ट्रंप के टैरिफ संकेत से हिला भारतीय चावल बाजार, KRBL, LT Foods समेत राइस स्टॉक्स एक झटके में 10% तक धड़ाम
ट्रंप ने सिर्फ चावल ही नहीं, बल्कि अन्य प्रोडक्ट पर भी टैरिफ बढ़ाने के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि कनाडा से आने वाले फर्टिलाइजर पर भी ज्यादा शुल्क लगाया जा सकता है. अमेरिका में खेती के लिए पोटाश और फॉस्फेट बेहद जरूरी हैं, और कनाडा इनके बड़े सप्लायरों में से एक है.
Rice Stocks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान ने मंगलवार, 9 दिसंबर को भारतीय चावल निर्यातक कंपनियों के शेयरों को जोरदार झटका दिया. ट्रंप ने इशारा किया कि अमेरिका भारत से होने वाले चावल आयात पर नए टैरिफ यानी आयात शुल्क लगा सकता है. इस संकेत के बाद निवेशकों में डर बढ़ गया और कई राइस स्टॉक्स अचानक गिरावट में चले गए. सबसे ज्यादा नुकसान कोहिनूर फूड्स को हुआ.
इन कंपनियों के शेयरों को झटका
कोहिनूर फूड्स का शेयर करीब 9.9 फीसदी टूटकर 24.41 रुपये तक फिसल गया, जो इसका दिन का सबसे निचला स्तर और 52-सप्ताह का लो भी है. LT Foods का शेयर 6.5% गिरकर 368 रुपये तक पहुंच गया, जबकि KRBL 2.7% टूटकर 370.05 रुपये पर आ गया. चमन लाल सेतिया एक्सपोर्ट्स में भी लगभग 4.5% की गिरावट दर्ज हुई और शेयर 243.05 रुपये पर आ गया.
ये गिरावट इसलिए आई क्योंकि व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों से आने वाला सस्ता चावल अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि ये देश “डम्पिंग” कर रहे हैं, यानी बहुत कम कीमत पर चावल भेजकर अमेरिकी बाजार को प्रभावित कर रहे हैं. ट्रंप ने कहा, “उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. हम इस पर ध्यान देंगे.” यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी सरकार पर अपने किसानों की मदद करने का दबाव बढ़ रहा है.
अन्य प्रोडक्ट पर भी टैरिफ बढ़ाने के दिए संकेत
ट्रंप ने सिर्फ चावल ही नहीं, बल्कि अन्य प्रोडक्ट पर भी टैरिफ बढ़ाने के संकेत दिए. उन्होंने कहा कि कनाडा से आने वाले फर्टिलाइजर पर भी ज्यादा शुल्क लगाया जा सकता है. अमेरिका में खेती के लिए पोटाश और फॉस्फेट बेहद जरूरी हैं, और कनाडा इनके बड़े सप्लायरों में से एक है. अगर इन पर शुल्क बढ़ा, तो अमेरिकी किसानों की लागत और बढ़ जाएगी. हाल ही में अमेरिका ने पोटाश और फॉस्फेट को ‘क्रिटिकल मिनरल’ की सूची में भी शामिल किया है, जिससे घरेलू प्रोडक्शन बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.
पहले ही भारत पर 50 फीसदी तक का लगा दिया टैरिफ
भारत के लिए यह स्थिति इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकि अमेरिका ने अगस्त में पहले ही भारत पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगा दिया था. यह विवाद भारत की रूस से होने वाली तेल खरीद और अन्य व्यापारिक मुद्दों से जुड़ा है. अब जब अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल भारत आने वाला है, तब भी टैरिफ वापस लेने की उम्मीद बहुत कम दिख रही है. कनाडा के साथ भी अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए हैं. ट्रंप पहले भी सुझाव दे चुके हैं कि कई कनाडाई प्रोडक्ट पर टैरिफ को 45% तक बढ़ाया जा सकता है.
डेटा सोर्स: Groww, ET
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