जेन स्ट्रीट विवाद के बीच उदय कोटक ने उठाए बाजार की संरचना पर सवाल, डेरिवेटिव्स के खेल से चेताया

भारतीय शेयर बाजार की ऊपरी चमक के पीछे क्या कुछ ऐसा चल रहा है जो आम निवेशकों को नहीं दिखता? हालिया घटनाओं ने कुछ बेहद गंभीर सवाल खड़े किए हैं, ऐसे सवाल जो बाजार की बुनियाद से जुड़े हैं. एक दिग्गज बैंकर ने सीधे-सीधे चेतावनी दी है...

Uday Kotak की चेतावनी Image Credit: Money9 Live

भारतीय शेयर बाजार इन दिनों सिर्फ तेजी और गिरावट का खेल नहीं रह गया है, बल्कि इसके पीछे की चालों पर भी सवाल उठ रहे हैं. अमेरिका की क्वांट ट्रेडिंग फर्म Jane Street पर SEBI की सख्ती के बाद देश के मशहूर बैंकर उदय कोटक ने भी इस मामले में गहरी चिंता जताई है. उन्होंने इशारों-इशारों में बाजार की उस सच्चाई की ओर इशारा किया है जो लंबे समय से नजरअंदाज की जा रही थी.

उदय कोटक की चेतावनी, बाजार की दिशा गड़बड़ा रही है

उदय कोटक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में लिखा कि हालिया घटनाएं तीन अहम बातों को उजागर करती हैं- पैसे की ताकत, सिंगल स्टॉक्स में कम लिक्विडिटी बनाम इंडेक्स डेरिवेटिव्स, और ऐसे एक्सचेंज-ब्रोकर्स का मॉडल जो वॉल्यूम पर आधारित है, न कि कंपनियों की फाइनेंशियल और असल वैल्यूएशन पर.

उनके मुताबिक, बाजार का मुख्य उद्देश्य कैपिटल बनाने में और सही रेट तय करना होना चाहिए, लेकिन मौजूदा सिस्टम में यह मकसद पीछे छूटता जा रहा है. हालांकि अपने पोस्ट में उन्होंने कहीं भी जेन स्ट्रीट के नाम का जिक्र नहीं किया है, लेकिन उनके पोस्ट की टाइमिंग, मौजूदा रेगुलेटरी एक्शन की ओर संकेत करते हैं.

आपको उदय कोटक के ट्विट में शामिल तीनों प्वाइंटर को समझाते हैं:

Jane Street पर SEBI की कार्रवाई

SEBI ने Jane Street पर 21 दिनों में एक खास ट्रेडिंग पैटर्न का इस्तेमाल कर भारी मुनाफा कमाने का आरोप लगाया है. Jane Street और उसकी सहयोगी संस्थाओं पर 44,000 करोड़ रुपये से अधिक कमाई की बात कही जा रही है.

SEBI ने कंपनी के सभी बैंक और डीमैट अकाउंट फ्रीज कर दिए हैं और 4,843 करोड़ रुपये को गैर-कानूनी मुनाफा मानते हुए जब्त करने का आदेश दिया है. Jane Street को 21 दिन में जवाब देना है, हालांकि फर्म ने सेबी के आदेश को चुनौती देने की बात कही है.

पूरा मामला यहां पढ़ें: अमेरिकी कंपनी Jane Street ने ऐसे की हजारों करोड़ की हेराफेरी, 2 उदाहरण खोल देंगे सारा कच्चा-चिट्ठा

“क्या वॉल्यूम ही सब कुछ है?” का मतलब क्या है?

भारत का डेरिवेटिव्स मार्केट दुनिया में सबसे बड़ा हो चुका है, लेकिन अब इस पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह ज्यादा वॉल्यूम के चक्कर में पारदर्शिता और निवेशकों के हितों से समझौता किया जा रहा है.

कुछ बड़ी ट्रेडिंग कंपनियां जैसे Jane Street, सिर्फ हाई वॉल्यूम (बार-बार ट्रेड करने) के जरिए बाजार के आंकड़े, जैसे इंडेक्स की चाल, को बदल रही हैं ताकि खुद मुनाफा कमा सकें. इससे बाजार की price discovery यानी किसी शेयर की सच्ची कीमत तय करने की प्रक्रिया गड़बड़ा रही है.

इसे ऐसे समझिए:

एक कंपनी की आर्थिक हालत ठीक नहीं है लेकिन भारी ट्रेडिंग से उसके शेयर की कीमत चढ़ा दी जाती है. आम निवेशक उस झांसे में आकर शेयर खरीद लेता है और बाद में घाटा खा जाता है.

SEBI की कार्रवाई और कोटक की टिप्पणी एक साथ मिलकर यही इशारा करती है कि भारत के बाजार को अब सिर्फ ग्रोथ नहीं, बल्कि संतुलन और पारदर्शिता की भी जरूरत है.

Latest Stories