मिनटों में धोखा मिलता है लोन नहीं! इंस्टेंट लोन के नाम पर लोगों की जेब खाली कर रहे साइबर ठग, चेतावनी जारी
डिजिटल लोन का यह दौर जहां सुविधा का वादा करता है, वहीं साइबर ठगों के लिए ठगी का एक जरिया भी बन गया है. फर्जी ऐप्स और ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जहां लोगों को तुरंत लोन के लालच में फंसाकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प ली जाती है. यह खतरा गंभीर है, लेकिन सजगता और सही जानकारी से इससे बचा जा सकता है.
Instant Loan Cyber Fraud: डिजिटल युग में जहां एक क्लिक पर लोन मिलने का वादा किया जाता है, वहीं साइबर अपराधी इसी का फायदा उठाकर लोगों को ठग रहे हैं. देशभर में इंस्टेंट लोन ऐप्स के नाम पर होने वाली ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले एक साल में हजारों लोग फर्जी लोन ऐप्स के जाल में फंसकर लाखों रुपये गंवा चुके हैं. ये ठग फर्जी ऐप्स, फिशिंग ईमेल या सोशल मीडिया के जरिए लोगों को लुभाते हैं और उनकी पर्सनल जानकारी चुराकर ब्लैकमेल करते हैं या बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं. यह ठगी कैसे काम करती है, इससे कैसे बचा जा सकता है और अगर शिकार हो जाएं तो कहां शिकायत दर्ज कराएं.
ठगी कैसे होती है?
साइबर ठग आमतौर पर सोशल मीडिया, एसएमएस या फर्जी वेबसाइट्स के जरिए तुरंत लोन का लालच देते हैं. वे दावा करते हैं कि बिना दस्तावेज या क्रेडिट चेक के मिनटों में लोन मिल जाएगा. एक बार जब यूजर ऐप डाउनलोड करता है या लिंक पर क्लिक करता है, तो ठग पहले ‘प्रोसेसिंग फी’ या ‘वेरिफिकेशन चार्ज’ के नाम पर छोटी रकम मांगते हैं. जैसे ही पेमेंट होता है, वे यूजर की बैंक डिटेल्स, आधार, पैन या फोन एक्सेस चुरा लेते हैं. कई मामलों में, ऐप यूजर के कॉन्टैक्ट्स और फोटोज एक्सेस करके ब्लैकमेल करता है या फर्जी लोन दिखाकर ज्यादा ब्याज वसूलता है.
इससे कैसे बचें?
इस ठगी से बचाव के लिए सतर्कता सबसे बड़ा हथियार है. सबसे पहले, लोन ऐप या कंपनी की वैधता चेक करें – RBI की वेबसाइट पर रजिस्टर्ड NBFC या बैंक से ही लोन लें. कभी भी एडवांस फी या प्रोसेसिंग चार्ज पहले न दें, क्योंकि असली लेंडर्स लोन अप्रूवल के बाद ही फी काटते हैं. फर्जी ऐप्स डाउनलोड न करें; हमेशा ऑफिशियल ऐप स्टोर से वेरिफाई करें और रिव्यूज पढ़ें. अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें और पर्सनल डिटेल्स शेयर करने से पहले दो बार सोचें. इसके अलावा, साइबर सिक्योरिटी ऐप्स इस्तेमाल करें और मजबूत पासवर्ड रखें. अगर कोई ऑफर ‘बहुत अच्छा लग रहा हो’ तो सावधान रहें – यह अक्सर जाल होता है.
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ठगी के बाद कहां करें शिकायत?
अगर आप ठगी के शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत कार्रवाई करें. सबसे पहले, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराएं. आप नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके भी रिपोर्ट कर सकते हैं. इसके अलावा, अपनी बैंक को इंफॉर्म करें ताकि ट्रांजेक्शन ब्लॉक हो सके और क्रेडिट ब्यूरो को सूचित करें. लोकल साइबर सेल या पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएं. जितनी जल्दी रिपोर्ट करेंगे, उतनी ही जल्दी रिकवरी की संभावना बढ़ेगी. सरकार की I4C (Indian Cybercrime Coordination Centre) भी ऐसे मामलों में मदद करती है.