जानें कैसे शुरू करें कोल्ड स्टोरेज व्यवसाय, होगी नोटों की बारिश, सरकार से मिलेगी सब्सिडी, किसानों से दुआएं
अगर आप 5 हजार टन का कोल्ड स्टोरेज बनाते हैं, तो इससे सालाना 2 से 8 करोड़ रुपये कमा सकते हैं. इसके अलावा निर्माण की लागत पर केंद्र सरकार की तरफ से 35 से 50 फीसदी तक सब्सिडी भी मिलती है. जानें कैसे उठाएं इसका फायदा.

अगर आप कोई ऐसा बिजनेस प्लान तलाश रहे हैं, जिसमें आपको पहले ही साल से अच्छी आमदनी होने लगे, सरकार से सब्सिडी भी मिल जाए और लंबे समय तक कम रनिंग कॉस्ट पर अच्छा रिटर्न मिलता रहे, तो आपके लिए कोल्ड स्टोरेज खोलना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. पूरे देश में सब्जियों और बागवानी उपज को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की जरूरत लगातार बढ़ रही है. सरकार कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए 35 से 50 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है. इसके अलावा सरकार की तरफ से कृषि बुनियादी ढांचा कोष (एआईएफ) के तहत कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए 2 करोड़ रुपये तक का कर्ज कुछ भी गिरवी रखे बिना दिया जा रहा है. आएं जानते हैं कैसे आप इसका लाभ ले सकते हैं.
पहले ही साल करोड़ों में हो सकती कमाई
एक साधारण एकल तापमान वाले कोल्ड स्टोरेज से प्रति टन न्यूनतम 4 हजार रुपये तक की आय होती है, जो मौसम, स्थान और मांग के हिसाब से 16 हजार तक जा सकती है. अगर आप 5 हजार टन का कोल्ड स्टोरेज बनाते हैं, तो इससे सालाना 2 से 8 करोड़ रुपये कमा सकते हैं. केंद्र सरकार का कृषि और किसान कल्याण विभाग बागवानी के लिए एकीकृत विकास मिशन (एमआईडीएच) के तहत पूरे देश में 5 हजार से 10 हजार मीट्रिक टन तक की क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज के निर्माण के लिए 35 से 50 फीसदी तक क्रेडिट लिंक्ड बैक एंड सब्सिडी दे रहा है.
5 हजार टन का कोल्ड स्टोरेज बनाने की लागत
किसान कल्याण विभाग के मुताबिक एक कोल्ड स्टोरेज के निर्माण पर प्रति टन न्यूनतम 8 हजार रुपये का खर्च आता है. इस तरह 5 हजार टन का एक कोल्ड स्टोरेज बनाने पर न्यूनतम 4 करोड़ का खर्च आएगा. अगर पहले साल में ही लागत न्यूनतम और मुनाफा अधिकतम हो जाए, तो लागत को निकालकर करीब 4 करोड़ तक का मुनाफा हासिल किया जा सकता है.
रियायती दर पर 2 करोड़ तक कर्ज
देश में कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी ढांचा कोष (एआईएफ) तैयार किया है. एआईएफ की तरफ से कोल्ड स्टोरेज जैसी परियोजनाओं के लिए ब्याज में 3 फीसदी की छूट के साथ 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज कुछ भी गिरवी रखे बिना मुहैया कराए जा रहे हैं.
कौन कर सकता है योजना के तहत आवेदन
योजना के तहत कोई भी व्यक्ति, किसानों, उत्पादक या उपभोक्ता समूह, साझेदारी वाली फर्में, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), कंपनियां, सहकारी समितियां, सहकारी विपणन संघ, स्थानीय निकाय, कृषि उपज बाजार समितियां (एपीएमसी) और विपणन बोर्ड केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
छोटे स्तर पर भी बना सकते हैं कोल्ड स्टोरेज
यह जरूरी नहीं है कि आपको 4-5 करोड़ की लागत से न्यूनतम 5 हजार टन का कोल्ड स्टोरेज बनाना पड़े. सबसे छोटे स्तर पर कोल्ड स्टोरेज के बिजनेस में उतरने के लिए आपके पास न्यूनतम 200 वर्गफीट की जमीन होनी चाहिए, जिसमें करीब 1 टन की क्षमता का कोल्ड स्टोरेज बनाया जा सकता है. इसकी लागत 5 से 7 लाख के बीच में आती है. अलग-अलग राज्यों में इस तरह के छोटे कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए आसान कर्ज और सब्सिडी दी जा रही है.
इन फल–सब्जियों को कोल्ड स्टोरेज की जरूरत
कोल्ड स्टोरेज की सबसे ज्यादा जरूरत आलू और प्याज के लिए रहती है. आमतौर पर इन दोनों सब्जियों को 6 से 7 महीने कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है. इसके अलावा टमाटर, सेब, गाजर, भिंडी, गोभी और नींबू जैसी फसलों को भी कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है.
कर्ज लेने पर ही मिलेगी सब्सिडी
क्रेडिट-लिंक्ड बैक एंड सब्सिडी का लाभ लेने के लिए यह जरूरी है आपकी परियोजना के वित्त पोषण में बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से सावधि कर्ज लिया जाए. योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए इस https://nhb.gov.in/schemes/capital-investment-subsidy.html लिंक पर जा सकते हैं.
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