हजारों को सैलरी देने वाले मस्क को ही नहीं मिला पैकेज, जानें क्यों अटक गए 56 अरब डॉलर

दुनिया के सबसे अमीरों की सूची में शामिल एलन मस्क ने अपनी सैलरी को लेकर दिए गए एक फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, शेयरधारकों को कंपनी के फैसलों पर नियंत्रण होना चाहिए, जजों को नहीं.

Elon Musk Image Credit: Tv9

दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल एलन मस्क, जो अपने कर्मचारियों को मोटी सैलरी देने के लिए जाने जाते हैं, खुद अपनी सैलरी को लेकर विवाद में फंसे हुए हैं. टेस्ला के CEO मस्क ने हाल ही में एक कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “शेयरधारकों को कंपनी के फैसले कंट्रोल करने चाहिए, जजों को नहीं.” दरअसल यह विवाद तब शुरू हुआ जब डेलावेयर कोर्ट ने मस्क को 56 अरब डॉलर( करीब 47,41,21,20,00000 रुपये) का मुआवजा पैकेज देने से इनकार कर दिया. जज का मानना था कि इतनी बड़ी सैलरी शेयरधारकों के हितों के खिलाफ है.

2018 में मस्क को एक मुआवजा पैकेज दिया गया था, जो 56 बिलियन डॉलर था. यह पैकेज टेस्ला के परफार्मेंस और शेयर की कीमतों से जुड़ा हुआ था. इसमें 12 टार्गेट शामिल थे, जिन्हें मस्क ने पूरा किया और टेस्ला के शेयरों में तेजी से बढ़ोतरी हुई. इससे अब यह पैकेज 100 बिलियन डॉलर तक का हो चुका है.

क्या बोला कहा जज ने ?

टेस्ला के बोर्ड ने 2018 में इस पैकेज को 73% शेयरधारकों के वोट से मंजूरी दी थी. हालांकि, मस्क और उनके भाई किम्बल ने इस पर वोट नहीं दिया. जज ने यह कहते हुए इस पैकेज को खारिज कर दिया कि इतनी बड़ी रकम शेयरधारकों के लिए नुकसानदायक है. उन्होंने कहा कि टेस्ला बोर्ड में मस्क के करीबी लोग शामिल हैं, जो उनके हित में फैसले ले रहे हैं. डेलावेयर जज कैथलीन मैककॉर्मिक ने मस्क के 56 बिलियन डॉलर के मुआवजे को अधिक और अनुचित” बताया.

कैसे पास हुआ इतना भारी भरकम सैलेरी ?

इसी साल जून में, टेस्ला के शेयरधारकों ने मस्क के वेतन पैकेज को फिर से मंजूरी दी थी, जिसे डेलावेयर के जज मैककॉरमिक ने खारिज कर दिया था. इस मंजूरी ने यह प्रदर्शित किया कि मुस्क को टेस्ला के रिटेल इन्वेस्टर्स का समर्थन मिला है, जिनमें से कई उनके प्रशंसक हैं. यह प्रस्ताव कुछ बड़े इन्स्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और प्रॉक्सी फर्मों के विरोध के बावजूद पास हो गया.

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