अमेरिकी जनता का डाटा देखेगा सरकारी दक्षता विभाग, सुप्रीम कोर्ट ने DOGE के पक्ष में सुनाया फैसला

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की DOGE टीम को सोशल सिक्योरिटी का संवेदनशील डेटा देखने की अनुमति दे दी है. इससे पहले एक जज ने गोपनीयता की चिंता जताते हुए डेटा पर रोक लगाई थी. DOGE अब पूरी जानकारी तक पहुंच पाएगा, जिससे गोपनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने DOGE के पक्ष में सुनाया फैसला

US Supreme Court Gives DOGE Access: एक तरफ जहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की लड़ाई चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. इस फैसले में Department of Government Efficiency (DOGE) को Social Security Administration (SSA) के संवेदनशील रिकॉर्ड्स तक पूरी पहुंच दे दी गई है. यह फैसला ट्रंप प्रशासन की अपील पर लिया गया है. इससे पहले, एक जिला जज ने इस डेटा पर कुछ सख्त पाबंदियां लगाई थीं. उनका मानना था कि इस जानकारी तक खुली पहुंच से लाखों अमेरिकियों की गोपनीयता खतरे में पड़ सकती है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को रोक दिया है. इसके बाद DOGE को SSA के डेटा तक पूरी तरह से पहुंच मिल गई है.

अदालत ने तीन पैराग्राफ के आदेश में कहा, “वर्तमान परिस्थितियों में SSA, DOGE टीम के सदस्यों को आवश्यक रिकॉर्ड तक पहुंच दे सकता है ताकि वे अपना काम कर सकें. हालांकि, आदेश में बहुमत के पीछे का कोई तर्क स्पष्ट नहीं किया गया है.

DOGE और डेटा तक पहुंच का विवाद

DOGE को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी खर्चों और फालतू खर्चों को रोकने के लिए बनाया था. शुरू में एलन मस्क इस कार्यालय का चेहरा रहे, लेकिन अब वे ट्रंप प्रशासन से अलग हो चुके हैं और खुलकर उनके खिलाफ बोल रहे हैं. फिलहाल DOGE की औपचारिक प्रमुख एमी ग्लीसन हैं. DOGE को अब जिन SSA रिकॉर्ड्स तक पहुंच मिली है, उनमें Social Security Number, पता, जन्म और विवाह प्रमाण पत्र, टैक्स और इनकम डिटेल्स, नौकरी का इतिहास और बैंक व क्रेडिट कार्ड की जानकारी शामिल है.

वहीं, यूएस सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉअर ने कोर्ट में दलील दी कि अगर एजेंसी के एक्सपर्ट्स को डेटा नहीं मिलेगा तो वे धोखाधड़ी और बेकार खर्चों को रोकने का काम नहीं कर पाएंगे.

गोपनीयता पर गहरी चिंता

वहीं कोर्ट की तीन लिबरल जज एलेना कगन, सोनिया सोतोमेयर और केतनजी ब्राउन जैक्सन ने इस फैसले का विरोध किया. जस्टिस जैक्सन ने अपने असहमति पत्र में कहा, “कोर्ट लाखों अमेरिकियों के लिए गंभीर गोपनीयता जोखिम पैदा कर रहा है.” जज हॉलेंडर का आदेश कहता था कि DOGE को केवल एनॉनिमाइज़्ड डेटा ही दिया जाए, और वह भी SSA की तरह की ट्रेनिंग और बैकग्राउंड चेक के बाद ही. गैर-एनॉनिमाइज़्ड डेटा पाने के लिए DOGE कर्मचारियों को एक लिखित कारण बताना होता कि यह जानकारी क्यों जरूरी है. साथ ही, उन्होंने DOGE से पहले से हासिल डेटा को हटाने का भी आदेश दिया था.

दूसरे मामले में भी सुप्रीम कोर्ट का समर्थन

वहीं, एक दूसरे केस में भी कोर्ट ने वॉशिंगटन के एक जिला जज क्रिस्टोफर कूपर के उस आदेश को भी पलट दिया, जिसमें DOGE की प्रमुख ग्लीसन को गवाही देने और दस्तावेज सौंपने को कहा गया था. यह मामला Citizens for Responsibility and Ethics in Washington (CREW) द्वारा दायर किया गया था, जिसमें मांग की गई थी कि DOGE को Freedom of Information Act (FOIA) के अंतर्गत सार्वजनिक एजेंसी माना जाए. CREW का दावा है कि DOGE के कामकाज में पारदर्शिता जरूरी है क्योंकि इसने संघीय बजट और कर्मचारियों में भारी कटौती में बड़ी भूमिका निभाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका की आंतरिक चर्चाओं में न्यायपालिका को संयम बरतना चाहिए.

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