चीन ने बनाया खतरनाक हाइड्रोजन बम, रेडिएशन के बिना परमाणु धमाके जैसी तबाही में सक्षम
चीन ने एक खतरनाक हाइड्रोजन बम तैयार कर लिया है. यह बम बिना रेडिएशन के परमाणु बम जैसा धमाका करने में सक्षम होगा. मैग्नीशियम हाइड्राइड के जरिये तैयार किए गए बम की क्षमता कई मामलों में मौजूदा हाइड्रोजन बमों से ज्यादा है.
चीन के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा हाइड्रोजन बम टेस्ट किया है, जो परमाणु बम की तरह रेडिएशन नहीं फैलाता है, लेकिन इसका धमाका किसी परमाणु बम जितना ही शक्तिशाली होता है. महज 2 किलोग्राम के इस बम ने परमाणु सामग्री के बिना ही 1000 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान वाला आग का गोला बनाया. मैग्नीशियम हाइड्राइड का इस्तेमाल कर बनाया गया यह बम कितना शक्तिशाली है, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यह TNT से 15 गुना ज्यादा समय तक जलता है.
SCMP यानी साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन की इस उपलब्धि की जानकारी एक रिसर्च पेपर के जरिये सामने आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले महीने प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक चीनी शोधकर्ताओं ने एक कंट्रोल्ड फील्ड में हाइड्रोजन बेस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. यह धमाका करने के लिए किसी भी परमाणु सामग्री का उपयोग नहीं किया गया, लेकिन इसके बाद भी विनाशकारी रासायनिक श्रृंखला प्रतिक्रियाएं देखी गईं.

छोटे बम का बड़ा धमाका
रिपोर्ट में बताया गया है कि महज 4.4 पाउंड यानी करीब 2 किलोग्राम के बम ने दो सेकंड से अधिक समय तक 1,832 डिग्री फारेनहाइट यानी करीब 1,000 डिग्री सेल्सियस के तापमान वाला फायर बॉल बनाया. अगर इस तरह का धमाका TNT के जरिये किया जाता, तो इसके लिए 15 गुना ज्यादा सामग्री की जरूरत होती. इसके साथ ही यह धमाका किसी परमाणु बम की तरह विनाशकारी था, लेकिन इसमें किसी परमाणु सामग्री का उपयोग नहीं किया गया.
किसने बनाया यह बम?
इस बम का निर्माण अंडर वाटर वेपन सिस्टम बनाने में महारत रखने वाले CSSC यानी चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कॉरपोरेशन के 705 रिसर्च इंस्टीट्यूट ने किया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस डिवाइस में मैग्नीशियम बेस्ड सॉलिड स्टेट हाइड्रोजन स्टोरेज का इस्तेमाल किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक यह पदार्थ – मैग्नीशियम हाइड्राइड के रूप में जाना जाने वाला एक चांदी के पाउडर जैसा दिखता है. यह एक प्रेशराइज्ड टैंक की तुलना में काफी ज्यादा हाइड्रोजन स्टोर करने की क्षमता रखता है. इसे मूल रूप से गैस को ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में लाने के लिए विकसित किया गया था, जहांं, इसका इस्तेमाल स्वच्छ बिजली और ईंधन के लिए किया जा रहा है.
कैसे काम करता है यह बम?
शोधकर्ताओं ने चीनी भाषा के जर्नल ऑफ प्रोजेक्टाइल्स, रॉकेट्स, मिसाइल्स एंड गाइडेंस में प्रकाशित एक पीयर रिव्यूड जर्नल में बताया है कि पारंपरिक विस्फोटकों के जरिये सक्रिय किए जाने पर मैग्नीशियम हाइड्राइड तेजी से थर्मल डिकंपोजिशन से गुजरता है, जिससे हाइड्रोजन गैस निकलती है, जो लगातार आग को बढ़ाती जाती है. बम को बनाने वाली CSSC की टीम के प्रमुख वैज्ञानिक वांग ज़ुएफेंग का कहना है कि हाइड्रोजन गैस में बहुत कम ऊर्जा से धमाका हो जाता है, लेकिन इसके विस्फोट का दायर व्यापक होता है, जिससे लपटें तेजी से बाहर की ओर फैलती हैंं.”
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