‘Boys will be boys’: टैरिफ को लेकर भिड़े ट्रंप सरकार के दो दिग्गज, ‘औकात’ और ‘ईंट-पत्थर’ तक पहुंची बात
US President डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ को लेकर अपने घर में ही घिरने लगे हैं. यहां तक कि उनकी सरकार के दो दिग्गज टैरिफ को लेकर आपस में इतनी बुरी तरह उलझ गए हैं कि बात 'औकात' और 'ईंट-पत्थर' तक पहुंच गई है. वहीं, व्हाइट हाउस ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है, 'Boys will be boys'. जानते हैं क्या है मामला?
अमेरिका के तमाम राज्यों में जारी विरोध के बीच Tariff को लेकर Trump Administration में दरारें सामने आने लगी हैं. Musk vs Navarro की लड़ाई इतनी बढ़ गई है कि व्हाइट हाउस को इस मामले में सामने आकर सफाई देनी पड़ी है. असल में ट्रंप को सत्ता में लेकर आने में Elon Musk की अहम भूमिका रही है. ट्रंप के चुनावी अभियान को मस्क ने पैसे के साथ-साथ रणनीतिक सपोर्ट देकर कामयाब बनाया. लेकिन, अब मस्क और ट्रंप प्रशासन के बीच कई मुद्दों पर टकराव देखने को मिल रहा है.
क्या है Musk vs Navarro की लड़ाई?
राष्ट्रपति ट्रंंप के दो प्रमुख सलाहकारों की झगड़ा दुनिया के सामने आ गया है. झगड़े में एक तरफ हैं ट्रंप के मुख्य आर्थिक सलाहकार टैरिफ-प्रेमी पीटर नवारो और दूसरी तरफ हैं टैरिफ पर संदेह जताने वाले एलन मस्क. दोनों पिछले दिनों एक-दूसरे को बेइज्जत करने में लगे हैं. जहां, सोमवार को सीएनबीसी पर नवारो ने कहा कि मस्क “कार निर्माता नहीं हैं – वे कार असेंबलर हैं.” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टेस्ला विदेशी निर्मित पार्ट को जोड़कर कार बनाती है. नवारो ने कहा कि मस्क टैरिफ का विरोध करते हैं, क्योंकि “उन्हें सस्ते विदेशी पुर्जे चाहिए और हम इसे समझते हैं.” वहीं, नवारो पर पलटवार करते हुए मस्क ने कहा, “नवारो वास्तव में एक मूर्ख हैं. वे जो कुछ भी कह रहे हैं, सब साफ तौर पर झूठ हैं.” इसके साथ ही मस्क ने कहा, “टेस्ला के पास सबसे ज्यादा अमेरिका में बनी कारें हैं. नवारो ईंटों की बोरी से भी ज्यादा जड़ बुद्धि हैं.”
व्हाइट हाउस ने क्या कहा?
Navarro and musk के झगड़े को लेकर व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा, “ये स्पष्ट रूप से दो अलग-अलग व्यक्ति हैं, जिनके व्यापार और टैरिफ पर बहुत अलग-अलग विचार हैं. लड़के तो लड़के ही रहेंगे, और हम उनकी सार्वजनिक बहस जारी रहने देंगे. आप लोगों को बहुत आभारी होना चाहिए कि हमारे पास इतिहास का सबसे पारदर्शी प्रशासन है. इससे यह भी पता चलता है कि राष्ट्रपति सभी पक्षों की बात सुनने की इच्छा रखते हैं.”