धुआं का कलर बताएगा इंजन की सेहत, जानें सफेद, नीले या काले रंग का राज

अगर आपकी गाड़ी से सफेद, नीला या काला धुआं निकल रहा है तो यह इंजन की गंभीर समस्याओं का संकेत हो सकता है. अलग-अलग रंग का धुआं खराबी की ओर इशारा करता है जैसे कूलेंट लीक, ऑयल बर्निंग या फ्यूल सिस्टम डिफेक्ट. समय पर इन संकेतों को समझकर आप कार की बड़ी मरम्मत से बच सकते हैं.

धुएं के ये रंग बताते हैं इंजन की बीमारी Image Credit: money9live.com

Car engine smoke: आज ईलेक्ट्रिक गाड़ियों की लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन अभी भी पेट्रोल-डीजल इंजन वाली कारें सबसे ज्यादा बिक रही हैं. ईवी को स्वच्छ ईंधन माना जा रहा है, जबकि पेट्रोल-डीजल गाड़ियां काफी प्रदूषण करती हैं. कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है कि गाड़ियों से ज्यादा धुआं निकलता है. अगर आपने गौर किया होगा तो धुएं का कलर भी अलग-अलग होता है. अगर आपकी गाड़ी से धुआं निकल रहा है तो इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं, और अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो बड़ी खराबी हो सकती है. तो चलिए आपको बताते हैं कि धुआं क्यों ज्यादा निकलता है और अलग-अलग कलर के धुएं क्या संकेत देते हैं.

सफेद धुआं (White Smoke)

अगर आपकी कार के इंजन से सफेद धुआं निकल रहा है, तो यह इंजन में कूलेंट (रेडिएटर फ्लूइड) के जलने का संकेत है. यह समस्या अक्सर फटे हुए हेड गास्केट या क्रैक्ड इंजन ब्लॉक के कारण होती है, जिससे कूलेंट कंबशन चेंबर में पहुंच जाता है. इस स्थिति में इंजन ओवरहीटिंग की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में तुरंत कार को रोकें और कूलेंट लेवल चेक करें. अगर तेल और कूलेंट मिक्स हो गए हैं, तो तुरंत मैकेनिक से संपर्क करें.

नीला धुआं (Blue Smoke)

नीले रंग का धुआं दिखाई देने का मतलब है कि इंजन का तेल कंबशन चेंबर में जल रहा है. यह समस्या आमतौर पर खराब पिस्टन रिंग्स, वॉल्व सील लीक या टर्बोचार्जर की खराबी के कारण होती है. इस स्थिति में कार का माइलेज कम हो जाता है और इंजन की पावर घटने लगती है. नीले धुएं को नजरअंदाज करने से इंजन को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. तुरंत इंजन ऑयल लेवल चेक करें और यदि तेल तेजी से कम हो रहा है तो किसी अच्छे मैकेनिक को दिखाएं.

काला धुआं (Black Smoke)

काला धुआं इंजन में कंबस्चन प्रॉब्लम के कारण निकलता है. यह डीजल कारों में अधिक देखने को मिलता है, लेकिन पेट्रोल कारों में भी हो सकता है. इसका मुख्य कारण खराब एयर फिल्टर, फंसे हुए फ्यूल इंजेक्टर या टर्बोचार्जर की खराबी हो सकता है. काला धुआं न सिर्फ पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह ईंधन की बर्बादी भी करता है. इस समस्या को ठीक करने के लिए एयर फिल्टर बदलें, फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम की जांच करवाएं और यदि कार टर्बोचार्ज्ड है, तो टर्बो सिस्टम चेक करवाएं.

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कैसे करें देखभाल

अगर आपकी कार से धुआं निकल रहा है, तो सबसे पहले धुएं के रंग को पहचानें.सफेद धुआं कूलेंट लीक,नीला धुआं इंजन ऑयल जलने,और काला धुआं कंबस्चन या फ्यूल सिस्टम की खराबी का संकेत देता है. इससे बचने के लिए नियमित रूप से इंजन ऑयल, कूलेंट लेवल और एयर फिल्टर चेक करें. हर 5,000–10,000 किमी पर सर्विसिंग करवाएं और लो-क्वालिटी ईंधन से बचें.

धुएं की समस्या दिखते ही तुरंत किसी विश्वसनीय मैकेनिक को दिखाएं, नहीं तो छोटी खराबी बड़ी मरम्मत का कारण बन सकती है. याद रखें, थोड़ी सी सावधानी आपकी कार की लाइफ बढ़ा सकती है.