5 साल पहले हासिल किया ग्रीन एनर्जी टारगेट, देश में नॉन-फॉसिल स्रोतों से बन रही 50 फीसदी बिजली
भारत को ग्रीन एनर्जी को लेकर जो लक्ष्य 2030 तक हासिल करना था, उसे 2025 में ही हासिल कर लिया है. अपने नेशनल कमिटमेंट के तहत भारत ने 2030 अपनी कुल बिजली उत्पादन क्षमता में 50 फीसदी हिस्सेदारी क्लीन और ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य रखा था.

क्लाइमेट चेंज को रोकने के लिए उत्सर्जन घटाने के लक्ष्य को भारत ने पांच साल पहले ही हासिल कर लिया है. भारत ने अपने नेशनल क्लाइमेट एक्शन प्लान के तहत 2030 तक कुल बिजली उत्पादन क्षमता में 50 फीसदी हिस्सेदारी नॉन-फॉसिल फ्यूल स्रोतों की करने का लक्ष्य रखा था. लेकिन, भारत ने इस लक्ष्य को 2025 में ही हासिल कर लिया है. फिलहाल भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 484.8 गीगावाट है. इसमें से 242.8 गीगावाट बिजली नॉन-फॉसिल स्रोतों से आ रही है.
न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत की इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए कहा, जब दुनिया क्लाइमेट सॉल्यूशन की तलाश में है, भारत राह दिखा रहा है. प्रत्येक भारतीय के लिए यह गर्व का पल है कि भारत ने 50 फीसदी बिजली नॉन-फॉसिल फ्यूल से बनाने की क्षमता हासिल कर ली है.
क्यों अहम है यह बदलाव?
पूरी दुनिया को क्लाइमेट चेंज से जुड़े गंभीर नतीजों से बचाने के लिए कोयला, डीजल, पेट्रोल और गैस जैसे जीवश्म ईंधनों के इस्तेमाल में कमी लानी है. इसके लिए तमाम देशों ने अपने लिए लक्ष्य तय किए हैं, जिनके तहत ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के लिए जिम्मेदारी उत्सर्जन को घटाना है. रिन्युएबल एनर्जी को अपनाए जाने की धीमी गति की वजह से भारत की अक्सर आलोचना होती थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में तेजी से सोलर सहित तमाम रिन्युएबल स्रोतों से बिजली का उत्पादन बढ़ा है, जिसके चलते भारत ने यह उपलब्धि हासिल की है.
इससे क्या फर्क पड़ेगा?
अब जब भी दुनिया में क्लाइमेट चेंज और उसे लेकर लिए जाने वाले एक्शन की चर्चा होगी, तो भारत की बातों का वजन बढ़ेगा, क्योंकि भारत ने तय समय से पहले बड़े लक्ष्य को हासिल किया है. इसके अलावा इसे स्वच्छ ईंधन आधारित बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की प्रतिबद्धता को लेकर भी देखा जाएगा.
रिन्यूएबल एनर्जी का लक्ष्य
भारत ने 2030 तक सिर्फ कुल बिजली उत्पादन में 50 फीसदी रिन्युएबल एनर्जी की हिस्सेदारी का ही लक्ष्य नहीं रखा है. बल्कि 2030 तक 500 गीगावाट रिन्युएबल एनर्जी उत्पादन क्षमता का महत्वाकांक्षी लक्ष्य भी रखा है. मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से भारत ने इस लक्ष्य को भी 50 फीसदी हासिल कर लिया है.
सिर्फ मील का पत्थर नहीं
इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि यह केवल मील का पत्थर नहीं है बल्कि यह 2047 तक एक हरित, स्वच्छ भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के लिए ऐतिहासिक हरित छलांग! भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता का 50 प्रतिशत हासिल कर लिया है. उन्होंने कहा कि 2030 के लक्ष्य से पांच साल पहले 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है.
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