मजबूत फंडामेंटल, दमदार ग्रोथ प्लान फिर भी 52 हफ्ते लो पर ये 5 स्टॉक, 500% तक रिटर्न का रिकॉर्ड, लिस्ट में सारे दिग्गज
निफ्टी ने हाल ही में रिकॉर्ड हाई को पार किया है, लेकिन निफ्टी-500 इंडेक्स सुस्त प्रदर्शन कर रहा है. कई मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों के शेयर 52-सप्ताह के निचले स्तर के पास पहुंच गए हैं. मौजूदा गिरावट लंबे समय के निवेशकों के लिए बेहतरीन अवसर दे सकती है. यहां पांच ऐसी मजबूत कंपनियों के बारे में बताया गया हैं जिनके बिजनेस मॉडल और ग्रोथ प्लान अभी भी दमदार बने हुए हैं, लेकिन वे अपना 52 वीक लो के करीब कारोबार कर रही है.
5 Stocks at 52 Week Low: Nifty और Sensex ने हाल ही में रिकॉर्ड हाई बनाया है. इस हाई के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, लेकिन निफ्टी-500 इंडेक्स पिछले एक साल में सिर्फ 2.41 फीसदी ही चढ़ पाया है. ज्यादातर सेक्टर और स्टॉक गहरी गिरावट का शिकार हैं. इस मंदी में कई ऐसी मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियां भी 52-सप्ताह के निचले स्तर के आस-पास पहुंच गई हैं, जो लंबे समय के निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर दे रही हैं. यहां हम पांच ऐसी ही निफ्टी-500 कंपनियों की बात कर रहे हैं जिनके बिजनेस मॉडल, बैलेंस शीट और ग्रोथ प्लान अभी भी मजबूत हैं.
ITC
ITC भारत की सबसे बड़ी सिगरेट बनाने वाली कंपनी होने के साथ-साथ FMCG, पेपरबोर्ड, पैकेजिंग और एग्री बिजनेस में भी मजबूत पकड़ रखती है. कंपनी के पास आशीर्वाद, सनफीस्ट, यीप्पी, क्लासमेट, विमल, सैवलॉन जैसे 25 से ज्यादा वर्ल्ड-क्लास भारतीय ब्रांड हैं जो 26 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंचते हैं. पिछले दो दशकों में नॉन-सिगरेट बिजनेस 40 गुना बढ़ चुका है और अब कुल नेट सेगमेंट रेवेन्यू का करीब दो-तिहाई हिस्सा यहीं से आता है. इसके शेयर 403.05 रुपये पर कारोबार कर रही है, जो इसके 52 वीक लो 399.05 रुपये से केवल 4 रुपये ही अधिक है. पांच साल में इसके शेयर में 103 फीसदी की तेजी आई है.
सितंबर 2025 तिमाही में रेवेन्यू 2.4 फीसदी घटकर 195 अरब रुपये रहा, लेकिन PAT 2.6 फीसदी बढ़कर 51.9 अरब रुपये हो गया. भारी बारिश और नए GST सिस्टम के कारण FMCG सेगमेंट प्रभावित हुआ, जबकि सिगरेट बिजनेस 6.8 फीसदी बढ़ा. कंपनी अब “मदर ब्रांड” स्ट्रैटेजी के तहत आशीर्वाद को डेयरी-स्पाइसेज, सनफीस्ट को केक-डेयरी बेवरेजेज और सैवलॉन को सैनिटाइजर-वाइप्स में विस्तार दे रही है.
Tata Moters (PV)
टाटा मोटर्स की पैसेंजर व्हीकल और यूटिलिटी व्हीकल बिजनेस (JLR को छोड़कर) भारत में दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर है और अक्टूबर 2025 में 13.7 फीसदी मार्केट शेयर के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में 42 फीसदी हिस्सेदारी रखती है. कंपनी 100 से ज्यादा देशों में मौजूद है. डीमर्जर के बाद यह स्टॉक अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 324 रुपये से सिर्फ 10 फीसदी ऊपर कारोबार कर रहा है. यानी इसके शेयर 356.45 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. पांच साल में निवेशकों को 93 फीसदी का रिटर्न मिला है.
JLR के 24 फीसदी रेवेन्यू गिरने से Q2 FY26 में कुल रेवेन्यू 13.5 फीसदी घटकर 723.5 अरब रुपये रहा. हालांकि भारतीय बिजनेस 15 फीसदी बढ़ा और EV सेल्स रिकॉर्ड 24,900 यूनिट्स रही. EV का EBITDA मार्जिन 8 फीसदी तक सुधरा. मैनेजमेंट का मानना है कि H2 FY26 काफी मजबूत रहेगा – JLR में रिकवरी, घरेलू बाजार में सिएरा लॉन्च और GST कटौती से फायदा होगा.
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TCS
TCS दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी IT सर्विसेज कंपनी है और एप्लीकेशन डेवलपमेंट, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, AI, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी जैसे लगभग सभी क्षेत्रों में सर्विस देती है. ग्लोबल IT स्पेंड में कटौती और क्लाइंट्स के देरी से फैसले लेने की वजह से शेयर अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर से सिर्फ 9.4 फीसदी ऊपर है. इसके शेयर 3229.20 रुपये पर कारोबार कर रहा है. इसके पांच साल में केवल 19 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Q2 FY26 में रेवेन्यू 2.4 फीसदी बढ़कर 658 अरब रुपये और ऑपरेटिंग मार्जिन 110 bps सुधरकर 25.2 फीसदी रहा. PAT 1.5 फीसदी बढ़ा. कंपनी ने $10 बिलियन का नया ऑर्डर बुक किया. TCS अब AI-led टेक्नोलॉजी सर्विसेज में दुनिया की नंबर-1 कंपनी बनने की दौड़ में है. इसके लिए $7 बिलियन का डेटा सेंटर निवेश पाइपलाइन (1 GW क्षमता) और सॉवरेन क्लाउड बिजनेस लॉन्च किया जा रहा है, जिससे FY28 से लंबी अवधि के हाई-मार्जिन एनुइटी रेवेन्यू की शुरुआत होगी.
Trent
टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट वेस्टसाइड, ज़ूडियो, उत्सा, समोह और स्टार हाइपरमार्केट चलाती है तथा भारत में जारा और मासिमो दुत्ती की फ्रैंचाइज भी रखती है. सितंबर 2025 तक कंपनी के पास 1,101 स्टोर (जूडियो 806, वेस्टसाइड 261) थे. धीमी सेल्स ग्रोथ के कारण शेयर अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 4,158 रुपये से 1.4 फीसदी अधिक 4215.80 रुपये पर कारोबार कर रहा है. पांच साल में इसने 519 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है.
Q2 FY26 में रेवेन्यू 17 फीसदी बढ़कर 47.2 अरब रुपये और PAT 6 फीसदी बढ़ा. ब्यूटी, इनरवियर और फुटवियर जैसे इमर्जिंग कैटेगरी अब 21 फीसदी रेवेन्यू दे रही हैं. हाल के GST कट से डिस्क्रीशनरी स्पेंडिंग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे ट्रेंट को सीधा फायदा होगा.
Power Grid Corporation of India
पावर ग्रिड भारत में करीब 50 फीसदी बिजली ट्रांसमिशन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है और इसका लगभग मोनोपॉली स्टेटस है. कंपनी का शेयर अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 247 रुपये से सिर्फ 8.5 फीसदी ऊपर 269.10 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. पांच साल में इसने 147 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Q2 FY26 में रेवेन्यू 113.5 अरब रुपये रहा, लेकिन PAT 4 फीसदी घटा. अगले दशक में पावर सेक्टर में 40 लाख करोड़ रुपये का कैपेक्स आने वाला है, जिसमें ट्रांसमिशन सेगमेंट में 2 लाख करोड़ रुपये का हिस्सा पावर ग्रिड को मिलने की उम्मीद है. कंपनी ने FY26-27 के लिए 28,000 करोड़ और FY27-28 के लिए 35,000 करोड़ और 45,000 करोड़ का कैपेक्स गाइडेंस दिया है. इसके अलावा कंपनी डेटा सेंटर और बैटरी एनर्जी स्टोरेज में भी कदम रख रही है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.