरावट.
- चुनावी झटका (2004): 17 मई 2004 को जब UPA सरकार सत्ता में आई थी तब निवेशकों में बैचेनी फैल गई थी. सेंसेक्स एक ही दिन में 15% गिरा, जिससे बाजार में ट्रेडिंग रोकनी पड़ी.
- वैश्विक आर्थिक संकट (2008): 2008 की मंदी, अमेरिका के Lehman Brothers के दिवालिया होने और सब-प्राइम मॉर्गेज क्राइसिस के चलते शेयर बाजार क्रैश हुआ था. जनवरी 2008 में सेंसेक्स 21,206 अंकों पर था, जो अक्टूबर 2008 में 8,160 अंकों तक गिर गया था, यानी 60% की गिरावट.
- वैश्विक मंदी (2015-2016): चीन के बाजार क्रैश, कमोडिटी की कीमतों में गिरावट और भारतीय बैंकों के बढ़ते NPA के कारण बाजार में मंदी आई थी. जनवरी 2015 में सेंसेक्स 30,000 अंकों पर था, जो फरवरी 2016 में 22,951 अंकों तक गिर गया, यानी 24% की गिरावट.
- कोविड-19 क्रैश (मार्च 2020): महामारी के कारण लगे लॉकडाउन और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने बाजार को तगड़ा झटका दिया था. जनवरी 2020 में सेंसेक्स 42,273 अंकों पर था, जो मार्च 2020 तक 25,638 अंकों तक गिर गया था, यानी 39% की गिरावट.