EPF में हर महीने ₹5000 जमा कर बनाइए ₹3.8 करोड़ का रिटायरमेंट फंड, समझें पूरा गणित

EPF (कर्मचारी भविष्य निधि) एक सरकारी रिटायरमेंट स्कीम है जिसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं. 8.25 फीसदी ब्याज और लंबे समय तक निवेश से हर महीने 5000 रुपये का योगदान रिटायरमेंट तक 3.8 करोड़ रुपये का फंड बना सकता है.

EPF में निवेश और पेंशन Image Credit: @Tv9

EPF and Pension Corpus: EPF (Employees’ Provident Fund) यानी कर्मचारी भविष्य निधि एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है, जिसका संचालन EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) करती है. यह स्कीम खास तौर पर नौकरीपेशा लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, ताकि वे अपनी कमाई का एक हिस्सा सुरक्षित रख सकें और रिटायरमेंट के बाद उनके पास मजबूत वित्तीय सुरक्षा हो. इसको हम एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं.

कैसे होता है Contribution?

कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा EPF में जमा करता है. उसी के साथ कंपनी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा जमा करती है. इसमें से 8.33 फीसदी EPS (Employees’ Pension Scheme) में जाता है. बाकी 3.67 फीसदी EPF खाते में जमा होता है. यानी कर्मचारी और नियोक्ता मिलकर हर महीने EPF/EPS में पैसे जमा करते हैं. इसके बदले कर्मचारी को रिटायरमेंट पर एक बड़ी रकम और पेंशन दोनों मिलते हैं.

ब्याज दर

सरकार समय-समय पर EPF पर ब्याज दर तय करती है. वर्तमान में इस पर सालाना 8.25 फीसदी ब्याज मिल रहा है. यह पैसा सीधे आपके EPF खाते में जुड़ता है और कंपाउंड इंट्रेस्ट के कारण तेजी से बढ़ता है. EPF को हम आसानी से एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं. मान लीजिए किसी कर्मचारी की कुल मासिक सैलरी 64,000 रुपये है. इसमें बेसिक सैलरी 35,200 रुपये (बेसिक प्लस DA).

अब EPF कॉन्ट्रिब्यूशन का कैलकुलेशन:

  • कर्मचारी का योगदान (12 फीसदी बेसिक) यानी 3,828 रुपये प्रति महीने
  • नियोक्ता का योगदान (3.67 फीसदी बेसिक) यानी 1,172 रुपये प्रति महीने यानी हर महीने कुल 5,000 रुपये EPF खाते में जमा हो रहा है.

लंबे समय में क्या होगा फायदा?

अगर यह कर्मचारी 25 साल की उम्र में नौकरी शुरू करता है और 58 साल तक (33 साल तक) नियमित योगदान करता है, तो क्या होगा? हर साल कम से कम 10 फीसदी सैलरी बढ़ने से EPF योगदान भी हर साल बढ़ेगा. खाते में हर साल 8.25 फीसदी ब्याज जुड़ता रहेगा. इसका असर क्या होगा? 58 साल की उम्र तक कर्मचारी के पास लगभग 3.8 करोड़ रुपये का रिटायरमेंट कॉर्पस होगा. इसमें वास्तविक निवेश लगभग 1.33 करोड़ रुपये होगा, जबकि बाकी रकम ब्याज और ग्रोथ से बनेगी.

फोटो क्रेडिट- @एसबीआई सिक्योरिटीज कैलकुलेटर

क्यों सुरक्षित है EPF?

यह पूरी तरह सरकारी गारंटी के तहत है. इस पर बाजार की मंदी या शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता. ब्याज दर भले बदलती रहे, लेकिन यह हमेशा एक भरोसेमंद निवेश विकल्प है. साथ ही, इसमें पेंशन और इंश्योरेंस कवर जैसी अतिरिक्त सुविधाएं भी जुड़ी होती हैं.

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