बिड़ला ने हिला दी एशियन पेंट्स की 83 साल की बादशाहत, जानें कहां चूक गई दिग्गज; डूबे 51000 करोड़
Asian Paints Outlook: एशियन पेंट्स के शेयरों का रंग फीका पड़ने लगा है. शेयर सिर्फ एक ही रंग 'लाल' में रंगे हुए नजर आ रहे हैं. बिड़ला के पेंट ब्रॉन्ड ने एशियन पेंट्स को जोर का झटका दिया है और उससे मार्केट हिस्सेदारी भी छीनने लगी है. भारतीय पेंट बाजार अब तेजी से बदल रहा है.

Asian Paints Outlook: ज्यादा पुरानी बात नहीं है, बस साल दो साल पुरानी ही है. जब कोई भी मार्केट का जानकार निवेशकों को एशियन पेंट्स के शेयर में निवेश करने की सलाह दे ही डालता था. आम बोल चाल की भाषा में कहें, तो लोग आंख बंद कर एशियन पेंटस् के शेयर पर भरोसा करते थे. लेकिन पिछले साल से ये कहानी पलटती हुई नजर आई है. एशियन पेंट्स के शेयरों का रंग फीका पड़ने लगा है. शेयरों सिर्फ एक ही रंग ‘लाल’ में रंगे हुए नजर आ रहे हैं. निवेशकों का रिटर्न नेगेटिव हो चला है और दिग्गज निवेशक भी अब इस इसके पेंट्स में अपने हाथ को रंगने से बचाने की कवायद शुरू कर चुके हैं. आखिर एशियन पेंट्स के साथ ऐसा क्या हुआ, जो घरों की दीवारों पर चढ़ते और चमकते इसके रंग उड़ने लगे हैं…
एशियन पेंट्स से निकल रही रिलायंस
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने ऐसे समय में एशियन पेंट्स में अपने 4.9 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना को फिर से हवा दी है, जब इस सेक्टर को मार्जिन दबाव और बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है. 9 अरब डॉलर के भारत के पेंट्स बाजार में कई नई कंपनियों ने नंबर 1 एशियन पेंट्स को उसकी पोजीशन से नीचे खींचने की कोशिश की है.
रिलायंस ने वैश्विक वित्तीय संकट से पहले जनवरी 2008 में 500 करोड़ रुपये में हिस्सेदारी खरीदी थी. यह निवेश अब बढ़कर करीब 10 हजार 500 करोड़ रुपये हो चुका है. डिविडेंड सहित, मौजूदा मार्केट प्राइस पर रिलायंस अपने निवेश पर 24 गुना रिटर्न कमाएगी.
शेयरों में गिरावट
पिछले एक साल में एशियन पेंट्स के शेयर में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है. कंपनी ने करीब 51,000 करोड़ रुपये का मार्केट वैल्यू गंवा दिया. एलारा सिक्योरिटीज के अनुसार, एशियन पेंट्स की मार्केट हिस्सेदारी वित्त वर्ष 25 में 59 फीसदी से घटकर 52 फीसदी हो गई है.
बिड़ला ओपस ने दिया जोर का झटका
बाजार हिस्सेदारी के कम होने के पीछे ग्रासिम समूह के पेंट ब्रॉन्ड बिड़ला ओपस की एंट्री है. इसकी हिस्सेदारी बाजार में 6.8 फीसदी हो गई. बिड़ला ओपस फरवरी 2024 में मार्केट में उतरा था. इसके बाद से पेंट्स मार्केट के जानकारों और स्टॉक एक्सपर्ट को संदेह होने लगा था कि बिड़ला ओपस, एशिन पेंट्स को सबसे तगड़ा झटका देगा. क्योंकि, ये टॉप पर काबिज है और ये आशंकाएं अब सच साबित होती नजर आ रही हैं.
एशियन पेंट्स के मुकाबले ओपस का पेंट सस्ता है और इसने बेहत आक्रामक अंदाज में विस्तार किया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, डीलर्स भी एशियन पेंटस् की हिस्सेदारी घटने की बात को स्वीकार करने लगे हैं. ओपस डीलर्स को अधिक कमीशन दे रहा है. कई डीलर्स के पास एशियन पेंट्स की हिस्सेदारी 70 फीसदी से घटकर 30 फीसदी रह गई है.
खत्म नहीं हो रही हैं चुनौतियां
हालांकि, बीते साल में एशियन पेंट्स ने मार्केटिंग पर खर्च में इजाफा किया था, लेकिन मुश्किलें खत्म नहीं हुईं. एशियन पेंट्स ने अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें में कटौती नहीं की. लेकिन डीलर्स को ज्यादा कमीशन दिया और प्रोडक्टस लॉन्च किए, लेकिन बात नहीं बन सकी. अब प्रतिस्पर्धी कंपनियां एशियन पेंटस् के कर्मचारी तोड़ने लगी हैं और चुनौतियां खत्म होने के बजाय बढ़ने लगी हैं.
नतीजे बता रहे कितनी गंभीर है हालत
एशियन पेंट्स के वित्त वर्ष 25 के चौथी तिमाही के नतीजे ये साफ बयां कर रहे हैं कि कैसे कंपनी मुश्किलों में फंसी हुई है. मार्च तिमाही में साल दर साल आधार पर इसके नेट प्रॉफिट में 45 फीसदी की तेज गिरावट आई है. स्टैंडअलोन आधार पर रेवेन्यू 5.1 फीसदी गिरकर 7,192.4 करोड़ रुपये हो गया, जबकि नेट प्रॉफिट 42.6 फीसदी गिरकर 694.3 करोड़ रुपये हो गया. इसके नेट सेल्स में 4.3 फीसदी की गिरावट आई. मार्जिन में भी तेज गिरावट आई है, जो 21.4 फीसदी से घटकर 17.8 फीसदी पर आ गया है.
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इंन्वेस्टर्स (FIIs) ने भी एशियन पेंट्स में अपनी हिस्सेदारी बेची है. मार्च तिमाही में FIIs का हिस्सा 12 फीसदी रह, जो पिछले साल मार्च तिमाही में 15 फीसदी पर था. यानी 3 फीसदी तक की गिरावट आई है.
तेजी से बदल रहा भारतीय पेंट मार्केट
भारतीय पेंट उद्योग में प्रतिस्पर्धी लैंडस्केप तेजी बदल रहा है. चूकिं एशियन पेंट्स इस बाजार में सबसे टॉप पर थी, तो उसे सबसे जोरदार झटका लगा है. पेंट कंपनियों ने लगातार चौथी तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ में गिरावट की सूचना दी है. कंपनियों ने इसके पीछे की वजह शहरी बाजारों में कमजोर उपभोक्ता मांग और जल्दी दिवाली को दिया है. बढ़ती प्रतिस्पर्धा के प्रभाव से हाई डिस्काउंट मिल रहा है और कच्चे माल की लागत में कमी के बावजूद साल-दर-साल ग्रॉस मार्जिन के संकुचन में यह स्पष्ट भी हुआ है.
प्रतिस्पर्धा से निपटने की कोशिश
एशियन पेंट्स के सीईओ अमित सिंगले ने अपने आखिरी निवेशक कॉल में कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि एक ब्रांड के रूप में हमें प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए अधिक टिकाऊ तरीके से सुनिश्चित करने के लिए कैलिब्रेटेड एक्शन लेने की आवश्यकता है.
कंपनी मुख्य रूप से घरेलू सजावटी पेंट्स में काम करती है, जिसमें किचन (स्लीक) और बाथरूम (एस एस) सेगमेंट में अधिग्रहण के जरिए डोमेस्टिक होम इंप्रूवमेंट सेक्टर में उपस्थिति है. वित्त वर्ष 24 में डेकोरेटिव और होम डेकोर ने रेवेन्यू में 88 फीसदी का योगदान दिया था. औद्योगिक पेंट्स में भी इसकी थोड़ी उपस्थिति है, जिसका वित्त वर्ष 24 की बिक्री में 3.1 फीसदी हिस्सा था.
कैसी रहेगी शेयरों की चाल?
लक्ष्मीश्री सिक्योरिटीज के HoR अंशुल जैन ने एशियन पेंट्स पर मौजूदा स्तर से रिकवरी का संकेत दिया है. उन्होंने स्टॉक पर 2415-2590 रुपये की रेंज में टार्गेट प्राइस दिया है.
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