ICC के मीडिया राइट्स पर मंडराया खतरा! JioStar ने छोड़ा साथ! Sony-Netflix-Amazon भी नहीं बने ‘सेवियर’

ICC की लगभग 80 फीसदी कमाई भारत से आती है. लेकिन भारत का स्पोर्ट्स मीडिया बाजार अभी भारी दबाव में है.JioStar ने गहरे आर्थिक नुकसान का हवाला देते हुए चार साल के समझौते के बचे दो वर्षों से पीछे हटने के संकेत दिए हैं. इससे 2026-29 के नए राइट्स सर्कल से पहले ICC को नया broadcaster खोजने की चुनौती खड़ी हो गई है.

ICC के मीडिया राइट्स पर मंडराया खतरा! Image Credit: AI

JioStar exit deal with ICC: ICC यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के लिए भारत का मीडिया राइट्स बाजार अचानक बड़े संकट में घिर गया है, क्योंकि JioStar ने गहरे आर्थिक नुकसान का हवाला देते हुए चार साल के समझौते के बचे दो वर्षों से पीछे हटने के संकेत दिए हैं. इससे 2026-29 के नए राइट्स सर्कल से पहले ICC को नया broadcaster खोजने की चुनौती खड़ी हो गई है. हालांकि ICC ने Sony, Netflix और Amazon जैसे प्रमुख खिलाड़ियों से बात की है, लेकिन अधिक कीमतों के कारण किसी ने ठोस रुचि नहीं दिखाई. नतीजतन, क्रिकेट broadcast का भारत सेंट्रिक मॉडल अब गंभीर दबाव में है. ऐसे में आइए इस पूरे मामले को विस्तार से जानते है.

ICC को अब नए पार्टनर की तलाश

ET के मुताबिक JioStar के पीछे हटने के संकेत मिलने के बाद ICC ने भारत के लिए 2026-29 मीडिया राइट्स की नई नीलामी शुरू कर दी है. ICC लगभग 2.4 बिलियन डॉलर की उम्मीद कर रही है. लेकिन अभी तक Sony Pictures Networks India (SPNI), Netflix और Amazon Prime Video में से किसी ने भी इसमें खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है. इसकE मेन रिजन बहुत ज्यादा कीमत है. ET के रिपोर्ट के मुताबिक ईमेल के जरिए पूछे गए सवालों का ICC, SPNI, Netflix और Amazon ने जवाब नहीं दिया, जबकि JioStar ने टिप्पणी करने से मना कर दिया.

JioStar को क्यों हो रहा है इतना भारी नुकसान?

JioStar ने 2024-25 में खेलों के महंगे कॉन्ट्रैक्ट्स से होने वाले अनुमानित नुकसान के लिए अपनी Provision Amount को 12,319 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25760 करोड़ रुपये कर दिया. Star India बाद में Viacom18 के साथ मिलकर JioStar का हिस्सा बनी पहले ही ICC राइट्स की वजह से 12548 करोड़ रुपये के घाटे में थी. दूसरी तरफ, ICC ने 2024 में 474 मिलियन डॉलर का सरप्लस दिखाया, जिससे साबित होता है कि क्रिकेट अभी भी बहुत लाभदायक बिजनेस है लेकिन broadcasters के लिए नहीं.

भारत ICC के लिए सबसे बड़ा बाजार

ICC की लगभग 80 फीसदी कमाई भारत से आती है. लेकिन भारत का स्पोर्ट्स मीडिया बाजार अभी भारी दबाव में है. SPNI भी ऊंची कीमतों को लेकर सतर्क है. वह पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड के राइट्स खरीद चुका है, लेकिन भारत में बड़ी बोली लगाने को तैयार नहीं दिख रहा. क्रिकेट का सबसे बड़ा विज्ञापनदाता रियल-मनी गेमिंग कंपनियां (Dream11, My11Circle आदि) पर बैन लगने से मार्केट में लगभग 7000 करोड़ रुपये की विज्ञापन आय गायब हो गई है. पारंपरिक ब्रांड भले लौट आए हों, लेकिन वे इस बड़े गैप को भर नहीं पा रहे.

Netflix और Amazon क्यों दूर हैं?

Netflix भारत में अभी भी क्रिकेट से दूरी बनाए हुए है. वह सिर्फ प्रीमियम एंटरटेनमेंट और WWE जैसे content पर फोकस कर रहा है. Amazon Prime Video भी सीमित रूप से क्रिकेट में सक्रिय है. उसका न्यूजीलैंड क्रिकेट डील अगले साल खत्म हो रहा है. ऑस्ट्रेलिया में उसके पास ICC राइट्स 2027 तक हैं. ग्लोबल स्तर पर भले OTT प्लेटफॉर्म्स स्पोर्ट्स पर खर्च बढ़ा रहे हों, लेकिन वे हर महंगे पैकेज पर बोली लगाने से बचते हैं.

अगर नया खरीदार नहीं मिला तो…

कानूनी तौर पर JioStar को साल 2027 तक कॉन्ट्रैक्ट निभाना ही होगा. लेकिन ICC के नए राइट्स के लिए शुरू हुई यह प्रक्रिया साफ दिखाती है कि स्पोर्ट्स मीडिया इंडस्ट्री में कीमतों की वास्तविकता सामने आ रही है और टीवी प्लेयर्स तथा स्ट्रीमिंग कंपनियां उतना पैसा खर्च करने को तैयार नहीं जितना पहले किया गया था.

Star–Viacom की महंगी बोली अब बन गई बोझ

Star India और Viacom18 ने मिलकर भारत में क्रिकेट के लिए $10 बिलियन से ज्यादा की कमिटमेंट कर रखी है. ICC के $3 बिलियन वाले राइट्स को भी इंडस्ट्री पहले दिन से ही बहुत ज्यादा मान रही थी. अगर हम तुलना देखें तो-

  • SPNI की बोली: $1.4 बिलियन
  • Viacom18 की बोली: $1 बिलियन
  • पिछले चक्र (8 साल): $2 बिलियन

रुपया–डॉलर का झटका

ICC को पेमेंट डॉलर में होता है. डॉलर ₹90 के पार जाने से JioStar का बोझ $3.3 बिलियन तक बढ़ गया है. दुनिया में स्पोर्ट्स राइट्स पर 2030 तक खर्च $78 बिलियन पार करने की उम्मीद है. एशिया में भी खर्च बढ़ रहा है. लेकिन भारत में मीडिया कंपनियां टीवी और OTT दोनों अब बड़े जोखिम लेने से बच रही हैं. कुल मिलाकर, क्रिकेट भले ही सबसे बड़ा दर्शक खींचने वाला खेल बना रहे, पर इसकी कीमत इतनी बढ़ गई है कि बड़े broadcaster भी कदम पीछे खींच रहे हैं.

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