अब बाइक चोरी होगी नामुमकिन, अपनाएं ये सेफ्टी हैक; चोर भी करेगा सलाम
अगर आप चाहते हैं कि आपकी बाइक चोरी न हो, तो यह आपके लिए बेहद जरूरी है. यहां हम बता रहे हैं कुछ ऐसे सेफ्टी हैक्स, जिनसे आप बाइक चोरी से बच सकते हैं. हाई-सेफ्टी लॉक, GPS ट्रैकर, स्टीयरिंग लॉक जैसे उपायों से बाइक को सुरक्षित बनाया जा सकता है.
Bike Safety Tips: बाइक चोरी की समस्या अक्सर देखने को मिलती है. कई बार चोरी के बाद बाइक मिल जाती है, तो कई बार नहीं मिलती. बाइक चोरी का दुख उस समय सबसे ज्यादा होता है जब आपकी कोई पसंदीदा बाइक चोरी हो जाए. हालांकि, अगर आप चाहते हैं कि आपकी बाइक चोरी न हो, तो कुछ सावधानियां अपनाकर आप इस खतरे से बच सकते हैं.
हाई-सेफ्टी लॉक का करें इस्तेमाल
चोर आजकल काफी स्मार्ट हो गए हैं. उनके पास कई तरह की चाबियां होती हैं और वे सामान्य लॉक को आसानी से तोड़ सकते हैं. ऐसे में आपको साधारण लॉक की जगह डिस्क लॉक, स्टील की मोटी चेन या U-लॉक का इस्तेमाल करना चाहिए. चोर अक्सर उन्हीं बाइकों को निशाना बनाते हैं जिनका लॉक आसानी से तोड़ा जा सके.
GPS ट्रैकर लगवाएं
GPS ट्रैकर आज के समय में बेहद जरूरी हो गया है. अगर बाइक चोरी हो भी जाए, तो GPS ट्रैकर की मदद से उसकी लोकेशन पता लगाई जा सकती है. कई कंपनियां अब सस्ते और कारगर GPS डिवाइस उपलब्ध करवा रही हैं.
पार्किंग हमेशा सुरक्षित जगह पर करें
बाइक की सुरक्षा के लिए पार्किंग बहुत महत्वपूर्ण है. अंधेरी या सुनसान जगहों पर बाइक पार्क न करें. CCTV से युक्त स्थान, मॉल या सुरक्षित पार्किंग लॉट को प्राथमिकता दें.
स्टीयरिंग लॉक का इस्तेमाल करें
बाइक पार्क करते समय स्टीयरिंग लॉक (हैंडल लॉक) अवश्य लगाएं. इससे चोर को बाइक मोड़ने में दिक्कत होगी और आपकी बाइक चोरी से बच सकती है.
अलार्म सिस्टम इंस्टॉल करवाएं
बाइक में एंटी-थेफ्ट अलार्म सिस्टम लगवाना एक बेहतरीन उपाय है. अगर कोई व्यक्ति आपकी बाइक से छेड़छाड़ करता है, तो अलार्म तेज आवाज करेगा और आप तुरंत सतर्क हो जाएंगे.
इंश्योरेंस जरूरी
आज के समय में इंश्योरेंस कराना बेहद जरूरी है. यदि बाइक चोरी हो जाती है, तो इंश्योरेंस होने पर कंपनी से क्लेम प्राप्त किया जा सकता है. यह आर्थिक नुकसान से बचाने में मदद करता है.
यह भी पढ़ें: सेडान सेगमेंट में Maruti Dzire का जलवा, सेफ्टी में मिली 5-स्टार रेटिंग
पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करें
यदि आपकी बाइक चोरी हो जाए, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें और FIR दर्ज करवाएं. साथ ही, RTO और इंश्योरेंस कंपनी को भी सूचित करें. यदि आपने FIR दर्ज करवा रखी है, तो इंश्योरेंस क्लेम में कोई परेशानी नहीं होगी.