गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने बढ़ाया FRP; 355 रुपये प्रति क्विंटल नया रेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में CCEA की बैठक में गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया गया. चीनी सीजन 2025-26 के लिए FRP 355 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. इससे 5 करोड़ किसानों और 5 लाख श्रमिकों को लाभ मिलेगा.

Sugarcane farmer FRP: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCPA) की बैठक हुई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. सरकार ने आगामी जनगणना में जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा, सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) की दर बढ़ा दी है. तो आइए जानते हैं कि सरकार ने कितनी बढ़ोतरी की है और इससे कितने किसानों को लाभ होगा.
355 रुपये किया गया FRP
केंद्र सरकार ने आज चीनी सीजन 2025-26 (अक्टूबर–सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 355 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
यह दर 10.25 फीसदी की बेसिक रिकवरी रेट पर लागू होगी. सरकार द्वारा घोषित यह नया FRP गन्ने की उत्पादन लागत 173 रुपये प्रति क्विंटल से 105.2 फीसदी अधिक है. इसके अलावा, यह दर वर्तमान गन्ना सत्र 2024-25 के FRP से 4.41 फीसदी अधिक है, जिससे किसानों की आय में सीधा लाभ होगा.

5 करोड़ किसानों को होगा लाभ
केंद्र सरकार के इस निर्णय से देशभर के लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों को, साथ ही चीनी मिलों में कार्यरत लगभग 5 लाख श्रमिकों को भी लाभ मिलेगा. सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि जिन चीनी मिलों में रिकवरी दर 9.5 फीसदी से कम होगी, वहां किसानों को 329.05 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा और उनसे किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी.
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नया दर 1 अक्टूबर से लागू होगा
यह दर 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो रहे गन्ना सत्र 2025-26 से लागू होगी. पिछले सत्र 2023-24 में 1,11,782 करोड़ रुपये की बकाया राशि में से 99.92 फीसदी अर्थात 1,11,703 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है. वहीं, चालू सत्र 2024-25 में अब तक 97,270 करोड़ रुपये में से 87 फीसदी यानी 85,094 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है.
जाति जनगणना को मिली मंजूरी
केंद्रीय राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCPA) ने जाति जनगणना को भी मंजूरी दे दी है. इसका अर्थ है कि अगली राष्ट्रीय जनगणना में जातीय आधार पर जानकारी एकत्र की जाएगी. सामान्यतः हर 10 वर्ष में एक बार जनगणना की जाती है, किंतु वर्ष 2021 में कोविड महामारी के कारण यह प्रक्रिया विलंबित हो गई थी.
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