तुर्की के सेब और कश्मीर-हिमाचल के सेब में क्या अंतर, जानें कौन है महंगा

इन दिनों भारत पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच तुर्किये का सेब काफी चर्चा में आ गया है. ऐसे में आइए जानते हैं तुर्किये के सेब और भारत के कश्मीर-हिमाचल के सेब की क्या है खासियत. तीनों की कीमत में क्या है अंतर.

तुर्की के सेब और कश्मीर-हिमाचल के सेब में क्या अंतर Image Credit:

Difference Between Turkish Apples and Kashmir-Himachal Apples: इन दिनों अगर देश में सबसे ज्यादा चर्चा किसी बात की हो रही है, तो वो है पाकिस्तान के ड्रोन हमले और उसमें तुर्की की भूमिका. बताया जा रहा है कि जो ड्रोन भारत पर गिरा, वो तुर्कीये से पाकिस्तान ने खरीदा था. इसके बाद पूरे देश में तुर्की को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है. खासतौर पर तुर्की से जो सामान भारत आता है, जैसे कि सेब उसे लेकर विरोध बढ़ रहा है. कई मंडियों और व्यापारियों ने तुर्की से सेब मंगवाने पर रोक लगाने का फैसला कर लिया है. सेब व्यापारियों का कहना है कि ये सिर्फ व्यापार का मामला नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा है. उनका मानना है कि जो देश पाकिस्तान का साथ देगा, उससे कोई व्यापार नहीं किया जाएगा.

ऐसे में सवाल ये है कि तुर्की के सेब और देश के कश्मीर-हिमाचल वाले सेब में फर्क क्या है? कौन सा सेब बेहतर है? और दोनों की कीमत में कितना अंतर है? चलिए जानते हैं.

हिमाचली सेब की खासियत

नेचुरल स्वाद का मेल

हिमाचली सेब अपने नैचुरल स्वाद और मिठास-खट्टास के बैलेंस के लिए जाने जाते हैं. ये स्वाद पहाड़ों की जलवायु और धीरे-धीरे पकने की वजह से आता है.

कुरकुरी बनावट और ताजगी
ये सेब अंदर से कुरकुरे होते हैं और ताजगी से भरपूर रहते हैं. खेत से मंडी तक जल्दी पहुंचने की वजह से इनका पोषण भी बना रहता है.

कम रसायन, ज्यादा भरोसा
हिमाचल के छोटे किसान पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं, जिससे इनमें केमिकल का इस्तेमाल बहुत कम होता है. साथ ही इनमें वैक्सिंग या नकली कोटिंग भी बहुत कम देखने को मिलती है.

पर्यावरण के अनुकूल खेती
यहां की खेती टिकाऊ तरीकों से की जाती है, जिससे ना सिर्फ मिट्टी की ताकत बनी रहती है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता है.

तुर्की सेब की खासियत

दिखने में एकदम परफेक्ट
तुर्की के सेब नई तकनीकों से उगाए जाते हैं, जिससे हर सेब का रंग, आकार और चमक लगभग एक जैसी होती है. यही वजह है कि ये बाजार में प्रीमियम कहलाते हैं.

ज्यादा दिन तक खराब नहीं होते
कोल्ड स्टोरेज, वैक्सिंग और खास पैकेजिंग की वजह से ये सेब कई हफ्तों तक खराब नहीं होते हैं. ये ऑनलाइन और विदेशी बाजारों के लिए ये एकदम फिट बैठते हैं.

जूसी और सॉफ्ट टेक्सचर
तुर्की के कुछ सेब हल्के सॉफ्ट और रसदार होते हैं, जिन्हें खाना आसान होता है. लेकिन कभी-कभी इनका स्वाद थोड़ा बनावटी भी लग सकता है.

कश्मीर के सेब की क्या है खासियत?

कश्मीर घाटी भारत का सबसे फेमस सेब उत्पादक क्षेत्र है. यहां का सेब अपनी बेमिसाल मिठास, रसीलेपन और आकर्षक रंग के लिए पूरे देश में जाना जाता है. कश्मीरी सेब की पहचान इसके स्वाद और गुणवत्ता से होती है. कश्मीरी सेब का रंग आमतौर पर गहरा लाल और बहुत ही चमकदार होता है. कुछ किस्मों में लाल रंग पर सफेद बिंदीदार डॉट्स (lenticels) होते हैं, जो इसकी अलग पहचान है.

उत्पादन और जगह के हिसाब से फर्क

हिमाचल में सेब के लिए अनुकूल ठंडा मौसम, ऊँचाई और बारिश की मौसमी मात्रा फलों को कुरकुरा, रसदार और स्वादिष्ट बनाती है. यह प्रदेश हर साल लाखों टन सेब का उत्पादन करता है. वहीं तुर्कीये के सेब एजियन और काले सागर क्षेत्र से लेकर मध्यवर्ती पठारों तक, अलग-अलग जलवायु में उगाए गए सेब भिन्न स्वाद और बनावट वाले होते हैं. जबकि कश्मीरी सेब वहां की ठंडी जलवायु, लंबे समय तक बर्फबारी और ऊंचाई पर स्थित बागानों में उगने की वजह से सेब को स्वाभाविक मिठास बनाती है.

दोनों की कीमत में कितना है अंतर?

भारत में तुर्की के सेब की कीमत 180 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रति किलो तक है. हालांकि भारत के अलग-अलग राज्यों में इसकी कीमत थोड़ी अलग हो सकती है. जबकि भारत में हिमाचल प्रदेश के सेब की कीमत 90 रुपये प्रति किलो से लेकर 150 रुपये प्रति किलो तक मिलती है. वहीं देश में कश्मीरी सेब की कीमत 150 रुपये से लेकर 160 रुपये के बीच है.

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