Brightcom के शेयर ने 1 दिन में लगाई 102 फीसदी की छलांग, फिर लोअर सर्किट में बंद हुआ, जानें क्या है खेल?

Brightcom Group के शेयर ने सोमवार को 102 फीसदी की जोरदार छलांग लगाई. लेकिन, दिन के आखिर में शेयर 5 फीसदी गिरावट के साथ लोअर सर्किट में बंद हुआ. अगर आप Elcid Investment जैसे शेयर की तलाश में है और इस शेयर पर नजर बनाए हुए हैं, तो इससे जुड़ी हकीकत जरूर जान लें.

कल्याण ज्वैलर्स के शेयरों में तेजी. Image Credit: Getty image

Brightcom Group के शेयरों में सोमवार को लंबे समय के बाद नियमित कारोबार शुरू हुआ. SEBI ने पिछले साल कॉर्पोरेट गवर्नेंस की चिंताओं के चलते इस शेयर में BSE-NSE पर ट्रेडिंग को रोक दिया था. करीब एक साल बाद सेबी ने इस शेयर में कारोबार से निलंबन को हटा दिया है. सेबी के नियमों के मुताबिक इस शेयर के लिए प्राइस डिस्करी सेशन आयोजित किया गया, जिसके चलते शेयर में 102 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया. हालांकि, इसके बाद दिन के आखिर शेयर 5 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ.

किस कैटेगरी में लिस्टेड है शेयर?

ब्राइटकॉम के शेयर में सोमवार को करीब एक साल बाद BSE और NSE पर नियमित कारोबार हुआ. इससे पहले ब्राइटकॉम के शेयर जेड कैटेगरी में रखा गया था, जिसे ट्रेड-फॉर-ट्रेड सेगमेंट भी कहा जाता है. इस कैटेगरी में रखे गए शेयरों में नियमित कारोबार नहीं किया जा सकता है.

लोअर सर्किट में हुआ बंद

प्राइस डिस्कवरी सेशन के बाद शेयर प्राइस 22 रुपये के हाई पर पहुंच गया. लेकिन, इसके तुरंत बाद ही बिकवाली के चलते 5 फीसदी गिरावट हुई और शेयर 20.71 रुपये पर बंद हुआ.

क्या करती है कंपनी

करीब 4,132.70 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली यह कंपनी दुनियाभर के करोबार, एजेंसियों और ऑनलाइन पब्लिशर्स के लिए डिजिटल मार्केटिंग सॉल्युशन देती है. तकरीबन कर्ज मुक्त इस कंपनी का शेयर अपनी बुक वैल्यू से काफी कम कीमत पर ट्रेड कर रहा है. इसके अलावा कंपनी पिछले तीन वित्त वर्ष से लगातार नेट प्रॉफिट रिपोर्ट कर रही है.

क्याे लगाया सेबी ने प्रतिबंध?

कंपनी की तरफ से अपनी फाइनेंशियल रिपोर्टिंग और AGM जैसे आयोजनों में देरी की इसके अलावा कई प्रमुख प्रबंधकीय नियुक्तियों में देरी की थी. इसके अलावा शेयरों और वारंटों के प्रेफरेंशियल अलॉटमेंट की वजह से भी सेबी की निगरानी में रही. सेबी ने कंपनी को शेयरहोल्डर्स से जानकारी छिपाने और रेगुलेटरी नॉर्म पालन नहीं करने का आरोपी पाया. इसके अलावा कंपनी ने वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2020 के दौरान खर्चों को कम दिखाया और मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया. इन सभी कारणों को देखते हुए इसके शेयर में ट्रेडिंग को रोक दिया गया.

क्या करें निवेशक?

ज्यादातर निवेश सलाहकार और एनालिस्टों का कहना है कि आम निवेशकों को इस तरह के शेयरों से दूर ही रहना चाहिए. खासतौर पर कोई भी नई पोजिशन नहीं बनानी चाहिए. अगर कोई पहले से पोजिशन होल्ड किए हुए है, तो उसे निकल जाना चाहिए. क्योंकि, आमतौर पर इस तरह के शेयर ऑपरेटर ड्रिवन होते हैं, जिनमें अचानक बहुत ज्यादा तेजी देखकर रिटेल निवेशक आकर्षित होते हैं, जिसका फायदा ऑपरेटर पंप एंड डंप के लिए करते हैं.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.