नए हाई पर Sensex-Nifty, फिर भी रिटेल निवेशकों ने 2 महीने में बेच दिए ₹25000 करोड़ के शेयर, क्या है डर का कारण

Sensex और Nifty नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के बावजूद रिटेल निवेशक लगातार बाजार से दूरी बना रहे हैं. अक्टूबर और नवंबर में उन्होंने लगभग 25300 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. निवेशकों की चिंता बढ़ी वोलैटिलिटी, वैल्यूएशन और ग्लोबल अनिश्चितता के कारण बढ़ रही है. बाजार चढ़ रहा है लेकिन रिटेल भावना कमजोर रहने से यह प्रवृत्ति निवेश पैटर्न पर बड़ा असर डाल सकती है.

रिटेल निवेशक लगातार बाजार से दूरी बना रहे हैं. Image Credit:

Retail Investors: भारतीय शेयर बाजार में अक्टूबर और नवंबर में भारी तेजी देखने को मिली, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए. लेकिन नेशनल स्टॉक्स एक्सचेंज के ताजा आंकड़ों में हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. जब भारतीय बाजार रिकॉर्ड तोड रहा था, तब रिटेल निवेशक भारी बिकवाली कर रहे थे. दो महीने की अवधि में छोटे निवेशकों ने करीब 25300 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए. उम्मीद थी कि तेजी से निवेशकों का सेंटिमेंट मजबूत होगा, लेकिन इसके उलट देखने को मिला कि डर और अनिश्चितता के कारण निवेशक पीछे हट रहे हैं.

रिटेल निवेशकों ने दो महीने में की बड़ी बिकवाली

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ो के अनुसार, अक्टूबर में रिटेल निवेशकों ने लगभग 13776 करोड़ की बिकवाली की. इसके बाद नवंबर में भी उन्होंने 11544 करोड़ के शेयर बेच दिए. यह लगातार दो महीने भारी बिक्री का संकेत है. आमतौर पर तेजी के दौर में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ती है, लेकिन इस बार उन्होंने उल्टा रुख अपनाया.

बाजार में तेजी लेकिन भरोसा कम

अक्टूबर और नवंबर में सेंसेक्स और निफ्टी में अच्छी बढ़त हुई. दोनों इंडेक्स अक्टूबर में 4 फीसदी से अधिक चढ़े और नवंबर में भी 2 फीसदी का उछाल आया. इसके बावजूद रिटेल निवेशकों ने बाजार पर भरोसा नहीं जताया. बढ़ती सुर्खियों और नए हाई के बाद भी इन निवेशकों को गिरावट का डर सता रहा है.

अस्थिरता और वैल्यूएशन की चिंता

रिटेल निवेशक हाई वैल्यूएशन और बाजार की अस्थिरता से परेशान हैं. कई सेक्टर पहले ही महंगे स्तर पर हैं. निवेशकों को लग रहा है कि अचानक गिरावट आ सकती है. यही वजह है कि मुनाफा सुरक्षित रखने के लिए वे तेजी के बीच बेच रहे हैं.

ग्लोबल माहौल का भी असर

अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थितियों का भी रिटेल निवेशकों पर प्रभाव पड़ रहा है. अमेरिका और यूरोप के आर्थिक संकेतक, ब्याज दरों में बदलाव की आशंका और विदेशों में बिकवाली जैसी बातों से डर बढ़ रहा है. इन बाहरी वजहों के कारण निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं.

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आगे क्या रुख रह सकता है

आने वाले महीनो में निवेशकों का रुख कई घरेलू और विदेशी कारको पर निर्भर करेगा. अगर बाजार में स्थिरता आती है और आर्थिक माहौल बेहतर दिखता है, तो रिटेल निवेशक फिर वापसी कर सकते हैं. लेकिन फिलहाल उनका रुख सतर्क और बचाव वाला ही दिखाई दे रहा है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.