गन्ना बनेगा यूपी की इकोनॉमी का इंजन, 1 ट्रिलियन डॉलर का सपना होगा साकार
उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में गन्ना और चीनी उद्योग अहम भूमिका निभाने वाले हैं. सरकार ने 2027-28 तक GVO को 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने का लक्ष्य तय किया है. चीनी मिलों की रिकवरी दर बढ़ाने, एथनॉल उत्पादन को प्रोत्साहन देने और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है.

Sugarcane Industry Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश ने अपनी इकोनॉमी को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने में गन्ना और चीनी उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. सरकार ने वर्ष 2027-28 तक गन्ना और चीनी उद्योग के ग्रॉस वैल्यू आउटपुट (GVO) को मौजूदा 1.32 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने का लक्ष्य रखा है. चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्षों में GVO में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है.
वर्ष 2023-24 में यह 1,24,198 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 1,32,024 करोड़ रुपये हो गया है, और 2027-28 तक इसे 1.62 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इस दौरान गन्ना उत्पादन में 7 प्रतिशत और गुड़ उत्पादन में 10 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी का लक्ष्य है.
2025-26 के लिए विभाग की तैयारी
चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें चीनी मिलों की रिकवरी दर को 9.56 प्रतिशत से बढ़ाकर 10.50 प्रतिशत तक ले जाना शामिल है. इसके अलावा, 91.54 लाख क्विंटल भण्डारित चीनी की समय पर बिक्री सुनिश्चित की जाएगी, ताकि संभावित घाटे को नियंत्रित किया जा सके.
भण्डारण क्षमता में 4 लाख क्विंटल की बढ़ोतरी करने और कुशल कर्मचारियों की नियुक्ति 15 मई 2025 तक आउटसोर्सिंग के माध्यम से करने की योजना है. साथ ही, सरकार से मिलने वाली सहायता (वर्तमान में लगभग 1200 करोड़ रुपये) को कम करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे यह उद्योग आत्मनिर्भर बन सके.
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लाखों किसानों को फायदा
योगी सरकार ने प्रदेश के 65 लाख पंजीकृत और 46.5 लाख आपूर्तिकर्ता गन्ना किसानों को सीधा लाभ पहुंचाया है. मार्च 2025 तक सरकार द्वारा 2.80 लाख करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य भुगतान किया जा चुका है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है.
वर्ष 2016-17 की तुलना में गन्ना क्षेत्रफल में 43 प्रतिशत और उत्पादन में 68 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके अलावा, 52 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण किया गया है तथा लगभग 8 हजार किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता के साथ एथनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया है, जिससे गन्ना उद्योग को नई दिशा मिली है.
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