Reliance, Wipro और Airtel समेत इन 48 कंपनियों के प्रमोटर्स ने घटाई हिस्सेदारी, 10% तक की कम; जानें वजह

पिछले कुछ तिमाहियों में प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं. इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, विप्रो, भारती एयरटेल और आयशर मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी जून तिमाही में थोड़ी कम होकर 50.07 फीसदी हो गई. यह पिछली तिमाही में 50.11 फीसदी थी.

इन 48 कंपनियों के प्रमोटर्स का मोहभंग Image Credit: Money 9 Live

Promotors reduce stakes: पिछले कुछ तिमाहियों में प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं. दरअसल, निफ्टी 500 इंडेक्स की 48 कंपनियों के प्रमोटर पिछले चार तिमाहियों से अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं. इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, विप्रो, भारती एयरटेल और आयशर मोटर्स जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी जून तिमाही में थोड़ी कम होकर 50.07 फीसदी हो गई. यह पिछली तिमाही में 50.11 फीसदी थी. पिछले साल की पहली तिमाही में यह 50.33 फीसदी थी.

महिंद्रा एंड महिंद्रा में प्रमोटर की हिस्सेदारी जून तिमाही में 18.44 फीसदी हो गई. यह मार्च तिमाही में 18.45 फीसदी थी. पिछले साल की पहली तिमाही में यह 18.56 फीसदी थी. भारती एयरटेल में भी प्रमोटर की हिस्सेदारी पिछले चार तिमाहियों में कम हुई. जून तिमाही में यह 51.25 फीसदी थी, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में 53.17 फीसदी थी.

कंपनी का नामQ1FY26 में प्रमोटर होल्डिंग (%)Q1FY25 में प्रमोटर होल्डिंग (%)अंतर (%)
E.I.D. – Parry (India)41.5442.230.69
HFCL31.5837.636.05
Lupin46.9046.980.08
Reliance Industries50.0750.330.26
Patanjali Foods68.8372.813.98
Mahindra & Mahindra18.4418.560.12
Zensar Technologies49.0649.170.11
Eicher Motors49.0749.110.04
Coromandel International56.9057.310.41
JB Chemicals & Pharmaceuticals47.7353.776.04
Wipro72.6672.820.16
Cholamandalam Investment49.9050.330.43
Mastek35.9536.250.30
KFin Technologies22.9033.0610.16
Mphasis40.1040.350.25
Marico59.0359.280.25
IndusInd Bank15.8216.380.56
Axis Bank8.178.310.14
Bharti Airtel51.2553.171.92
Oracle Financial Services Software72.5672.710.15
Motilal Oswal Financial Services67.8069.041.24
V-Guard Industries54.2854.420.14
Chalet Hotels67.4067.520.12
Nuvama Wealth Management54.7355.680.95
HDFC Asset Management Company52.4452.520.08
Nippon Life India Asset Management72.2572.660.41
Angel One28.9735.636.66
ICICI Prudential Life Insurance Company72.9673.180.22
Aditya Birla Fashion and Retail46.5751.975.40
Tejas Networks53.7355.501.77
Dixon Technologies (India)28.9533.244.29
Polycab India63.0165.022.01
ICICI Lombard General Insurance Company51.4651.810.35
Lodha Developers71.9072.130.23
L&T Finance66.1666.370.21
Aadhar Housing Finance75.5076.480.98
Eris Lifesciences54.8354.880.05
Kirloskar Oil Engines41.1341.180.05
360 One Wam6.2715.799.52
Affle 3i55.0055.140.14
Home First Finance Company India12.4323.4511.02
Aditya Birla Capital68.7668.980.22
Tube Investments of India44.0945.040.95
Intellect Design Arena29.8730.260.39
AU Small Finance Bank22.8522.920.07
SBFC Finance53.1955.192.00
Go Digit General Insurance73.1073.580.48
Sapphire Foods India26.0730.824.75
Source: Ace Equities

आईटी कंपनी विप्रो में प्रमोटर की हिस्सेदारी इस साल की पहली तिमाही में 72.66 फीसदी थी. यह पिछले साल 72.82 फीसदी थी. प्रमोटर की हिस्सेदारी कम होने के कई कारण हो सकते हैं और यह जरूरी नहीं कि यह कंपनी के लिए बुरी खबर हो. Upstox के हवाले से मार्केट एक्सपर्ट कुणाल हर्ष का कहना है कि यह प्रमोटर की भविष्य में कंपनी पर कम भरोसे की वजह से हो सकता है, लेकिन अन्य कारण भी हो सकते हैं. प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी लंबी अवधि की वित्तीय योजना, निवेश में विविधता लाने, नए कारोबार के लिए पूंजी जुटाने या निजी जरूरतों के लिए कम कर सकते हैं.

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