मोदी सरकार की 3 नए नैनो फर्टिलाइजर प्लांट लगाने की तैयारी; जानें कितनी होगी क्षमता

सरकार ने मंगलवार को बताया कि निजी और सरकारी उर्वरक कंपनियां मिलकर तीन और नैनो उर्वरक प्लांट लगाएंगी. नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है. नैनो-यूरिया को उर्वरक विभाग के मासिक आपूर्ति योजना में शामिल किया गया है. इसके अलावा, उर्वरक मंत्रालय ने कंपनियों के साथ मिलकर देश के 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-डीएपी को अपनाने के लिए 'महा अभियान' शुरू किया है.

फर्टिलाइजर प्लांट Image Credit: Tv9

Nano Fertilizer Plant: सरकार ने मंगलवार को बताया कि निजी और सरकारी उर्वरक कंपनियां मिलकर तीन और नैनो उर्वरक प्लांट लगाएंगी. इन प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता हर साल 17 करोड़ बोतलें होगी. केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा कि सरकार सीधे तौर पर नैनो उर्वरक प्लांट लगाने में शामिल नहीं है. अभी तक उर्वरक कंपनियों ने सात नैनो-यूरिया प्लांट स्थापित किए हैं. इनकी कुल उत्पादन क्षमता 27.22 करोड़ बोतलें (500 मिलीलीटर) प्रति वर्ष है. इसके अलावा, तीन नैनो डीएपी (डाई अमोनियम फॉस्फेट) प्लांट भी बनाए गए हैं. इनकी क्षमता 7.64 करोड़ बोतलें प्रति वर्ष है.

17 करोड़ बोतलें करेंगे उत्पादन

अब तीन और नैनो उर्वरक प्लांट लगाने की योजना है, जो हर साल 17 करोड़ बोतलें उत्पादन करेंगे. मंत्री ने बताया कि अब तक उर्वरक कंपनियों ने देश भर में, जिसमें आदिवासी क्षेत्र भी शामिल हैं, 10.68 करोड़ नैनो-यूरिया बोतलें और 2.75 करोड़ नैनो-डीएपी बोतलें बेची हैं. नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ कई मौकों पर नैनो उर्वरकों के इस्तेमाल पर चर्चा की है.

प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों कराया जा रहा है उपलब्ध

नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के जरिए उपलब्ध कराया जा रहा है. नैनो-यूरिया को उर्वरक विभाग के मासिक आपूर्ति योजना में शामिल किया गया है. इसके अलावा, उर्वरक मंत्रालय ने कंपनियों के साथ मिलकर देश के 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में नैनो-डीएपी को अपनाने के लिए ‘महा अभियान’ शुरू किया है. इस अभियान में परामर्श और खेतों में प्रदर्शन के जरिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही, मंत्रालय ने 100 जिलों में नैनो-यूरिया प्लस के लिए जागरूकता कार्यक्रम और खेतों में प्रदर्शन अभियान भी शुरू किया है.

कम मात्रा में अधिक प्रभावी

ये कदम किसानों को नैनो उर्वरकों के फायदों के बारे में बताने और उनके उपयोग को बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं. नैनो उर्वरक कम मात्रा में अधिक प्रभावी होते हैं और पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाते हैं. सरकार का टारगेट है कि इनके जरिए किसानों की लागत कम हो और फसल की पैदावार बढ़े.

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