ROE और ROCE में काफी आगे ये 3 स्टॉक्स, बिजनेस मॉडल बेहद मजबूत, क्या करेंगे मल्टीबैगर डिलीवरी?

शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म निवेश के लिए कई फैक्टर्स देखे जाते हैं, लेकिन ROE और ROCE जैसी रेशियो सबसे अहम मानी जाती हैं. इन्हीं परफॉरमेंस मीट्रिक्स के आधार पर कुछ कंपनियां बाकी से काफी आगे निकल जाती हैं. ऐसे में जानिए वे 3 शेयर जो निवेशकों की नजर में खास हैं.

High ROE-ROCE वाले शेयर! Image Credit: Money9 Live

भारत का शेयर बाजार हजारों निवेश विकल्पों से भरा पड़ा है. हर दिन नए-नए सेक्टर और कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करती हैं. लेकिन असली दौलत बनाने वाली कंपनियां वे होती हैं जो न सिर्फ मुनाफा कमाती हैं, बल्कि ऐसी कुशलता से काम करती हैं यानि कम पूंजी में ज्यादा कमाई. इस पूंजी का कुशल उपयोग दो अहम वित्तीय मीट्रिक से समझा जाता है: रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE).

ROE बताता है कि कंपनी शेयरधारकों के पैसे से कितनी कुशलता से मुनाफा कमा रही है, जबकि ROCE यह दिखाता है कि कंपनी ने कुल पूंजी (यानि शेयरधारकों का पैसा और कर्ज दोनों) से कितनी कमाई की. जब कोई कंपनी दोनों ही मीट्रिक में मजबूत प्रदर्शन करती है, तो यह लंबे समय तक निवेशकों के लिए वेल्थ क्रिएशन का संकेत होता है.

आज हम तीन ऐसी भारतीय कंपनियों की बात करेंगे जिनका ROE और ROCE बेहद दमदार है और जो निवेशकों के लिए लंबी अवधि के भरोसेमंद विकल्प मानी जा सकती हैं.

Nestle India

नेस्ले इंडिया, स्विस मल्टीनैशनल Nestle S.A. की भारतीय सब्सिडियरी है, जिसमें पैरेंट कंपनी की 62% हिस्सेदारी है. यह कंपनी देश की जानी-मानी FMCG दिग्गज है, जिसके ब्रांड हर घर में मौजूद हैं. मैगी, नेस्कैफे और किटकैट जैसे ब्रांड इसकी लोकप्रियता का सबूत हैं.

कंपनी का मुख्य कारोबार दूध और न्यूट्रिशन प्रोडक्ट्स, रेडी-टू-कुक फूड्स, पेय पदार्थ और कन्फेक्शनरी में फैला हुआ है. हाल ही में इसके बेवरेज और कन्फेक्शनरी सेगमेंट में तेज ग्रोथ देखने को मिली है. NESCAFE की मार्केट हिस्सेदारी बढ़ी है और MAGGI ने फिर से वॉल्यूम ग्रोथ हासिल की है. 1150 रुपये पर ट्रेड करने वाले इस स्टॉक ने पांच साल में 41 फीसदी का रिटर्न दिया है.

वित्तीय प्रदर्शन

FY24 में कंपनी का नेट प्रॉफिट उसकी इनकम से तेजी से बढ़ा, जो बताता है कि नेस्ले की प्राइसिंग पावर और ऑपरेशनल एफिशिएंसी दोनों मजबूत हैं.

ROE और ROCE के मामले में कंपनी का प्रदर्शन असाधारण रहा. FY24 में ROE 108.5% और ROCE 114.4% रहा. हालांकि FY25 में ये घटकर क्रमश: 88.9% और 79.3% हो गए. वजह थी शॉर्ट-टर्म बॉरोइंग, जिसे वर्किंग कैपिटल के लिए उठाया गया था. इससे कैपिटल बेस बढ़ा लेकिन मुनाफा उसी अनुपात में नहीं बढ़ा.

फिर भी इतने ऊंचे स्तर पर ROE और ROCE यह दिखाते हैं कि कंपनी का बिजनेस मॉडल बेहद कुशल है और यह लंबे समय के निवेशकों के लिए भरोसेमंद विकल्प बनी हुई है.

Colgate-Palmolive (India)

दूसरे नंबर पर है Colgate-Palmolive (India), जो भारत के ओरल और पर्सनल केयर सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में गिनी जाती है.

कंपनी का प्रमुख कारोबार टूथपेस्ट, टूथब्रश और टूथ पाउडर जैसे प्रोडक्ट्स पर आधारित है. “Colgate” और “Palmolive” ब्रांड भारत में हर घर के नाम हैं. राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा टूथपेस्ट से आता है, जो इस कंपनी की रीढ़ है. मौजूदा वक्त में कंपनी 2236 रुपये पर ट्रेड करती है, इसका 5 साल रिटर्न 57 रुपये है.

वित्तीय प्रदर्शन

कंपनी ने ब्रांडिंग और विज्ञापन में निवेश बढ़ाया है, जिससे लगातार राजस्व में बढ़त हुई है. FY25 में ROE 81% रहा, जो FY24 के 74% से बेहतर है. वहीं ROCE 99 फीसदी रहा, जो पिछले साल के 121 फीसदी से कम है. बावजूद इसके, यह आंकड़ा अब भी बेहद हाई है.

ऑपरेटिंग मार्जिन भी 30% से बढ़कर 31% तक पहुंचा है. यह बताता है कि कंपनी लगातार ऑपरेशनल एफिशिएंसी हासिल कर रही है.

Colgate-Palmolive ने डिजिटाइजेशन, प्रीमियम प्रोडक्ट्स, और AI-ML टूल्स के इस्तेमाल पर जोर देकर अपने बिजनेस मॉडल को और मजबूत किया है. कंपनी आने वाले समय में भी ब्रांड बिल्डिंग और लागत में कटौती पर फोकस रखकर लगातार ग्रोथ की दिशा में काम कर रही है.

Waaree Renewable Technologies

    तीसरी कंपनी है Waaree Renewable Technologies, जो भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर, खासकर सोलर पावर में तेजी से उभर रही है. यह Waaree Group की सब्सिडियरी है, जो देश का सबसे बड़ा सोलर मॉड्यूल निर्माता और निर्यातक है.

    कंपनी का मुख्य कारोबार सोलर EPC (Engineering, Procurement & Construction) पर आधारित है. यानी यह सोलर प्रोजेक्ट डिजाइन करने से लेकर उसे बनाने तक की पूरी जिम्मेदारी लेती है. इसके अलावा कंपनी खुद भी सोलर डेवलपर के तौर पर काम करती है.

    हाल ही में कंपनी ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) EPC में भी कदम रखा है, जिससे इसका बिजनेस और ज्यादा विविध हो गया है. वॉरी रिन्यूबल कंपनी के शेयर अप्रैल में लिस्ट हुए और अबतक 14 फीसदी का रिटर्न दिया है. कंपनी के शेयर 1012 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं.

    वित्तीय प्रदर्शन

    FY24 में कंपनी ने 704 MWp प्रोजेक्ट पूरे किए, जो FY25 में बढ़कर 1,524 MWp हो गए. इतना बड़ा उछाल इसके मजबूत एक्सिक्यूशन की ओर इशारा करता है.

    FY25 तक कंपनी के पास 3,263 MWp का अनएक्सिक्यूटेड ऑर्डर बुक था, जो आने वाले सालों में राजस्व की मजबूती का संकेत है.

    ROE FY25 में 65.29% रहा, जो FY24 के 93.39% से कम है. लेकिन ROCE बढ़कर 96.35% तक पहुंच गया, जबकि FY24 में यह 61.94% था. यह दिखाता है कि कंपनी का एसेट-लाइट मॉडल काम कर रहा है, जिसमें कम पूंजी में ज्यादा राजस्व हासिल किया जा रहा है.

    Waaree Group की मजबूत बैकिंग से कंपनी को सोलर मॉड्यूल और लागत में बढ़त मिलती है, जो इसे प्रतिस्पर्धा में और आगे ले जाती है.

    क्या करें निवेशकों?

    Nestle India, Colgate-Palmolive (India) और Waaree Renewable Technologies- ये तीनों कंपनियां अलग-अलग सेक्टर से आती हैं, लेकिन इनकी एक समान खासियत है, वो अबतक अपने पैसे का इस्तेमाल कुशलता से करती आ रही हैं.

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    हाई ROE और ROCE न केवल यह दिखाते हैं कि कंपनी का बिजनेस मॉडल मजबूत है. भारत में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और बढ़ते उपभोक्ता आधार के बीच, ऐसी कंपनियां आने वाले सालों में निवेशकों के पोर्टफोलियो में वेल्थ क्रिएशन के असली इंजन साबित हो सकती हैं.

    डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.