केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, रबी फसलों की बढ़ाई MSP

भारत सरकार ने गेहूं, सरसों और चना का एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने 16 अक्टूबर को रबी की प्रमुख फसलों गेहूं, चना और सरसों का एमएसपी बढ़ा दिया है.

गेहूं, सरसो और चना पर बढ़ा MSP Image Credit: GettyImages

केंद्र सरकार ने गेहूं, सरसों और चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है. सरकार ने गेहूं के MSP में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, जिससे अब यह बढ़कर 2,425 रुपये हो गया. वहीं, सरसों का एमएसपी 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये और चना का एमएसपी 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.

केंद्र सरकार ने 16 अक्टूबर को रबि की प्रमुख फसलों गेहूं, चना और सरसो पर एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है. सरकार ने गेहूं का MSP 150 रुपये बढ़ाने का फैसला किया है. वहीं, सरसों का 300 रुपये और चना का एमएसपी 210 रुपये बढ़ाने की मंजूरी दी है.इसके अलावा मसूर और सूरजमुखी की एमएसपी भी बढ़ाई गई है. इससे रबी के सीजन में बुवाई करने वाले किसानों को फायदा होगा और सरकार के इस फैसले से गेहूं सहित रबी की अन्य फसलों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो सकती है.


MSP आखिर है क्या?

केंद्र सरकार ने किसानों को दिवाली से पहले बढ़िया तोहफा दिया है. सरकार ने 2025-26 के लिए गेहूं, सरसों और चना का एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है. एमएसपी का पूरा मतलब है मिनिमम सपोर्ट प्राइस. इसकी मदद से किसनों को उनकी फसलों पर एक तयशुदा कीमत दी जाती है. यह किसानों के लिए एक कवच की तरह है जो अनाजों की अचानक कीमतों की गिरावट से उन्हें बचाता है. आसान भाषा में अगर समझना हो तो यही है कि अगर गेहूं का एमएसपी 25,000 रुपये क्विंटल है. सरकार उसको उतने ही दाम में खरीदना पड़ेगा.

एमएसपी से किसानों को खाद्य सुरक्षा मिलती है. फसलों पर एमएसपी मिलने से न केवल सिर्फ किसानों का लाभ होता है, बल्कि पूरे देश के लोगों को इसका फायदा मिलता है. क्योंकि जब किसानों को उनकी फसलों पर एमएसपी मिलेगी तो वे उत्पादन करने के लिए और प्रोत्साहित होंगे. CACP हर साल बुवाई से पहले 22 फसलों पर एमएसपी की सिफारिश करता है.