INR vs USD: डॉलर की बढ़ती डिमांड से पस्त हुआ रुपया, 22 पैसे कमजोर होकर 85.54 पर आया
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर पर 90 दिन के पॉज की वजह से डॉलर की डिमांड बढ़ गई है. इसके अलावा तमाम निवेशक फिर से अमेरिका का रुख कर रहे हैं, जिससे डॉलर में मजबूती हा रही है. इसकी वजह से गुरुवार को रुपया 22 पैसे कमजोरी के साथ बंद हुआ.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इन दिनों अपने फैसलों को पलटने में लगे हैं. इनमें सबसे बड़ा फैसला चीन पर 145 फीसदी टैरिफ का पलटा है. अब अमेरिका की तरफ से चीन पर 90 दिन 30 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा, वहीं चीन अमेरिकी आयात पर 10 फीसदी टैरिफ लगाएगा. इसके अलावा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय ट्रेड डील पर बात चल रही है, जिसके आधार पर 90 दिन के बाद दोनों देश आपस में ट्रेड करेंगे. चीन-अमेरिकी की इस सुलह का असर दुनियाभर के बाजारों पर देखने को मिला है. निवेशक सोने जैसे सुरक्षित एसेट से पैसे निकालकर शेयर बाजारों का रुख कर रहे हैं. इसके अलावा इस उलटफेर का असर करेंसी मार्केट पर भी हो रहा है, जहां डॉलर की मांग बढ़ने से डॉलर इंडेक्स में तेजी आ रही है, जबकि भारतीय रुपये सहित तमाम दूसरी करेंसी कमजोर हो रही हैं.
गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 22 पैसे टूटकर 85.54 पर बंद हुआ. आयातकों की डॉलर की मांग और विदेशी निवेशकों के बाहर निकलने से रुपये पर दबाव बढ़ रहा है. हालां, घरेलू बाजारों में तेजी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने रुपये की कमजोरी को एक सीमित दायरे में बांध कर रखा है. विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख और वैश्विक बाजारों में जोखिम बढ़ने से रुपये को समर्थन मिल सकता है.
कैसा रहा रुपये का कारोबार?
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज में भारतीय रुपये की ओपनिंग 85.53 पर हुई. इसके बाद डॉलर के मुकाबले 85.48 के इंट्रा-डे हाई और 85.73 के लो के बीच घूमती रही. डॉलर के मुकाबले दिन के आखिर में रुपया 85.54 पर बंद हुआ, जो पिछले क्लोजिंग लेवल से 22 पैसे की गिरावट दर्शाता है. बुधवार को रुपया अपनी शुरुआती बढ़त को गंवा बैठा और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 4 पैसे की बढ़त के साथ 85.32 पर बंद हुआ.
क्या है एक्सपर्ट की राय
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च एनालिस्ट अनुज चौधरी का कहना है कि सकारात्मक घरेलू बाजारों और वैश्विक बाजारों में जोखिम उठाने की क्षमता में वृद्धि के बीच रुपया सकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने और अमेरिका और चीन के बीच व्यापार शुल्क तनाव कम होने से भी रुपये को समर्थन मिल सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कच्चे तेल की कीमतों से भी रुपये को मजबूती मिल रही है. ब्रेंट क्रूड फ्यूचर फिलहाल 63.63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है.
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