ट्रंप का खामेनेई को 30 अरब डॉलर का ऑफर! प्रतिबंध हटाने का वादा, बदले में ईरान को करना होगा ये काम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में ईरान के साथ P5+1 ईरान न्यूक्लियर डील से अमेरिका को हटा दिया था. इसके बाद ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को तेजी से आगे बढ़ाया. अब ट्रंप फिर से ईरान के साथ न्यूक्लियर डील करना चाहते हैं. इसके लिए ट्रंप ने खामेनेई को 30 अरब डॉलर की एक डील ऑफर की है.

अमेरिका ईरान के साथ तेल समझौते के लिए तैयार है. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

P5+1, ईरान न्यूक्लियर डील को JCPOA यानी जॉइंट कॉम्प्रेहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन भी कहा जाता है. 2015 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ जर्मनी ने मिलकर ईरान के साथ एक डील की थी. इस डील के तहत ईरान को वेपन ग्रेड यूरेनियम एनरिचमेंट बंद करना था. इसके साथ ही अपने परमाणु कार्यक्रम को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी यानी IAEA की निगरानी में आगे सिविल और शांतिपूर्ण उद्देश्य के लिए आगे बढ़ाना था. लेकिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अमेरिका को इस डील से बाहर कर दिया और ईरान पर कई तरह के व्यापारिक प्रतिबंध लाद दिए. अगर ट्रंप ने उस सयम इस इस करार को नहीं तोड़ा होता, तो पिछले दिनों जो इजरायल-ईरान की झड़प हुई, शायद नहीं हुई होती.

क्या है अमेरिका का ऑफर?

ट्रंप फिर से ईरान के साथ न्यूक्लियर डील करना चाहते हैं. इसके लिए ट्रंप प्रशासन की गोपनीय रूप से कूटनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं. CNN की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि इसमें ईरान को नागरिक ऊर्जा परियोजना के लिए अमेरिका 30 अरब डॉलर की मदद देने को तैयार है. इसके साथ ही तमाम व्यापारिक प्रतिबंधों में ढील देने के साथ ही अमेरिका और उसके सहयोगी देशों में फ्रीज ईरान के फंड उसे वापस लौटाने का वादा भी किया है.

ईरान के सामने सिर्फ एक शर्त

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंंप प्रशासन के अधिकारियों ने ईरान के सामने कई तरह के प्रस्ताव पेश किए हैं. हालांकि, ये सभी सभी शुरुआती प्रस्ताव हैं. लेकिन, इनमें एक शर्त कॉमन है कि ईरान की तरफ से यूरेनियम एनरिचमेंट पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ईरान के खिलाफ अमेरिकी सैन्य हमले से एक दिन पहले व्हाइट हाउस में अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और खाड़ी साझेदारों के बीच घंटों बातचीत हुई थी.

30 अरब डॉलर की डील में क्या?

ट्रंंप प्रशासन के अधिकारियों और अमेरिकी प्रस्ताव से परिचित सूत्रों के हवाले से सीएनएन ने दावा किया है कि अमेरिकी की तरफ से ईरान को अपनी ऊर्जा जरूरतों नॉन-न्यूक्लियर तरीकों से पूरी करने के लिए 30 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया गया है. इसके अलावा मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी की तरफ से सीएनएन को बताए गए मसौदे के मुताबिक अमेरिका की तरफ से ईरान पर लगे कुछ प्रतिबंधों को हटाने का भी प्रस्ताव रखा गया है. इसके साथ ही विदेशी बैंक खातों में जमा ईरान के 6 अरब डॉलर लौटाने का वादा भी किया गया है.