Waaree Renewables के शेयर में बड़ी गिरावट, क्या सस्ते में है खरीदारी का गोल्डन चांस; जानें ये 7 फैक्टर्स

Waaree Renewables एक अच्छी कंपनी है जिसका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है और यह सोलर EPC सेक्टर में काम करती है. भारत के सोलर सेक्टर में भविष्य में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है, लेकिन Waaree के स्टॉक का वैल्यूएशन अभी भी थोड़ा ज्यादा है.

Waaree Renewables में निवेश का सही मौका? जानें वजह Image Credit: waaree Renewables

Waaree Renewables में बीते हफ्ते लगभग 5 फीसदी की गिरावट आई है. सोलर के मामले में इस कंपनी को लंबे समय तक मिसाल माना गया. लेकिन अब बीते एक साल की बात करें तो इसके शेयर की हालत गिर गई है. PE रेशियो जो 260 के आसपास था वो अब गिरकर 45 पर है. इसका मतलब स्टॉक में 53% की भारी गिरावट आ चुकी है. स्टॉक सस्ता हो गया है तो क्या इसमें निवेश का मौका आजमाना चाहिए या अभी रुकना चाहिए?

ये है कंपनी का कामकाज

Waaree Renewables सोलर EPC (इंजिनीयरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) सेक्टर में काम करती है. जो कंपनियां खुद सोलर प्लांट नहीं बना सकती, उनके लिए Waaree पूरा काम करती है. डिजाइन से लेकर इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस तक का काम. कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा है. FY23 से अब तक इसका रेवेन्यू और प्रॉफिट चार गुना बढ़ चुका है. इस बिजनेस में कैपिटल बहुत ज्यादा नहीं लगती है इसलिए कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी 60% के आसपास है जो कई बार 90% तक भी पहुंचा है. FY25 तक Waaree ने भारत के सोलर EPC मार्केट में 10% हिस्सा भी कब्जा कर लिया है.

अब आगे क्या?

भारत ने 2030 तक 280 GW और 2035 तक 500 GW सोलर कैपेसिटी का लक्ष्य रखा है. फिलहाल ये आंकड़ा 110 GW के आसपास है. यानी अगले 10 सालों में सोलर सेक्टर में 5 गुना से ज्यादा बढ़त हो सकती है. Waaree का ट्रैक रिकॉर्ड देख कर लगता है कि कंपनी इस ग्रोथ से खूब फायदा उठा सकती है.

लेकिन चुनौतियां भी हैं…

Waaree की चुनौती सोलर के सेक्टर में है. सोलर EPC एक ऐसा सेक्टर है जहां एंट्री करना आसान है. इसलिए इसमें नए-नए प्लेयर आते रहते हैं जो Waaree के मार्जिन और मार्केट शेयर दोनों को चुनौती दे सकते हैं.

बड़ी कंपनियां जैसे टाटा पावर, अडानी ग्रीन, Sterling & Wilson खुद ही अपने EPC प्रोजेक्ट संभालती हैं. तो अगर Waaree अपना रिकॉर्ड बेहतर भी बना ले, फिर भी कोई नया प्लेयर अगर सस्ते में काम करने को तैयार हो, तो उसे प्रोजेक्ट आसानी से मिल सकता है.

Waaree के स्टॉक का प्राइस

मान लीजिए अगर Waaree अगले 10 साल तक अपना 10% मार्केट शेयर बनाए रखती है अगर हर साल भारत की सोलर कैपेसिटी 17% की रफ्तार से बढ़ती है, तो FY35 तक Waaree की कमाई अच्छी हो सकती है. लेकिन आज के भाव पर, कंपनी का फॉरवर्ड P/E FY35 तक भी सिर्फ 15 गुना तक आएगा. यानी अगर स्टॉक का दाम वहीं रहा, तो कमाई बढ़ने के बावजूद रिटर्न उतना खास नहीं मिलेगा.

अब सोचिए कि अगर कोई इंवेस्टर हर साल 15% का रिटर्न चाहता है, तो कंपनी को अपनी कमाई हर साल 28% तक बढ़ानी होगी जो बहुत मुश्किल काम है. अगर P/E थोड़ा भी गिरे, तो EPS को 22% सालाना बढ़ना पड़ेगा. जबकि कंपनी का अनुमान है कि वो FY35 तक सिर्फ 14% की दर से प्रॉफिट आफ्टर टैक्स बढ़ा पाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अगर कंपनी का वैल्यूएशन गिरता है तो इंवेस्टर का रिटर्न भी नीचे आ सकता है. अगर वैल्यूएशन ना गिरे तो ही 15% रिटर्न मुमकिन है.

और क्या कर रही है कंपनी?

Waaree अब सिर्फ EPC तक सीमित नहीं रहना चाहती. वो नए सेगमेंट में हाथ आजमा रही है जैसे:

लेकिन इनसे Waaree को फायदा होगा?

O&M के मामले में FY24 में Waaree ने 500 MW के O&M से सिर्फ 10 करोड़ रुपये कमाए. यानी प्रति MW सिर्फ 2 लाख. अगर 40 GW का 10% भी कंपनी को मिला, तो भी ज्यादा से ज्यादा 1,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आएगा और उससे 250–300 करोड़ का प्रॉफिट. ये ठीक है, लेकिन कोई बड़ी बात नहीं है. वहीं रूफटॉप सोलर और BESS में मार्जिन बेहतर हैं, लेकिन वहां टेक्नोलॉजी बदलती रहती है, कीमतें गिरती हैं और बहुत मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क चाहिए जो Tata, L&T जैसी कंपनियों के पास है.

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Waaree Renewables में निवेश करें या नहीं?

Waaree Renewables एक बढ़िया कंपनी है, अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है, ग्रोथ वाला सेक्टर है और मजबूत स्थिति भी है. लेकिन इतनी तेज गिरावट के बाद भी इसका स्टॉक आज भी थोड़ा महंगा ही है. अगर कंपनी अपने मार्जिन बचा पाई, मार्केट शेयर न खोए, हर मोर्चे पर बेहतरीन प्रदर्शन करे और नए सेगमेंट में सफलता पाए तभी ये वैल्यूएशन वाजिब लगेगा. और ये सब एकसाथ होना, आसान नहीं है. इसलिए, Waaree पर नजर बनाए रखना समझदारी हो सकती है.

इनपुट– वैल्यूरिसर्च

डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है और इसे निवेश सलाह या सिफारिश के रूप में न माना जाए. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें. बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन होता है.