नियमों को ताक पर रख बाजार से खेल रहे शॉर्ट सेलर, इनगवर्न ने रिर्पोट जारी कर सेबी से की दखल की मांग

रिसर्च फर्म इनगवर्न ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि कई विदेशी शॉर्ट सेलर सेबी के नियमों को ताक पर रखकर भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेशी शॉर्ट सेलर्स सोची-समझी योजना के तहत भारतीय कंपनियों के स्टॉक्स को अस्थिर कर उनमें शॉर्ट सेलिंग कर मुनाफा बना रहे हैं.

सेबी Image Credit: Pavlo Gonchar/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

रिसर्च और एडवाइजरी फर्म InGovern ने भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी संस्थाओं के प्रभाव को लेकर एक अध्ययन किया. इस अध्ययन के आधार पर पेश एक रिपोर्ट में इनगर्वन ने दावा किया है कि कई विदेशी शॉर्ट सेलर सेबी के बनाए नियमों से परे जाकर भारतीय कंपनियों में हेरफेर करने और बाजार में अस्थिरता फैलाकर पैसा बना रहे हैं.

रिपोर्ट में सेबी के नियमों का पालन नहीं करने वाली विदेशी शोध संस्थाओं के प्रभाव की चर्चा करते हुए बताया गया है कि हिंडनबर्ग जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट पर बाजार में वालैटिलिटी बढ़ाई जाती है और इसका फायदा उठाते हुए शॉर्ट सेलर पैसा बनाते हैं. रिपोर्ट में सेबी से ऐसी संस्थाओं और शॉर्ट सेलर्स पर नकेल करने की मांग करते हुए कहा है कि पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़कार भारतीय निवेशकों की रक्षा की जानी चाहिए.

कैसे काम करती हैं ये संस्थाएं

इनगवर्न की रिपोर्ट के मुताबिक पहले कुछ विदेशी शॉर्ट-सेलिंग फर्म चुनिंदा भारतीय कंपनियों में शॉर्ट पोजिशन लेना शुरू कर देते हैं. इसके बाद लक्षित कंपनियों के बारे में ऐस रिपोर्ट पेश की जाती हैं, जिनसे भारतीय बाजार और खासतौर पर लक्षित कंपनियों में वोलैटिलिटी बढ़े, जिसका फायदा उठाकर ये शॉट सेलर पैसा बनाते हैं.

सेबी से की दखल की मांग

इनगवर्न ने अपनी रिपोर्ट में सेबी से अनुरोध किया है कि भारतीय कंपनियों और बाजार के बारे में ऐसी किसी भी संस्था की तरफ से रिपोर्ट जारी करने पर रोक लगाई जानी चाहिए, जो सेबी रजिस्टर्ड नहीं है. क्योंकि, भारतीय नियामक की जांच के बिना ऐसी संस्थाओं की रिर्पोर्टों का सीधा असर भारतीय निवेशकों और बाजारों पर पड़ता है.

वेदांता पर भ्रामक रिपोर्ट

इनगवर्न ने यह रिपोर्ट में पिछले दिनों अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलिंग फर्म वायसराय की रिसर्च में वेदांता पर लगाए गए अनर्गल आरोपों के बाद आई है. शॉर्ट सेलिंग फर्म ने अरबपति अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी वेदांता रिसोर्सेज ‘परजीवी’ बताते हुए कहा था कि वह अपनी भारतीय इकाई वेदांता लिमिटेड को ‘व्यवस्थित रूप से खत्म’ कर रही है. हालांकि, वेदांता समूह ने इस रिपोर्ट को भ्रामक और आधारहीन बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया. बाद में पता चला कि वायसराय ने वेदांता में शॉट पोजिशन बना रखी है.