MSP पर 13 लाख टन से अधिक होगी अरहर की खरीद, सरकार से मिली मंजूरी

सरकार ने इस साल अब तक 3.40 लाख टन तुअर की खरीद MSP पर की है, जिसमें कर्नाटक का योगदान सबसे ज़्यादा है. चना, मसूर और मूंग की भी खरीद जारी है, लेकिन चने की खरीद धीमी है. बजट 2025 के तहत 2028-29 तक तुअर, मसूर और उड़द की 100 फीसदी खरीद का लक्ष्य है, जिससे भारत दालों में आत्मनिर्भर बन सके.

दलहन की खरीद शुरू. Image Credit: TV9

pigeon peas Purchase: सरकार ने इस साल अब तक 3.40 लाख टन तुअर (अरहर) की खरीद मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत की है. यह खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जा रही है. कृषि मंत्रालय के अनुसार, 9 राज्यों से 13.22 लाख टन तुअर की खरीद को मंजूरी दी गई है. सरकार का लक्ष्य है कि 10 लाख टन तुअर का बफर स्टॉक बनाया जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर इसकी खुले बाजार में सप्लाई कर दामों को नियंत्रित किया जा सके.

13 अप्रैल तक हुई खरीद में कर्नाटक ने सबसे ज्यादा योगदान दिया है, जहां से 1.30 लाख टन तुअर खरीदी गई है. यहां किसानों को MSP 7,550 रुपये प्रति क्विंटल के अलावा 450 रुपये का राज्य बोनस भी मिल रहा है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य भी तुअर की खरीद में शामिल हैं.

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13 अप्रैल तक मसूर दाल की खरीद

सरकार ने अब तक तेलंगाना और मध्य प्रदेश से मिलाकर करीब 17,000 टन चना (काबुली चना) खरीदा है. हालांकि, चने की 27 लाख टन खरीद को मंजूरी मिलने के बावजूद खरीद धीमी चल रही है, क्योंकि घरेलू बाजार में चने के भाव MSP 5,650 रुपये प्रति क्विंटल से ऊपर हैं. इसकी एक वजह 10 फीसदी आयात शुल्क लगना भी है. इसके अलावा 13 अप्रैल तक मसूर (लाल दाल) की खरीद 28,700 टन और मूंग (हरी दाल) की खरीद 3,000 टन की गई.

क्या है मूल्य समर्थन योजना

मूल्य समर्थन योजना (PSS) तब लागू होती है जब किसी फसल के बाजार भाव MSP से नीचे आ जाते हैं. बजट 2025 में सरकार ने ऐलान किया है कि 2028-29 तक केंद्र सरकार की एजेंसियां राज्यों में तुअर, मसूर और उड़द की 100 फीसदी खरीद करेंगी, ताकि देश को दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जा सके. हाल के वर्षों में घरेलू उत्पादन बढ़ा है, लेकिन भारत को अभी भी घरेलू जरूरतें पूरी करने के लिए दालों का आयात करना पड़ता है.

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