इकोनॉमी में आई गिरावट ने झकझोरा अमेरिकी बाजार, Dow Jones 400 अंकों से अधिक और Nasdaq 2.6 फीसदी टूटा

US Market Today: विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की GDP पहली तिमाही में 0.3 फीसदी की वार्षिक दर से गिरी है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से आर्थिक प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं.

अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट. Image Credit: Getty image

US Market Today: अमेरिकी शेयर मार्केट में बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट आई. पहली तिमाही में अमेरिकी इकोनॉमी के आंकड़े में आई गिरावट के चलते इंडेक्स टूट गए. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में आई गिरावट के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से आर्थिक प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं. ट्रेड के लगभग 15 मिनट बाद डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1.6 फीसदी की गिरावट आई. एसएंडपी 500 2 फीसदी गिरकर 5,449.09 पर आ गया, जबकि नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्स 2.6 फीसदी गिरकर 17,005.71 पर आ गया.

GDP में गिरावट

विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की GDP पहली तिमाही में 0.3 फीसदी की वार्षिक दर से गिरी है. यह गिरावट मोटे तौर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ पॉलिसी की वजह से आई है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के टैरिफ की वजह से इंपोर्ट महंगा हो गया, जिससे व्यापार घाटा बढ़ गया.

निवेशक चिंतित हैं कि ट्रंप की बदलती टैरिफ नीति पर अनिश्चितता कॉर्पोरेट बजट को रोक रही है और उपभोक्ता खर्च को कम कर रही है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों के विपरीत रिकॉर्ड आयात के बीच मार्च में व्यापार घाटा अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है

बुरी तरह टूटे ये शेयर

कॉफी की दिग्गज कंपनी स्टारबक्स के शेयरों में 7.9 फीसदी की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी के तिमाही प्रॉफिट में 50 फीसदी की गिरावट आई है. सुपर माइक्रो कंप्यूटर के शेयरों में 16 फीसदी से अधिक की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी ने अपनी तीसरी तिमाही के पूर्वानुमान में कटौती की है. मोंडेलेज के शेयरों में 3.3 फीसदी की वृद्धि हुई, क्योंकि कंपनी ने स्थिर रेवेन्यू दर्ज किया है.

इसके अतिरिक्त, एडीपी की एक रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था में मंदी का संकेत दिया गया है, जिसमें अप्रैल में निजी वेतन ग्रोथ 62,000 नौकरियों पर स्थिर रही, जो कि डॉव जोन्स द्वारा सर्वेक्षण किए गए अर्थशास्त्रियों द्वारा लगाए गए 1,20,000 के अनुमान से कम है.

यह भी पढ़ें: फिर से उड़ान भरेगा IPO बाजार, पाइपलाइन में टाटा से लेकर फोनपे तक का इश्यू