Waaree Energies vs Premier Energies: किसके पास है मजबूत ऑर्डर बुक तो कौन छाप रहा ज्यादा पैसा, जानें कहां है बेहतर मौका
Waaree Energies और Premier Energies भारत की सौर ऊर्जा इंडस्ट्री के दो प्रमुख खिलाड़ी हैं. यह जानना जरूरी है कि किसके पास है मजबूत ऑर्डर बुक, किसका मार्केट कैप बड़ा है, किस कंपनी का रेवेन्यू और मुनाफा तेजी से बढ़ा है और किसके शेयर ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है. अगर आप भी ग्रीन एनर्जी स्टॉक्स की तलाश में हैं, तो इन कंपनियों पर नजर रख सकते हैं. भारत सहित दुनिया भर में ग्रीन एनर्जी की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में ये एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं.

Waaree Energies vs Premier Energies: भारत का रिन्यूएबल एनर्जी लैंडस्केप तेजी से बदल रहा है. 2023 तक, भारत ने सोलर और विंड एनर्जी क्षमता तथा रिन्यूएबल एनर्जी इंस्टालेशन में विश्व स्तर पर चौथा स्थान हासिल किया था. विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते रिन्यूएबल इलेक्ट्रिसिटी मार्केट के रूप में, भारत 2026 तक अपनी नई क्षमता बढ़ोतरी को दोगुना करने की राह पर है. देश ने 2030 तक 450 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसमें सोलर एनर्जी का योगदान 60 फीसदी (लगभग 280 गीगावाट) होने की संभावना है. इस तेजी से विकसित हो रहे सेक्टर में, वारी एनर्जीज लिमिटेड और प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड सौर ऊर्जा निर्माण के प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरे हैं.
हालांकि दोनों एक ही इंडस्ट्री में सक्रिय हैं, लेकिन इनकी ताकत, रणनीति और बाजार स्थिति अलग-अलग है. तो चलिए आपको बताते हैं कि दोनों कंपनियां एक-दूसरे के मुकाबले कहां टिकती हैं और किसका शेयर प्रदर्शन कैसा रहा है.
कब बनी थी कंपनी
वारी एनर्जीज लिमिटेड की स्थापना 1990 में हुई थी. यह भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल निर्माता कंपनी है. यह कंपनी सोलर पैनल निर्माण, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट, रूफटॉप सोलर सिस्टम और EPC सर्विस जैसी कई सोलर सॉल्यूशन प्रदान करती है.
वहीं, प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड की स्थापना 1995 में हुई थी. यह भारत के सोलर सेक्टर की एक और प्रमुख कंपनी है. इसने हाल ही में अपनी सोलर सेल निर्माण क्षमता को 2 GW से बढ़ाकर 3.2 GW कर दिया है, जिससे यह इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है.
किसकी कितनी है हिस्सेदारी
वारी एनर्जीज के पास FY25 तक लगभग 15 GW की सोलर मॉड्यूल निर्माण क्षमता है, और FY26-27 तक इसमें 4.8 GW और जोड़ने की योजना है. कंपनी के पास 5.4 GW की सोलर सेल निर्माण क्षमता भी है, साथ ही FY27 तक 6 GW की इंगॉट और वेफर सुविधा तैयार होने की उम्मीद है. भारत में सोलर मॉड्यूल शिपमेंट में वारी की बाजार हिस्सेदारी 14.1 फीसदी है, जो इसे इस क्षेत्र में अग्रणी बनाती है.
वहीं, प्रीमियर एनर्जीज की कुल निर्माण क्षमता 11.1 GW है, जिसमें से 6 GW का विस्तार अभी प्रगति पर है. कंपनी सोलर सेल और मॉड्यूल के इंटीग्रेटेड उत्पादन पर ध्यान देती है. वाशिंगटन डी.सी. स्थित निजी इक्विटी निवेशक GEF कैपिटल इस कंपनी में निवेशक है, जो इसकी विकास योजनाओं को मजबूती प्रदान करता है.
कैसा है शेयर का हाल
वारी एनर्जीज का मार्केट कैप 85,935 करोड़ रुपये है. अक्टूबर 2024 में लिस्टिंग के बाद से इसने करीब 27 फीसदी का रिटर्न दिया है. शुक्रवार को इसके शेयर 0.49 फीसदी की गिरावट के साथ 2,971 रुपये पर बंद हुए. कंपनी ने पिछले एक महीने में 3.71 फीसदी का रिटर्न दिया है.
अगर बात प्रीमियर एनर्जीज की करें तो इसका मार्केट कैप 47,795.6 करोड़ रुपये है. सितंबर 2024 में लिस्टिंग के बाद से इस स्टॉक ने लगभग 26 फीसदी का रिटर्न दिया है. शुक्रवार को इसके शेयर 0.49 फीसदी की तेजी के साथ 1,058 रुपये पर बंद हुए. कंपनी ने पिछले एक महीने में 0.49 फीसदी का रिटर्न दिया है.
कितने का है ऑर्डर बुक
FY26 की शुरुआत तक, वारी एनर्जीज का ऑर्डर बुक लगभग 47,000 करोड़ रुपये का रहा. इसमें से 43 फीसदी ऑर्डर भारत से और 57 फीसदी विदेशी बाजारों से प्राप्त हुए. कंपनी के पास वर्तमान में लगभग 25 GW के कन्फर्म्ड ऑर्डर हैं, साथ ही 100 GW से अधिक की बड़ी पाइपलाइन भी मौजूद है.
वहीं, मार्च 2025 तक, प्रीमियर एनर्जीज का ऑर्डर बुक 8,445.6 करोड़ रुपये रहा, जो दिसंबर 2024 के 6,946.1 करोड़ रुपये से अधिक है. इसके ऑर्डर बुक का 73 फीसदी हिस्सा सोलर मॉड्यूल सेगमेंट से आता है, जबकि 27 फीसदी सोलर सेल्स और 0.6 फीसदी EPC प्रोजेक्ट्स से प्राप्त होता है. कंपनी का बिजनेस मुख्य रूप से घरेलू बाजार पर केंद्रित है, जहां 99 फीसदी ऑर्डर भारत से और केवल 1 फीसदी एक्सपोर्ट से आते हैं.
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कैसा है वित्तीय प्रदर्शन
वारी एनर्जीज ने FY25 की चौथी तिमाही में 4,004 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया है, जो पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 36 फीसदी ज्यादा है. कंपनी का नेट प्रॉफिट भी 36 फीसदी बढ़कर 644 करोड़ रुपये हो गया. पिछले 3 सालों में वारी का रेवेन्यू सालाना 72 फीसदी और नेट प्रॉफिट 189 फीसदी की CAGR से बढ़ा है.
वहीं, प्रीमियर एनर्जीज ने FY25 की चौथी तिमाही में 1,621 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया है, जो पिछले साल से 44 फीसदी ज्यादा है. कंपनी का नेट प्रॉफिट 167 फीसदी बढ़कर 278 करोड़ रुपये हो गया. पिछले 3 वर्षों में प्रीमियर का रेवेन्यू सालाना 106 फीसदी से अधिक की CAGR से बढ़ा है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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