West Coast Paper: 0.8x बुक वैल्यू पर ट्रेड कर रहा भारत का सबसे अंडरवैल्यूड मैन्युफैक्चरिंग स्टॉक? बन सकता है कमाई का मौका!
वेस्ट कोस्ट पेपर (West Coast Paper) भारत के बेहद अंडरवैल्यूड स्टॉक साबित हो रहा है, जो बुक वैल्यू के सिर्फ 0.8 गुना पर ट्रेड कर रहा है. पुरानी इंडस्ट्री की छवि के बावजूद कंपनी लगभग पूरी क्षमता पर चल रही है, बैलेंस शीट मजबूत है और ऑप्टिकल फाइबर बिजनेस इसकी दूसरी तेज ग्रोथ इंजन बन चुका है.
भारत के पुराने उद्योगों की बात करें तो “पेपर इंडस्ट्री” हमेशा पीछे छूटे सेक्टरों में गिनी जाती है. लोगों को लगता है कि डिजिटल एज बढ़ने से कागज का भविष्य खत्म हो रहा है. स्कूल-कॉलेज ऑनलाइन हो रहे हैं और दुनिया पैकेजिंग पर शिफ्ट हो रही है. यही नजरअंदाजगी आज वेस्ट कोस्ट पेपर (West Coast Paper Mills) को भारत का सबसे ‘अंडरवैल्यूड मैन्युफैक्चरिंग स्टॉक’ बना रहा है. West Coast Paper Mills एक शांत लेकिन मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है. आइये इस शेयर पर नजर डालते हैं.
West Coast Paper Mills की क्षमता
- वेस्ट कोस्ट पेपर के पास 3,20,000 MTPA की इंटीग्रेटेड क्षमता है.
- 2,55,000 MTPA पल्प क्षमता और 74.8 MW कैप्टिव पॉवर इसे कच्चे माल और ऊर्जा लागत के उतार-चढ़ाव से बचाता है.
ऑप्टिकल फाइबर केबल बिजनेस- दूसरा ग्रोथ इंजन
- पेपर कंपनी होने के बावजूद, इसका OFC डिविजन अब कुल राजस्व का लगभग 10% योगदान देता है.
- FY25 में उत्पादन 1,05,000 किमी और बिक्री 1,08,000 किमी पार कर गई.
- 25+ देशों में निर्यात किया जाता है और अब यह डेटा सेंटर्स को भी सप्लाई कर रही है।
मजबूत वित्तीय स्थिति, कम कर्ज
FY25 में कंपनी का EBITDA लगभग 493 करोड़ रहा और फाइनेंस कॉस्ट मात्र 38 करोड़ रही.
कुल डेट-टू-इक्विटी सिर्फ 0.13 और इंटरेस्ट कवरेज रेशियो 6.7 है.
कम कर्ज के चलते कंपनी अगला चक्र आते ही तेजी से लाभ बढ़ा सकती है.
आंध्रा पेपर के अधिग्रहण से क्षमता दोगुनी
- आंध्रा पेपर की 2.5 लाख टन पेपर और 2 लाख टन वर्जिन पल्प क्षमता से समूह-स्तरीय रिसोर्स मजबूत हुए.
- लगभग 450 करोड़ रुपये की कैपेक्स से मशीनरी अपग्रेड की जा रही है.
निर्यात आधारित विविधता
- 20 से अधिक देशों में एक्सपोर्ट की वजह से घरेलू दामों में गिरावट का असर कम पड़ता है.
- बाजार में इंपोर्ट प्रतिस्पर्धा को कम करने के लिए शुरू हुई एंटी-डंपिंग जांच कंपनी के लिए सकारात्मक संकेत है.
क्यों नजरअंदाज कर रहा है बाजार?
- पेपर सेक्टर को पुराना माना जाता है, इसलिए निवेशक प्रिंटिंग पेपर की गिरती मांग पर ही अटके हैं.
- OFC बिजनेस को “नॉन-कोर” समझकर बाजार ने अभी तक उसकी वैल्यू नहीं जोड़ी है.
- लेकिन कंपनी का बिज़नेस मॉडल पूरे सेक्टर की तुलना में कहीं मजबूत दिख रहा है.
वैल्यूएशन
यह स्टॉक सिर्फ करीब 0.8x बुक वैल्यू पर ट्रेड हो रहा है. इसका शेयर 421 रुपये पर कारोबार कर रहा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ऐसी वैल्यूएशन कम मिलती है. इसका PE लगभग 15.5x है, जो इसके पांच साल के मिडियन 7.5x से ऊपर जरूर है, लेकिन अभी भी अवसर मौजूद है.
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.