रिव्यू लिखने के बहाने लूट! चीनी हैंडलर्स के इशारे पर चल रहा है देश में साइबर गैंग; इंडियन्स ऐसे बन रहे शिकार

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, जहां चाइनीज हैंडलर्स के इशारे पर काम कर रहे भारतीय युवाओं की गिरफ्तारी हुई है. लेकिन इस बार मामला सिर्फ ऑनलाइन ठगी का नहीं, बल्कि एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड नेटवर्क का है, जिसमें हर कदम प्लानिंग से भरा हुआ है...

चाइनीज हैंडलर्स का भारत में बड़ा जाल! Image Credit: Money9 Live

Cyber Fraud: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने हाल के महीनों में सामने आए कई डिजिटल फ्रॉड मामलों में एक खतरनाक ट्रेंड पहचाना है. इन मामलों में गिरफ्तार किए गए ज्यादातर आरोपी कथित तौर पर चीन से संचालित ठग गिरोहों के संपर्क में पाए गए हैं. विदेशी हैंडलर्स और भारतीय साइबर अपराधियों के बीच एक संगठित रैकेट के सबूत मिले हैं, जो आम लोगों को ऑनलाइन लुभाकर करोड़ों की ठगी कर चुका है.

कैसे फंसते हैं भारतीय युवक इस जाल में?

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट और 15 जिलों के साइबर थानों की जांच से पता चला है कि चाइनीज हैंडलर्स भारतीय युवाओं से एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया ऐप्स के जरिए संपर्क करते हैं. ये हैंडलर्स भारतीय युवाओं को लालच देते हैं कि अगर वो अपने मोबाइल सिम कार्ड, बैंक खाता या किसी ऐप की जानकारी दे देंगे, तो उन्हें बदले में अच्छे पैसे मिलेंगे. विदेशी ठग फिर इन सिम कार्ड का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए करते हैं.

पीटीआई के हवाले से एक अधिकारी ने कहा, “इन भारतीय युवाओं को आसान काम जैसे होटल की फेक रिव्यू पोस्ट करना, छोटे टास्क पूरा करने के नाम पर पैसे देने का वादा किया जाता है. लेकिन आगे चलकर उन्हें वेलफेयर स्कीम, अकाउंट अनफ्रीज कराने या क्रेडिट स्कोर सुधारने के नाम पर मोटी रकम ठग ली जाती है.”

ठगी का तरीका, क्रिप्टोकरेंसी और नेपाल कनेक्शन

हाल ही में गिरफ्तार हुए तीन युवकों – महेन्द्र सिंह राजावत, आरिफ खान और लक्ष्मी नारायण वैश – ने स्वीकारा कि वे एक चीनी नागरिक के सीधे संपर्क में थे. उन्होंने पीड़ितों से ठगे गए 15.8 लाख रुपये को क्रिप्टोकरेंसी (USDT) में बदलकर चीन ट्रांसफर कर दिया.

एक अन्य मामले में, पंजाब के दो आरोपी – पवन और मनकीरत – ने एक महिला को 21 लाख रुपये का चूना लगाया. ये आरोपी ठगी की योजना के लिए नेपाल भी गए थे और उनका संचालन भी चीन से हो रहा था.

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कैसे बचें ऐसी ऑनलाइन ठगी से?

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, हर महीने 15 से ज्यादा ऐसे केस सामने आ रहे हैं और इनकी जांच तेजी से जारी है. पुलिस का मानना है कि इस तरह के ठग नेटवर्क भारत में लंबे समय से एक्टिव हैं, और अब इनकी कमर तोड़ने की रणनीति पर काम हो रहा है.