अब सऊदी अरब से भारत मंगाएगा ये खास फर्टिलाइजर, चीन की सख्ती के बाद मोदी सरकार ने निकाला तोड़
भारत-सऊदी अरब समझौते के बाद हर साल भारत को 31 लाख मीट्रिक टन DAP मिलेगा, जिससे किसानों को खरीफ सीजन में उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित होगी. यह पांच वर्षों तक चलेगा. यानी वित्त वर्ष 2025‑26 से 2030‑31 तक. साथ ही चीन पर भारत की निर्भरता भी घटेगी, क्योंकि पिछले FY 2024‑25 में चीन से DAP आयात घटकर केवल 8.47 लाख टन रह गया था, जबकि FY 2023‑24 में यह 22.28 लाख टन था.
India-Saudi Arabia 5 years Deal on DAP: देश में खरीफ की दस्तक के बीच किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. 13 जुलाई 2025 को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा ने भारत और सऊदी अरब के बीच DAP (डायमोनियम फॉस्फेट) की आपूर्ति को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. इस समझौते के तहत वित्त वर्ष 2025‑26 से शुरू होकर अगले पांच वर्षों तक सऊदी और भारतीय कंपनियां मिलकर सालाना 31 लाख मीट्रिक टन DAP खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगी. यह डील ना केवल किसानों के लिए फायदेमंद है, बल्कि सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे चीन पर भारत की निर्भरता घटेगी.
इन कंपनियों के बीच हुई डील?
जे. पी. नड्डा ने अपने तीन दिवसीय सऊदी अरब दौरे पर लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट साइन किया है. इसके तहत सऊदी अरब की Ma’aden कंपनी भारत की IPL, KRIBHCO और CIL को हर साल 31 लाख मीट्रिक टन DAP उर्वरक की सप्लाई करेगी. यह सप्लाई वित्त वर्ष 2025-26 से शुरू होकर अगले पांच साल तक जारी रहेगी यानी वित्त वर्ष 2030-31 तक.
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2011 से 2024 तक देश में उर्वरक का आयात
सऊदी अरब से DAP के आयात में 94 फीसदी की बढ़त
भारत में उर्वरकों में यूरिया के बाद सबसे अधिक डीएपी का इस्तेमाल होता है. वित्त वर्ष 2024 में देश में डीएपी की खपत लगभग 11 मिलियन मीट्रिक टन थी. इस साल 865 अरब रुपये से अधिक मूल्य के उर्वरकों का आयात किया गया था. वर्ष 2024-25 में, भारत द्वारा सऊदी अरब से डीएपी का आयात 1.9 मिलियन मीट्रिक टन था , जो वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान आयातित 1.6 मिलियन मीट्रिक टन से लगभग 17 फीसदी अधिक है. डीएपी आपूर्ति के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, वित्त वर्ष 2025-26 से डीएपी की आपूर्ति बढ़कर 3.1 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी. इस तरह सऊदी अरब से डीएपी आयात में 93.75 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
चीन पर घट रही निर्भरता
वित्त वर्ष 2024-25 के फरवरी महीने तक भारत ने चीन से 8.47 लाख टन डीएपी का आयात किया है. यह कुल आयात का लगभग 20 फीसदी है. साल 2023 में चीन से 22.28 लाख टन डीएपी का आयात हुआ था, जो कुल आयात 55.67 लाख टन का 40 फीसदी रहा था. हालिया समझौते के बाद चीन पर भारत की निर्भरता और भी कम होगी.
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