ट्रंप का टैरिफ वार अमेरिकियों पर भारी, जुलाई से कारें 1.70 लाख रुपये होगी महंगी, EV इंसेटिव भी खत्म
ट्रम्प प्रशासन की ओर से प्रस्तावित 30 बिलियन डॉलर (25,986 करोड़ रुपये) के ऑटो टैरिफ का असर अमेरिकी कार खरीदारों पर पड़ेगा. जुलाई से अमेरिका में बिकने वाली कारों की कीमत में लगभग 2,000 डॉलर (1.72 लाख रुपये से अधिक) की बढ़ोतरी होने की संभावना है. अगले तीन वर्षों में ऑटो बिक्री में लगभग 10 लाख कारों की कमी आ सकती है.
Trump Tariffs: एक कहावत है चौबे गए छब्बे बनने, दूबे बनकर लौट गए’. इसका अर्थ है कि अधिक की चाहत रखने वाले के पास वह भी नहीं रहता जो उसका अपना होता है. अब कुछ ऐसी ही स्थिति अमेरिका के साथ बनती दिख रही है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार जुलाई से अमेरिका में बिकने वाली कारों की कीमत में लगभग 2,000 डॉलर (1.72 लाख रुपये से अधिक) की बढ़ोतरी होने की संभावना है. यानी अमेरिकी कार खरीददारों को वाहन खरीदने के लिए अतिरिक्त 1.72 लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री में सुस्ती की आशंका भी जताई जा रही है. यह वही क्षेत्र है, जहां अमेरिका को पहले से ही चीन से टक्कर मिल रही है.
महंगी होंगी कारें, घटेंगी बिक्री
राष्ट्रपति पद संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘Make America Great Again’ पहल के तहत अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने का दावा किया था. इसके लिए उन्होंने व्यापार घाटे वाले ट्रेड पार्टनर पर टैरिफ लगाना शुरू किया. हालांकि उन पर फिलहाल 90 दिन की रोक है. ट्रम्प प्रशासन की ओर से प्रस्तावित 30 बिलियन डॉलर (25,986 करोड़ रुपये) के ऑटो टैरिफ का असर अमेरिकी कार खरीदारों पर पड़ेगा. अब अगले महीने से अमेरिकी कार खरीददारों को वाहन खरीदने के लिए लगभग 1,72,000 रुपये अधिक भुगतान करना पड़ेगा. कारों की कीमत बढ़ने के कारण अगले तीन वर्षों में ऑटो बिक्री में लगभग 10 लाख कारों की कमी आ सकती है.
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अमेरिकी कार निर्माता को झटका
अमेरिकी की प्रमुख कार निर्माता कंपनी ने पहले ही ऑटो टैरिफ के असर की चेतावनी दे दी है. जनरल मोटर्स को इस साल टैरिफ से 5 बिलियन डॉलर का नुकसान होने की उम्मीद है, जबकि फोर्ड का अनुमान है कि 2.5 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा. दोनों कंपनियों का कहना है कि वे कीमतों को एडजस्ट करके इसके असर को कम करने के लिए प्लान कर रहे हैं.
एलिक्सपार्टनर्स का अनुमान है कि ट्रेड टॉक का असर टैरिफ पर पड़ेगा. और फिर कार खरीददारों पर. पूरी तरह से असेंबल्ड आयातित कारों पर अभी 25 फीसदी टैरिफ लग रहा है. ट्रेड टॉक के बाद इसके घटकर 7.5 फीसदी होने की उम्मीद है. जबकि इसके ऑटो पार्टस पर लगने वाले व्यापार शुल्क घटकर 5 फीसदी रह सकता है. यूएस-मेक्सिको-कनाडा समझौते के कारण वाहनों की कीमत और भी कम हो सकती है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को भी झटका
ट्रंप प्रशासन ने ईवी के लिए कंज्यूमर टैक्स क्रेडिट के रूप में मिलने वाले 7,500 डॉलर (6,26,250 रुपये) इंसेंटिव पर भी रोक लगा दी. इसका असर यह होगा कि खरीदार सस्ते, गैसोलीन-ईंधन वाले वाहनों की ओर आकर्षित होंगे. इसलिए एलिक्सपार्टनर्स ने अमेरिका में ईवी एडॉप्शन के अपने पूर्वानुमान में कमी की है. अब उसे उम्मीद है कि 2030 में ईवी की हिस्सेदारी कुल वाहन बिक्री में केवल 17 फीसदी होगी, जो पहले 31 फीसदी का अनुमान था. इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में चीन, अमेरिका को पहले ही टक्कर दे रहा है. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से चीन को और भी बढ़त मिलेगी.
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