चीन को मिला सोने का खजाना, भारतीय रुपयों में इसकी कीमत जान उड़ जाएंगे होश

चीन में सोने का विशाल भंडार खोजा गया है. यह भंडार हुनान प्रांत के मध्य में स्थित है. इस भंडार में लगभग 82.9 बिलियन डॉलर मूल्य के सोने के दबे होने की उम्मीद है. भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत 69,30,62,36,00,000 रुपये से भी अधिक है.

चीन को मिला सोने का खजाना Image Credit: studiocasper/E+/Getty Images

दुनिया के सबसे अधिक सोना उत्पादन करने वाले देश को एक और सोने की खादान मिली है. दरअसल, चीन के हुनान प्रांत के मध्य भाग में सोने का एक विशाल भंडार मिला है. बताया जा रहा है कि इस भंडार में करीब 82.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का सोना मौजूद है. भारतीय रुपये में इसकी कीमत करीब 69,30,62,36,00,000 रुपये से भी अधिक आंकी जा रही है.

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के साल 2023 के आंकड़ों के अनुसार, चीन दुनिया में कुल सोने के उत्पादन का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा अकेले उत्पादन करता है. इसी साल की पहली तिमाही में, चीन ने 741.732 मीट्रिक टन सोने का खपत किया, जबकि इसी साल यहां का उत्पादन केवल 268.068 टन रहा. इसका मतलब यह है कि चीन में सोने की खपत उसके उत्पादन से कहीं अधिक है.

नए भंडार का महत्व

हुनान प्रांत में मिला यह भंडार चीन की घरेलू मांग को पूरा करने में मददगार होगा और आयात पर निर्भरता कम करेगा. वांगू गोल्ड साइट पर मिले इस भंडार का पैमाना बहुत बड़ा है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि 3,000 मीटर से अधिक गहराई पर 1,000 टन से अधिक सोने का भंडार हो सकता है, जिसकी मौजूदा बाजार कीमत लगभग 600 बिलियन युआन (82.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच सकती है. सोने का भंडार किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता का मजबूत आधार होता है. चीन में मिले इस खजाने से न केवल उसकी आयात निर्भरता घटेगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी.

घरेलू मांग होगी पूरी

इस साल वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के कारण सोने की कीमतों में तेजी देखी गई है. 30 अक्टूबर 2024 तक शंघाई फ्यूचर एक्सचेंज पर सोने की कीमतें अपने ऐतिहासिक हाई लेवल पर थीं. गुरुवार को इसका मूल्य 6.17 युआन प्रति ग्राम पर बंद हुआ, जो इस साल की शुरुआत से 27.8 प्रतिशत की वृद्धि को दिखाती है. हुनान प्रांत में मिले इस विशाल सोने के भंडार से चीन की सोने की घरेलू मांग पूरी होगी और आयात निर्भरता में कमी आएगी. यह खोज चीन की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के साथ-साथ उसे वैश्विक आर्थिक प्रतिस्पर्धा में और आगे ले जाएगी.

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