डिजिटल दौर में भी बैंकों में शिकायतों का अंबार, सबसे ज्यादा SBI के कस्टमर परेशान, प्राइवेट में भी बुरा हाल
वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय बैंकों को ग्राहकों की रिकॉर्ड शिकायतें मिलीं. सरकारी बैंकों में SBI को 6.87 लाख शिकायतें मिली. प्राइवेट बैंकों में एक्सिस बैंक टॉप पर रहा. डिजिटल सुविधाओं और सर्विस चार्ज के बावजूद, ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा ना होना बैंकों की उदासीनता को दिखाता है.

Business Responsibility and Sustainability Report 2025: मौजूदा वक्त में बैंकिंग सिस्टम में हर काम के लिए डिजिटल टूल उपलब्ध हैं, चाहे ऑनलाइन बैंकिंग हो या मोबाइल ऐप. बैंक अपने ग्राहकों से हर सर्विस के लिए फीस भी वसूलता है. फिर भी ग्राहकों की शिकायत सुलझाने में बैंक सुस्ती दिखा रहे हैं. बैंकों में ग्राहकों की शिकायतों का अंबार लगा है. इस बात का पता इससे चलता है कि बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक को 6.87 लाख से अधिक शिकायतें मिलीं. इस मामले में प्राइवेट बैंक भी पीछे नहीं हैं, जहां लाखों शिकायतें अभी भी पेंडिंग हैं. डिजिटल सुविधाओं और सर्विस चार्ज के बावजूद, ग्राहकों की शिकायतों का निपटारा ना होना बैंकों की उदासीनता को दिखाता है.
SBI को मिली सबसे अधिक शिकायत
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों की वित्त वर्ष 2025 की बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को सबसे ज्यादा 6.87 लाख शिकायतें मिलीं, जिनमें से 1.05 लाख मार्च तक सुलझाई नहीं जा सकीं. यानी 1 लाख से अधिक ऐसी शिकायतें थीं जिसका समाधान मार्च से पहले हो जाना चाहिए था उसका समाधान नहीं हुआ. इनमें ज्यादातर शिकायतें ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और लोन देने में देरी से जुड़ी थीं. SBI ने ग्राहकों के लिए कॉल सेंटर, मोबाइल ऐप और वेबसाइट के जरिए शिकायत दर्ज करने की सुविधा दी है.
PNB और BoB में भी शिकायतें बढ़ीं
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को पिछले वित्त वर्ष में 11.39 लाख शिकायतें मिलीं, जो पिछले साल से थोड़ी ज्यादा हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) को 5.34 लाख शिकायतें मिलीं, जिनमें ज्यादातर मोबाइल बैंकिंग और एटीम कार्ड से जुड़ी थीं.
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प्राइवेट बैंकों में एक्सिस बैंक टॉप पर
प्राइवेट बैंकों में एक्सिस बैंक को सबसे ज्यादा 4.97 लाख शिकायतें मिलीं, जिनमें से 8,782 मार्च तक सुलझाई नहीं गईं. आईसीआईसीआई बैंक को 5.34 लाख शिकायतें मिलीं, जबकि एचडीएफसी बैंक को 4.42 लाख शिकायतें मिलीं. बैंकों ने ग्राहक के शिकायतों को कम करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल, 24×7 हेल्पलाइन और मल्टी-लैंग्वेज सपोर्ट बढ़ाया है. लेकिन अभी भी लाखों शिकायतें लंबित हैं, जिससे ग्राहकों को परेशानी हो रही है.
ऐसे कर सकते हैं शिकायत
बैंक अपने ग्राहकों को अलग-अलग माध्यम से शिकायत करने की सुविधा देता है. इसमें ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों शामिल है. अगर किसी ग्राहक की शिकायत का बैंक नजरअंदाज करे, तो ग्राहक सीधे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास भी शिकायत कर सकते हैं.
ब्रांच में जाकर
- निकटतम बैंक शाखा में जाएं.
- लिखित शिकायत दर्ज करें.
कस्टमर केयर पर कॉल करें
- बैंक के टोल-फ्री नंबर पर संपर्क करें.
- शिकायत आईडी (Complaint ID) नोट कर लें.
ऑनलाइन/मोबाइल ऐप के जरिए
- बैंक की वेबसाइट या ऐप पर कंप्लेंट सेक्शन में जाएं.
- फॉर्म भरकर शिकायत दर्ज करें.
RBI बैंकिंग ओम्बड्समैन को (अगर 30 दिन में समाधान ना हो)
- RBI लोकपाल पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत करें.
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