इंटरनेशनल मार्केट में DAP की फिर बढ़ी कीमतें, सरकार पर बढ़ेगा बोझ, फिलहाल किसानों पर असर नहीं
अंतरराष्ट्रीय बाजार में DAP उर्वरक की कीमत 720 डॉलर प्रति टन पहुंच गई है, जिससे भारत सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ गया है. सरकार ने खरीफ 2025 के लिए सब्सिडी बढ़ाकर ₹27,799 प्रति टन की है, फिर भी कंपनियों को भारी घाटा हो रहा है. भारत अपनी DAP ज़रूरतों के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है. चीन से निर्यात बंद होने के कारण कीमतें और बढ़ी हैं, लेकिन किसानों के लिए खुदरा मूल्य स्थिर रखा गया है.
DAP fertilizer: इंटरनेशनल मार्केट में डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. अब यह 720 डॉलर प्रति टन पहुंच गई है. फरवरी में इसकी कीमत 640 डॉलर थी. एक कंपनी ने इसी रेट पर नया कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. हालांकि, इस बढ़ी कीमत का बोझ ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि सरकार ने इसकी बढ़ी हुई कीमत का बोझ उठाने का फैसला लिया है.
सब्सिडी बढ़ी फिर भी घाटे में कंपनियां
रूरल वॉइस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अप्रैल से सितंबर तक खरीफ सीजन के लिए सरकार ने DAP पर सब्सिडी बढ़ाकर 27,799 रुपये प्रति टन कर दी है. इसके बावजूद आयात करने पर कंपनियों को घाटा हो रहा है. देश में फिलहाल इसकी कीमत 27,000 रुपये प्रति टन यानी 1350 रुपये प्रति बैग है. हालांकि कंपनियों के लिए यही इंटरनेशनल मार्केट रेट और अन्य खर्च मिलाकर यह 65,000 रुपये प्रति टन से ज्यादा का पड़ रहा है. इस वजह से उन्हें घाटा हो रहा है.
1 करोड़ टन की खपत
देश में हर साल लगभग 1 करोड़ टन DAP की खपत होती है, जिसमें से केवल 48 लाख टन ही घरेलू उत्पादन से आता है, बाकी आयात किया जाता है. घरेलू उत्पादन के लिए भी फॉस्फोरिक एसिड और रॉक फॉस्फेट जैसे कच्चे माल का आयात करना पड़ता है, जिससे भारत लगभग पूरी तरह से आयात पर निर्भर है. DAP के कच्चे माल फॉस्फोरिक एसिड की कीमत इस समय 1153 डॉलर प्रति टन है.
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मोरक्को और सऊदी से समझौता
देश में DAPकी जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने मोरक्को और सऊदी अरब से लंबे समय के लिए समझौते किए हैं. मोरक्को की सरकारी कंपनी OCP और सऊदी की Ma’aden प्रमुख सप्लायर हैं. फिलहाल चीन से आयात बंद होने के कारण कीमतें ऊंची बनी हुई हैं. अगर चीन का निर्यात फिर से शुरू होता है, तो कीमतों में नरमी आ सकती है.