स्मॉल कैप स्टॉक्स में क्यों हैं निवेश का मौका? ये 5 मंत्र बताएंगे कौनसी बेहतरीन कंपनियां दे सकती है मुनाफा

Small Cap Stocks में अभी क्यों है निवेश का मौका. स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश के लिए कंपनी का लंबा ट्रैक रिकॉर्ड, मजबूत वित्तीय हालत, उद्योग की स्थिति, मैनेजमेंट का अनुभव और डिविडेंड पॉलिसी महत्वपूर्ण हैं. यहां डिटेल में समझें....

स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश का मौका? Image Credit: Money9live/Canva]

Small Cap Stocks: शेयर बाजार भारत के हो या दुनिया भर के, हर जगह निवेशक सतर्क हैं क्योंकि अनिश्चितता का माहौल है. अब जरा सोचिए कोई आपसे कहे कि स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश को लेकर प्लान करना चाहिए तो शायद आपको लगेगा फिलहाल  ऐसा करना समझदारी का काम नहीं है. लेकिन अब दोबारा सोचिए. पिछले कुछ महीनों में, स्मॉल कैप शेयर्स बहुत महंगे हो गए थे क्योंकि हर किसी को उसमें बड़ा मुनाफा नजर आ रहा था लेकिन फिर गिरावट आई जिसके बाद उनमें थोड़ा करेक्शन हुआ है. इसलिए इनमें से कुछ कंपनियों के शेयर्स पर नजर डाल सकते हैं जिनके प्रोडक्ट या सर्विस अच्छी है, फाइनेंशियल बेहतर है, संभावनाएं ज्यादा हैं. तो चलिए जानते हैं…

ये बात सही है कि शेयर्स की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है लेकिन क्या ये गिरावट इसलिए आई क्योंकि कंपनियों की स्थिति डगमगा गई है. नहीं. ये गिरावट बाजार में बनी अनिश्चितता की वजह से है. अग कोई अच्छी स्मॉल कैप कंपनियों के स्टॉक्स को लंबे समय के लिए रखता है तो रिस्क लेकर भी अच्छे रिटर्न कमाए जा सकते हैं. स्मॉल कैप स्टॉक्स मजबूत हैं, तो डरने की कोई जरूरत नहीं है.

स्मॉल कैप स्टॉक्स: इन 5 मंत्रों को याद रखें

  • कंपनी का एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड होना चाहिए. जरूरी नहीं कि वो हमेशा से लिस्टेड हो, लेकिन उसका वजूद लंबे समय से हो.
  • कंपनी की वित्तीय हालत मजबूत होनी चाहिए. इसके लिए दो चीजें देखें, रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (RoCE). ये दोनों मापदंड बताते हैं कि कंपनी कितनी मजबूत है.
  • कंपनी जिस इंडस्ट्री में है वो भी मायने रखती है. अगर कोई कंपनी किसी खास और कम भीड़ वाली इंडस्ट्री की लीडर है, तो उस पर और ध्यान देना चाहिए. देखना चाहिए कि उस इंडस्ट्री का स्कोप क्या है और कंपनी की उसमें क्या स्थिति है.
  • कंपनी के मालिक या मैनेजमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है. क्या उन्होंने पहले जो कहा, वो किया? क्या उनके फैसले कंपनी के भले के लिए रहे? ये सब चीजें सालाना रिपोर्ट में मिलती हैं और जाननी जरूरी हैं.
  • अगर कंपनी रेगुलर डिविडेंड देती है, तो ये संकेत हो सकता है कि उसकी वित्तीय हालत ठीक है. वहीं, अगर डिविडेंड नहीं दे रही है तो उसके पीछे क्या वजह है? क्या वो ग्रोथ में पैसा लगा रही है? नहीं तो सवाल पूछना जरूरी है.

और सबसे जरूरी बात स्टॉक मत खरीदो, ऐसा बिजनेस खरीदो जो आगे बढ़ेगा.

जरूरी फैक्टर- टाइम रिस्क

प्राइस रिस्क शायद आप समझते होंगे जिसका मतलब शेयर का दाम गिर गया. लेकिन टाइम रिस्क क्या होता है? इसका मतलब है कि आपने कोई अच्छा शेयर खरीदा है, लेकिन वो लंबे समय तक कोई प्रदर्शन नहीं कर रहा. इसका कारण बड़े स्तर की आर्थिक स्थितियां हो सकती हैं या फिर किसी सेक्टर का बदलाव.

हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के उदाहरण से समझते हैं. ये पूरा सेक्टर एक तरह के बदलाव से गुजर रहा है. लेकिन क्योंकि इस तरह के बिजनेस की डिमांड हमेशा बनी रहती है, इसलिए उम्मीद है कि कुछ समय बाद यह सेक्टर दोबारा तेजी पकड़ेगा.

यानी टाइम रिस्क का मतलब ये नहीं कि आपने गलत स्टॉक खरीदा है. हो सकता है कि वो थोड़े समय तक सुस्त चले, लेकिन क्योंकि कंपनी का बिजनेस अच्छा है, तो आखिरकार वो आपको अच्छा रिटर्न देगा और आपका धैर्य रिवॉर्ड में बदलेगा.