Mazagon Dock vs GRSE: शिप बिल्डिंग का बादशाह कौन? जानें ऑर्डर बुक, रिटर्न और प्रोजेक्ट में कौन है दमदार
भारत की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स (GRSE) दो बड़े नाम हैं. सरकार ने साल 2035 तक बंदरगाह और शिपिंग क्षेत्र में 82 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है.

Mazagon Dock vs Garden Reach Shipbuilders: भारत की शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री में मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स (MDL) और गार्डन रीच शिप बिल्डर्स (GRSE) दो बड़े नाम हैं. सरकार ने साल 2035 तक बंदरगाह और शिपिंग क्षेत्र में 82 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है. भारत का 95% व्यापार वॉल्यूम और 70% समुद्री रास्तों से होता है, इसलिए शिप बिल्डिंग बहुत महत्वपूर्ण है. वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने शिप बिल्डिंग फाइनेंशियल असिस्टेंस पॉलिसी (SBFAP) 2.0 को बढ़ाया और भारतीय शिपयार्ड्स को सपोर्ट करने के लिए 18,090 करोड़ रुपये दिए. ऐसे में आइए जानते है कि दोनों कंपनियों का में से कौन है शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री का बादशाह?
कंपनियों का प्रदर्शन
मझगांव डॉक की मार्केट वैल्यू 1.34 लाख करोड़ रुपये है. शुक्रवार को इसके शेयर 2.5% बढ़कर 3,369.25 रुपये पर पहुंचे. पिछले एक साल में इसके शेयर ने 19% का रिटर्न दिया, लेकिन एक महीने में 2% गिरावट आई. दूसरी ओर, गार्डन रीच की मार्केट वैल्यू 34,059 करोड़ रुपये है. इसके शेयर 3.3% बढ़कर 3,040.35 रुपये पर पहुंचे. एक साल में 11% का रिटर्न मिला, लेकिन एक महीने में 11% की गिरावट आई.
ऑर्डर बुक
मझगांव डॉक के पास मार्च 2025 तक 32,260 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं. इसमें से 20,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर हाई-मार्जिन, फिक्स्ड-प्राइस कॉन्ट्रैक्ट्स हैं. इसमें 15 ब्रावो, 17 अल्फा, और P-75 कलवरी-क्लास सबमरीन शामिल है. बाकी ऑर्डर में मार्जिन कम है. दूसरी ओर, गार्डन रीच के पास 22,680 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं. इनमें 9 प्रोजेक्ट्स और 40 प्लेटफॉर्म शामिल हैं. इनमें P-17 अल्फा फ्रिगेट्स (11,435 करोड़), एंटी-सबमरीन शैलो वाटरक्राफ्ट (3,946 करोड़), नेक्स्ट-जेन ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स (3,327 करोड़), सर्वे वेसल्स (530 करोड़), और निर्यात प्रोजेक्ट्स (1,200 करोड़) शामिल हैं.
झगांव डॉक बनाम गार्डन रीच शिपबिल्डर्स
डिटेल | मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) | गार्डन रीच शिपबिल्डर्स (GRSE) |
---|---|---|
मार्केट वैल्यू | 1.34 लाख करोड़ रुपये | 34,059 करोड़ रुपये |
पिछले 1 साल का रिटर्न | 19% बढ़ा | 11% बढ़ा |
करेंट शेयर प्राइस | 3,329 | 2,974 |
ऑर्डर बुक | 32,260 करोड़ रुपये (20,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर ज्यादा मुनाफा देते हैं) | 22,680 करोड़ रुपये (9 प्रोजेक्ट्स, 40 प्लेटफॉर्म्स) |
प्रोजेक्ट्स | 15 ब्रावो, 17 अल्फा, पी-75 कालवरी-क्लास पनडुब्बियां | पी-17 अल्फा फ्रिगेट्स, एंटी-सबमरीन शैलो वाटरक्राफ्ट, नेक्स्ट-जेन ऑफशोर पेट्रोल वेसल्स आदि |
भविष्य के ऑर्डर | 2-2.5 लाख करोड़ रुपये (अगले 18-24 महीनों में, पी-75, पी-75(I), 17 ब्रावो, MCMV प्रोजेक्ट्स) | – |
नए ऑर्डर की संभावना | पी-75 पनडुब्बियों के लिए 30,000-40,000 करोड़ रुपये (1-2 महीने में अनुबंध संभावित) | निर्यात प्रोजेक्ट्स (मल्टीपर्पज वेसल्स, ड्रेजर्स) में 1,200 करोड़ रुपये |
क्या है भविष्य?
मझगांव डॉक का पिछले साल इसकी आय 20% से ज्यादा बढ़ी, लेकिन अब यह 8-10% सालाना बढ़ने की उम्मीद है. नए बड़े ऑर्डर जैसे P-75 और P-75(I) में देरी के कारण आय में कुछ कमी आ सकती है. कंपनी को उम्मीद है कि FY26 में P-75 और P-75(I) सबमरीन के नए कॉन्ट्रैक्ट्स मिलेंगे. इससे ऑर्डर बुक 32,000 करोड़ से बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो सकती है. अगले 18-24 महीनों में 2-2.5 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की संभावना है. इसमें P-75, P-75(I), 17 ब्रावो फ्रिगेट्स (70,000 करोड़), और MCMV (44,000 करोड़) शामिल हैं. P-75 के अतिरिक्त सबमरीन कॉन्ट्रैक्ट्स 30,000-40,000 करोड़ रुपये के हो सकते हैं. कंपनी ने छोटे जहाज बनाने के लिए पोर्ट से जमीन ली है और 4,000 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश प्लान किया है.
कौन आगे है?
मझगांव डॉक का ऑर्डर बुक बड़ा और हाई-मार्जिन प्रोजेक्ट्स से भरा है, जो इसे मजबूत स्थिति देता है. गार्डन रीच के पास कई प्रोजेक्ट्स हैं, लेकिन ऑर्डर वैल्यू और मार्केट कैप में यह मझगांव से पीछे है. मझगांव डॉक फिलहाल इंडस्ट्री में ज्यादा दमदार दिखता है, खासकर बड़े ऑर्डर और भविष्य की योजनाओं के कारण.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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