GDP में 3 फीसदी होगा शुगर इंडस्ट्री का योगदान, जाने क्या है सरकार का प्लान
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारतीय चीनी उद्योग अपनी जीडीपी में हिस्सेदारी को 3 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है. उन्होंने गन्ने के प्रति एकड़ उत्पादन में वृद्धि की आवश्यकता पर जोर दिया. गडकरी ने शहरी क्षेत्रों के बजाय कृषि नीति में विविधीकरण और नई तकनीक के उपयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

Sugar industry: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि शुगर इंडस्ट्री अपनी जीडीपी में हिस्सेदारी 1-1.15 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत तक कर सकता है. इसके लिए गन्ने की प्रति एकड़ उत्पादन बढ़ाना जरूरी है. सरकार द्वारा देश में वैकल्पिक ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, और अब एथनॉल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार कदम उठा रही है.
मोलासेस से बने एथनॉल महंगा हुआ
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 2024-25 आपूर्ति वर्ष के लिए C-Heavy मोलासेस से बने एथनॉल की खरीद मूल्य में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी, जिससे यह ₹57.97 प्रति लीटर हो गया. वहीं, अन्य कच्चे माल के लिए कीमतें जस की तस रखी गई हैं. यह मूल्य वृद्धि शुगर इंडस्ट्रीके प्रोडक्ट से एथनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए की गई है, जिससे सरकार 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य पूरा कर सके.
सरकारों का ध्यान केवल शहरों पर
गडकरी ने कहा कि शुगर निर्यात पर नियंत्रण की नीति के फायदे और नुकसान दोनों हैं, लेकिन हमें इसे नए दृष्टिकोण से देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो, पॉलिसी बनाने वालो का ध्यान हमेशा शहरी क्षेत्रों पर रहता है. वे सिर्फ कुछ उत्पादों जैसे चीनी, तेल, गेहूं और चावल की महंगाई को लेकर चिंतित रहते हैं.
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ड्रोन तकनीक पर फोकस
गडकरी ने कहा कि हमारी कुछ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बाजार मूल्य से ज्यादा हैं, फिर भी हम अपनी फसल पैटर्न को नहीं बदल रहे हैं. कृषि क्षेत्र में विविधीकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इससे अच्छे रिजल्ट मिल रहे हैं. उन्होंने भारतीय एग्रीकल्चर में ड्रोन और नई तकनीक के उपयोग पर भी जोर दिया.
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