मैन्युअल नहीं अब ऑटोमैटिक कार है लोगों की पहली पसंद, देश में बिकने वाली हर 3 कार में से एक हैं ये
भारत में ऑटोमैटिक कारों की बिक्री में एकाएक तेजी आई है. देश में बिकने वाली 3 कारों में से अब 1 कार ऑटोमैटिक है. रिपोर्ट की मुताबिक देश में कुल कार बिक्री में 26 फीसदी की हिस्सेदारी ऑटोमैटिक कारों की हैं.
भारत में ऑटोमैटिक कारों की बिक्री में एकाएक तेजी आई है. लोग ऑटोमैटिक कारों को खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. मैनुअल कारों की तुलना में करीब 60,000 से 2 लाख रुपये तक महंगी होने के बावजूद भी लोग ऑटोमैटिक कारों को पसंद कर रहे हैं.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बिकने वाली 3 कारों में से अब 1 कार ऑटोमैटिक है. ऑटोमैटिक कारों की बढ़ती डिमांड के पीछे की वजह उसकी आसानी को बताया जा रहा है. ऑटोमैटिक कारें मैन्युअल की तुलना में ज्यादा आसान पड़ रही हैं. इसीलिए लोग उनकी ओर आकर्षित हो रही हैं. रिपोर्ट की मुताबिक देश में कुल कार बिक्री में 26 फीसदी की हिस्सेदारी ऑटोमैटिक कारों की हैं. इन दिनों ऑटोमैटिक कारों की डिमांड बढ़ गई है. 2016 साल तक कुल कार में इन कारों की हिस्सेदारी महज 16 फीसदी थी, जोकि अब बढ़ गई है. रिपोर्ट में जाटो डायनेमिक्स के हवाले से यह दावा किया गया है कि देश के 20 बड़े शहरों में बिकने वाली 3 कारों में से एक कार ऑटोमैटिक कार है.
अभी 83 मॉडल हैं मौजूद
देश में ऑटोमैटिक कारों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए. कार कंपनियों ने भी नए ऑटोमैटिक मॉडलों पर काम और तेजी से शुरू कर दिया है. फिलहाल अभी मार्केट में 83 ऑटोमैटिक कार मॉडल मौजूद हैं. इनमें सबसे बड़ी ऑटो कंपनियां मारुति सुजुकी, टोयोटा, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के मॉडल शामिल हैं. इसके अलावा किआ और हुंडई भी ऑटोमैटिक कारें बनाती हैं.
सीवीटी वैरिएंट की बिक्री ज्यादा हुई है
ऑटोमैटिक कार की बिक्री में भी में सीवीटी वैरिएंट की कारों की बिक्री ज्यादा हुई है. करीब 60 फीसदी कारें सीवीटी ट्रांसमिशन के साथ वाली हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सीवीटी न केवल महंगे वैरिएंट में उपलब्ध है. बल्कि सस्ती कारों में भी सीवीटी है.