Cryptocurrency पर 30% टैक्स, फिर भी अमेरिका के बाद दुनिया में हमारे पास सबसे ज्यादा बिटकॉइन

दुनिया में सबसे ज्यादा बिटकॉइन रखने वाले देशों की सूची में भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. भारतीय लोगों के पास करीब 10 लाख बिटकॉइन हैं. इनकी कीमत करीब 120 अरब डॉलर है. भारतीयों ने बिटकॉइन में यह निवेश 30% कैपिटल गेन टैक्स और 1% टीडीएस जैसी सख्त नीतियों के बावजूद किया है.

बिटकॉइन Image Credit: freepik

Bitcoin in India: भले ही भारत में सरकार और RBI की तरफ से Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को किसी तरह का लीगल स्टेटस नहीं दिया है. लेकिन, इसके बाद भी भारतीय जमकर बिटकॉइन में निवेश कर रहे हैं. क्रिप्टो विश्लेषक फ्रेड क्रूगर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में बताया कि भारतीय निवेशकों के पास करीब 10 लाख बिटकॉइन (BTC) हैं, जिनका मूल्य लगभग 120 अरब डॉलर है. यह अमेरिका (7.8 मिलियन BTC) के बाद और यूरोप (0.9 मिलियन BTC) से आगे है. यह उपलब्धि मुख्य रूप से भारत की युवा, तकनीक-प्रेमी आबादी के कारण संभव हुई है, जो डिजिटल संपत्तियों को तेजी से अपना रही है.

युवाओं की बढ़ रही दिलचस्पी

BTC चेनालिसिस, 2024 के आंकड़े बताते हैं कि भारत में 10.7 करोड़ क्रिप्टो यूजर हैं. इनमें से ज्यादातर की उम्र 35 साल से कम है. युवाओं का क्रिप्टोकरेंसी में तेजी से बढ़ता रुझान उनकी दिलचस्पी दिखाता है. इसके अलावा BTC का इस्तेमाल लॉन्गटर्म इन्वेस्टर महंगाई से बचाव और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के लिए भी कर रहे हैं.

टैक्स पॉलिसी करा रही बड़ा नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी निवेश के मामले में भारतीयों की कामयाबी की कहानी के पीछे कई चुनौतियां भी हैं. CoinDCX के CEO सुमित गुप्ता देश में क्रिप्टोकरेंसी पर लगने वाले टैक्स पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि असल में सख्त टैक्स पॉलिसी भारत को अरबों रुपये का नुकसान करा रही है. 1% टीडीएस और 30% पूंजीगत लाभ कर के कारण अधिकांश भारतीय निवेशक विदेशी एक्सचेंजों का उपयोग कर रहे हैं.

गुप्ता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने क्रिप्टो आयकर से 437 करोड़ जमा किए, जो पिछले वर्ष से 62% ज्यादा है. लेकिन हाई टैक्स रेट की वजह से 2,634 करोड़ का कारोबार विदेशी एक्सचेंजों में चला गया. इसके साथ ही उन्होंने सुझाव दिया है कि 1% टीडीएस को हटाया जाए. इसके अलावा 30 के कैपिटल गेन टैक्स को भी घाटाया जाए. इससे घरेलू व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और टैक्स रेवेन्यू 5,000 करोड़ सालाना तक पहुंच सकता है.

जोखिमों के बीच भी निवेश जारी

भारतीय निवेशकों को एक तरफ नियामकीय अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ क्रिप्टो चोरी, हैकिंग जैसे खतरे भी हैं. पिछले महीने Coindcx 19 जुलाई 2025 को 4.4 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ. हालांकि, इसके बाद भी क्रिप्टो एसेट्स में भारतीय निवेशक बने हुए हैं.