अलास्का में ट्रंप का मिलना आया काम, यूक्रेन को NATO स्टाइल सिक्योरिटी गारंटी पर पुतिन सहमत; अमेरिका का दावा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई बैठक में रूस पहली बार इस बात पर सहमति जताई है कि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी दे सकते हैं. यह गारंटी नाटो (NATO) के Article 5 जैसी होगी, जिसमें किसी एक सदस्य पर हमला पूरे गठबंधन पर हमले के बराबर माना जाता है.

ट्रंप पुतिन वार्ता Image Credit: Andrew Harnik/Getty Images

Putin Ukraine Security Guarantee: करीब तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक नया मोड़ सामने आ सकता है. क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में हुई बैठक में रूस पहली बार इस बात पर सहमति जताई है कि अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी दे सकते हैं. यह गारंटी नाटो (NATO) के Article 5 जैसी होगी, जिसमें किसी एक सदस्य पर हमला पूरे गठबंधन पर हमले के बराबर माना जाता है. इसकी जानकारी इस बैठक में शामिल ट्रंप के प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ (Steve Witkoff) ने दी. उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब रूस ने इस तरह की सहमति दी है और इसे उन्होंने गेम-चेंजिंग बताया.

व्हाइट हाउस में होगी ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, विटकॉफ का कहना है कि हमने अलास्का में हुई समिट में जो सबसे बड़ी रियायत जीती है, वह यह थी कि अमेरिका यूक्रेन को Article 5 जैसी प्रोटेक्शन देना. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह व्यवस्था किस तरह काम करेगी. ऐसे में 18 अगस्त को व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं की ट्रंप से मुलाकात के दौरान यह अहम मुद्दा चर्चा में रहने वाला है.

फ्यूचर में किसी भी यूरोपीय देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करेगा रूस

वहीं यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भी इस पहल का स्वागत किया और कहा कि यूरोपीय यूनियन अपनी भूमिका निभाने को तैयार है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका और यूरोप का रोल साफ होना चाहिए, ताकि सुरक्षा गारंटी वास्तव में Article 5 की तरह काम कर सके. विटकॉफ ने यह भी बताया कि रूस ने एक नया कानून बनाने पर सहमति जताई है, जिसके तहत वह फ्यूचर में किसी भी यूरोपीय देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं करेगा और यूक्रेन से और जमीन नहीं लेने का वादा करेगा.

क्या है रूस-यूक्रेन विवाद की बड़ी वजह?

हालांकि, विवाद की बड़ी वजह अब भी डोनबास (Donetsk और Luhansk) क्षेत्र है. पुतिन ने इन इलाकों पर दावा दोहराया है. लेकिन जेलेंस्की ने साफ कहा कि यूक्रेन संविधान के अनुसार अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा.

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