1242% तक रिटर्न देने वाले सेमीकंडक्टर स्टॉक का कहीं पलट ना जाए पासा! जानें क्या है रिस्क, किन पर होगा सीधा असर?
सेमीकंडक्टर सेक्टर में अब चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया जैसे दिग्गज देशों के अलावा भारत भी अपने कदम बढ़ा रहा है. जिसकी वजह से इस क्षेत्र से जुड़ी भारतीय कंपनियों के शेयरों में भी बढ़त की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन यूएस टैरिफ की वजह से इन सेमीकंडक्टर स्टॉक्स का पासा उल्टा पड़ता नजर आ रहा है.
Semiconductor stocks: भारत अब महज कपड़ा, जेम्स-ज्वेलरी या कमोडिटी के एक्सपोर्टर तक ही सीमित नहीं है. बल्कि अब ये हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. यही वजह है कि भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है, जिसकी वजह से इससे जुड़े स्टॉक्स में पिछले कुछ समय से अच्छी ग्रोथ देखने को मिल रही है, लेकिन अमेरिकी टैरिफ की तलवार इस ग्रोथ की रफ्तार पर असर डाल सकती है. जिससे सेमीकंडक्टर स्टॉक्स का पासा पलटने का डर है.
इन कंपनियों का बिगड़ सकता है खेल
भारत की कुछ कंपनियां जो सेमीकंडक्टर फील्ड में चमक रही हैं, उनमें टाटा एल्क्सी और HCL टेक चिप डिजाइन और R&D में ग्लोबल लीडर हैं. इसके अलावा डिक्सन टेक्नोलॉजीज इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में मजबूत पकड़ रखती है, जबकि SPEL सेमीकंडक्टर ATP सेगमेंट में अहम भूमिका निभा रही है. इसके अलावा छोटी कंपनियां, जैसे मोसचिप टेक्नोलॉजीज और RIR पावर इलेक्ट्रॉनिक्स भी इस इकोसिस्टम का हिस्सा हैं. वहीं MIC इलेक्ट्रॉनिक्स LED डिस्प्ले के लिए सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी में योगदान दे रही है. मगर यूएस के टैरिफ लगाए जाने से इन भारतीय कंपनियों को नुकसान पहुंच सकता है.
Tata Elxsi – इसके शेयर की वर्तमान कीमत 5478 रुपये है. अभी भले ही इसमें गिरावट है, लेकिन 5साल में इसने 396 फीसदी का रिटर्न दिया है.
HCL Technologies – इसके शेयर की वर्तमान कीमत 1492 रुपये है. अभी भले ही इसमें गिरावट है, लेकिन 5साल में इसने 109 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Dixon Technologies – इसके शेयर की वर्तमान कीमत 16668 रुपये है. अभी भले ही इसमें गिरावट है, लेकिन 5साल में इसने 894 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Spel Semiconductor – इसके शेयर की वर्तमान कीमत 127 रुपये है. अभी भले ही इसमें गिरावट है, लेकिन 5साल में इसने 1242 फीसदी का रिटर्न दिया है.
चुनौतियां क्या हैं?
कच्चे माल की कमी – जानकारों के मुताबिक मीकंडक्टर-ग्रेड सिलिकॉन, अल्ट्रा प्योर वॉटर, और स्पेशल केमिकल्स की घरेलू सप्लाई का न होना इस क्षे. .
स्किल गैप – डिज़ाइन में भले ही भारत आगे है, लेकिन फैब्रिकेशन और ATP के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स की कमी है.
R&D और इन्फ्रास्ट्रक्चर – लगातार इनोवेशन के लिए भारी निवेश चाहिए, जो अभी भी चुनौती है.
प्रतिस्पर्धा – ताइवान, दक्षिण कोरिया, और अमेरिका जैसी स्थापित ताकतों से मुकाबला आसान नहीं है.
सेमीकंडक्टर की रेस में भारत उभरता सितारा
सेमीकंडक्टर आज की डिजिटल दुनिया की रीढ़ हैं, और भारत इस क्षेत्र में अपनी जगह बनाने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है. अभी ग्लोबल लेवल पर ताइवान, चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान इस इंडस्ट्री पर राज करते हैं, लेकिन भारत अब इस रेस में शामिल हो चुका है. इसलिए ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां चीन और ताइवान से अपनी सप्लाई चेन को डायवर्सिफाई करना चाहती हैं, और भारत अपनी बढ़ती इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम और सरकार की योजनाओं के दम पर इस मौके को भुनाने को तैयार है.
क्या है भारत की ताकत?
भारत का सबसे बड़ा हथियार उसके पास मौजूद टैलेंटेड टीम का होना है. भारतीय इंजीनियर दशकों से ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में चिप डिजाइन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहे हैं. भारतीय कंपनियां, जैसे टाटा एल्क्सी और HCL टेक, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव और टेलीकॉम के लिए खास चिप्स डिजाइन करती हैं. इसके अलावा, डिक्सन टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज (EMS) और असेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग (ATP) में बेस बना रही हैं. भारत सरकार की इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) और प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम इस सेक्टर को मजबूती दे रही हैं.
छोटे खिलाडि़यों का बड़ा योगदान
BSE Smallcap इंडेक्स में कई कंपनियां हैं जो भारत के सेमीकंडक्टर मिशन में अहम भूमिका निभा रही हैं.
Moschip Technologies – एक फेबलैस सेमीकंडक्टर कंपनी जो चिप डिज़ाइन और एम्बेडेड सिस्टम्स में माहिर है, जो इस प्रकार है.
RIR Power Electronics – पावर सेमीकंडक्टर डिवाइसेस बनाती है, जो इंडस्ट्रियल और कंज्यूमर एप्लिकेशन में जरूरी हैं.
MIC Electronics – LED डिस्प्ले में काम करती है, जिसमें सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी की जरूरत होती है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.