अडानी-अंबानी पीछे, गुमनाम अरबपति सबसे आगे! कौन है दुनिया का 11वां सबसे अमीर इंसान जिसका Bitcoin से है रिश्ता?
लोगों के बीच बिटकॉइन को लेकर जब भी सीरियस टोन में बातचीत होती है, तब एक नाम निकल कर आता है- सातोशी नाकामोतो. दरअसल कहा जाता है कि इन्होंने ही बिटकॉइन को बनाकर पूरी दुनिया को बदल दिया और अब 12वें सबसे अमीर इंसान बन गए हैं, लेकिन हैरानी की बात ये है कि आज तक कोई नहीं जानता कि वह हैं कौन. जानें विस्तार में.

Satoshi Nakamoto and Bitcoin Connection: सोचिए, अगर कोई इंसान दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी बना दे, अरबों डॉलर कमा ले और फिर अचानक ऐसे गायब हो जाए जैसे कभी था ही नहीं. यही कहानी है सातोशी नाकामोतो की, जिसने Bitcoin को जन्म दिया और अब उसकी दौलत इतनी बढ़ गई है कि वह दुनिया का 11वां सबसे अमीर इंसान बन चुका है. नाकामोतो की कुल संपत्ति लगभग 129 अरब डॉलर (10.7 लाख करोड़ रुपये) आंकी गई है. यह रकम इतनी ज्यादा है कि उन्होंने भारत के दो बड़े उद्योगपतियों मुकेश अंबानी (109 अरब डॉलर) और गौतम अडानी (84 अरब डॉलर) को भी पीछे छोड़ दिया है.
बिटकॉइन ने बनाया अरबपति, लेकिन चेहरा अब भी रहस्य
साल 2008 में सातोशी नाकामोतो ने दुनिया के सामने बिटकॉइन का वाइटपेपर जारी किया. इसके कुछ महीनों बाद, 3 जनवरी 2009 को पहला बिटकॉइन ब्लॉक माइन हुआ और क्रिप्टोकरेंसी की एक नई दुनिया शुरू हो गई. रिसर्च के मुताबिक, नाकामोतो ने शुरुआती दौर में करीब 10.96 लाख बिटकॉइन अपने पास रखे थे.
अब जब एक बिटकॉइन की कीमत 1 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है, तो उनका डिजिटल खजाना उन्हें अरबपतियों की लिस्ट में सबसे ऊपर ले गया है. मालूम हो कि बिटकॉइन की कीमतें आसमान छू रही हैं. 14 जुलाई 2025 तक बिटकॉइन की कीमत 1,22,098 डॉलर (करीब 1 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी वहीं है- सातोशी नाकामोतो आखिर है कौन?
नाकामोतो: इंसान, ग्रुप या सिर्फ एक नाम?
नाकामोतो का असली चेहरा आज तक किसी ने नहीं देखा. कुछ लोग कहते हैं कि वह जापान का रहने वाला एक 37 साल का शख्स था, तो कईयों का मानना है कि ये सिर्फ एक नाम है जो डेवलपर्स के एक ग्रुप ने इस्तेमाल किया. कई बार अलग-अलग लोगों पर शक गया. हैल फिन्नी, निक स्जाबो, यहां तक कि एलन मस्क और जैक डोर्सी का नाम भी इस लिस्ट में आया. लेकिन सबने बिटकॉइन बनाने की बात से साफ इनकार कर दिया.
ऑस्ट्रेलिया के कंप्यूटर वैज्ञानिक क्रेग राइट ने तो खुद को नाकामोतो बताया, मगर 2024 में ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने उसे झूठा करार दिया. कोर्ट ने उसे चेतावनी दी कि अगर उसने दोबारा ऐसा दावा किया, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा. नाकामोतो आखिरी बार 2011 में ऑनलाइन दिखा था. इसके बाद वह दुनिया की नजरों से हमेशा के लिए गायब हो गया.
बिटकॉइन का सफर और नाकामोतो का जादू
नाकामोतो ने जब बिटकॉइन बनाया, तब यह सिर्फ तकनीकी लोगों की दिलचस्पी का विषय था. लेकिन आज बिटकॉइन दुनिया की 9वीं सबसे मूल्यवान यानी कीमती संपत्ति बन चुका है. यह टेस्ला से थोड़ा नीचे और मेटा से ऊपर है. नाकामोतो के कोड को देखकर विशेषज्ञों का मानना है कि वह C++ प्रोग्रामिंग में मास्टर था. उसकी बनाई तकनीक ने डिजिटल फाइनेंस और ब्लॉकचेन की दुनिया को पूरी तरह बदल दिया. इससे इतर, नाकामोतो पर कई डॉक्यूमेंट्री और किताबें बन चुकी हैं.
2024 में HBO की डॉक्यूमेंट्री “Money Electric: The Bitcoin Mystery” ने भी उसकी पहचान ढूंढने की कोशिश की. लेकिन हर बार नाकामोतो का नाम और चेहरा एक पहेली बनकर ही सामने आया. आज जब नाकामोतो की संपत्ति बिल गेट्स और माइकल डेल जैसे दिग्गजों से ज्यादा है, तब भी दुनिया उसके बारे में उतना ही अंधेरे में है जितना 2008 में थी.
ये भी पढ़ें- Bitcoin ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, एक ही झटके में 1,23,000 डॉलर पार; अभी कितना और बढ़ेगा ग्राफ?
Latest Stories

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी से दबाव में रुपया, डॉलर के मुकाबले 12 कमजोरी के साथ 85.92 पर बंद

10 लाख भारतीयों को नौकरी देने की तैयारी में रूस, जानें किन्हें मिलेगा मौका और कितनी होगी सैलरी?

Q1 results: HCLTech का मुनाफा 10 फीसदी घटा, कंपनी ने डिविडेंड का किया ऐलान
