मिनटों में पता चलेगी मिट्टी अम्लीय है या क्षारीय! घर बैठे ऐसे जांचें उसकी सेहत
हर बागवानी प्रेमी को साल में कम से कम एक बार मिट्टी की जांच जरूर करनी चाहिए. आइए जानें मिट्टी की जांच क्यों जरूरी है, कैसे की जाती है और आप इसे घर पर भी कैसे कर सकते हैं.
How to Test Soil at Home: अगर आप फल-फूल या सब्जियों की खेती करते हैं, तो सिर्फ पानी और धूप ही काफी नहीं होती. बल्कि मिट्टी की सेहत भी उतनी ही जरूरी होती है. मिट्टी में अगर जरूरी पोषक तत्व नहीं हैं या उसका pH लेवल सही नहीं है, तो पौधों की बढ़त रुक सकती है. इसलिए, हर बागवानी प्रेमी को साल में कम से कम एक बार मिट्टी की जांच जरूर करनी चाहिए. आइए जानें मिट्टी की जांच क्यों जरूरी है, कैसे की जाती है और आप इसे घर पर भी कैसे कर सकते हैं.
मिट्टी की जांच क्यों है जरूरी?
मिट्टी पौधों को पोषक तत्व देने का बेस है. अगर मिट्टी में संतुलित पोषण नहीं है या pH बहुत अधिक क्षारीय (alkaline) या अधिक अम्लीय (acidic) है, तो पौधे जरूरी तत्वों को सोख नहीं पाएंगे. सही pH लेवल के बिना पौधे न तो अच्छे फूल देंगे, न फल. बहुत अम्लीय मिट्टी पौधों के लिए जहरीली हो सकती है. जबकि बहुत क्षारीय मिट्टी में फॉस्फोरस और आयरन जैसे पोषक तत्व मिलना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अगर शुरुआत में ही मिट्टी की जांच कर लें, तो जरूरत से ज्यादा खाद या चूना डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जिससे हमारा पैसा और समय दोनों की बचत होती है.
कौन से फैक्टर होते है शामिल मिट्टी की जांच में ?
एक अच्छी मिट्टी जांच में ये चीजें शामिल होती हैं. इसमें,
मिट्टी की बनावट: रेत, सिल्ट और मिट्टी (clay) का अनुपात.
pH स्तर: मिट्टी कितनी अम्लीय या क्षारीय है.
पोषक तत्व: जैसे कि मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम की मात्रा.
घर पर कैसे करें मिट्टी की जांच ?
घर पर मिट्टी की जांच के लिए दो तरह की विधियां है जिसमें पहला है,
- 2 टेबलस्पून मिट्टी में आधा कप सिरका डालें. अगर बुलबुले निकलें, तो मिट्टी क्षारीय (alkaline) है.
- दूसरी मिट्टी के सैंपल में पानी डालें और फिर बेकिंग सोडा मिलाएं. अगर बुलबुले आएं, तो मिट्टी अम्लीय (acidic) है.
- कोई प्रतिक्रिया नहीं होने का मतलब है कि मिट्टी का pH न्यूट्रल है.
दूसरा तरीका है,
- वसंत के मौसम में 1x1x1 फुट मिट्टी निकालें.
- उसे कार्डबोर्ड पर फैलाएं और ध्यान से देखिए.
- अगर 10 या उससे अधिक केंचुए मिलते हैं, तो मिट्टी स्वस्थ है.
- कम केंचुए मिलें तो उसमें जैविक खाद जैसे कंपोस्ट, पत्तों की खाद या गोबर डालें.
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