अब डीजल ट्रक को कहें अलविदा! E-Truck खरीदने पर मिलेगी ₹9.6 लाख तक सब्सिडी, क्या है ये नई स्कीम?
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक ट्रकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई-ड्राइव (PM E-DRIVE) योजना के तहत पहली बार ग्राहकों को सीधी सब्सिडी देने की घोषणा की है. इस स्कीम में ई-ट्रक खरीदने पर अधिकतम 9.6 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी. योजना का कुल बजट 10,900 करोड़ रुपये है, जिसमें से 500 करोड़ रुपये ई-ट्रक के लिए रिजर्व किए गए हैं.
E-Truck Scheme: केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक ट्रकों (E-Truck) को बढ़ावा देने के लिए पहली बार ग्राहकों को सीधे सब्सिडी देने की योजना शुरू की है. इस योजना के तहत ई-ट्रक खरीदने पर सरकार अधिकतम 9.6 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी. यह स्कीम प्रधानमंत्री ई-ड्राइव (PM E-DRIVE) प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसका कुल बजट 10,900 करोड़ रुपये है. हेवी इंडस्ट्री मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को इस योजना की घोषणा करते हुए बताया कि ई-ट्रक को सब्सिडी देने के लिए 500 करोड़ रुपये अलग से रखे गए हैं.
यह योजना विशेष रूप से पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, सीमेंट और स्टील जैसे उद्योगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इसका लक्ष्य 5,600 इलेक्ट्रिक ट्रकों को सड़कों पर उतारना है. मंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि देश में डीजल ट्रक भले ही कुल वाहनों का सिर्फ 3 फीसदी हैं, लेकिन ये ट्रांसपोर्ट सेक्टर से होने वाले 42 फीसदी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिक ट्रक भारत के “विकसित भारत 2047” विजन को साकार करने में मदद करेंगे.
किस आधार पर मिलेगी सब्सिडी?
योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी ट्रक के वजन पर आधारित होगी. सबसे ज्यादा 9.6 लाख रुपये तक की छूट N3 कैटेगरी (12-55 टन) के भारी ट्रकों पर मिलेगी. वहीं N2 कैटेगरी (3.5-12 टन) वाले ट्रक भी इस स्कीम में शामिल होंगे. ग्राहक को सब्सिडी का लाभ तभी मिलेगा जब वह पुराने डीजल ट्रक को स्क्रैप करेगा. सब्सिडी की राशि सीधे वाहन निर्माता कंपनी (OEM) को PM E-DRIVE पोर्टल के जरिए दी जाएगी. नई स्कीम के तहत खरीदे गए इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पांच साल या 5 लाख किमी की बैटरी वारंटी और पांच साल या 2.5 लाख किमी की मोटर और वाहन वारंटी अनिवार्य है. दिल्ली में एयर क्वालिटी सुधारने के लिए 100 करोड़ रुपये का अलग बजट रखा गया है, जिससे 1,100 ई-ट्रकों को सब्सिडी दी जाएगी.
पहली बार मिलेगा ई-ट्रक पर सब्सिडी
सरकार ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए यह शर्त भी रखी है कि अधिकतर पुर्जे देश में ही बनाए जाएं. विदेश से आयातित कंपोनेंट्स का इस्तेमाल केवल न्यूनतम सीमा तक ही होगा. भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कमरान रिजवी ने कहा कि यह पहली बार है जब सरकार ग्राहकों को सीधे ई-ट्रक पर सब्सिडी दे रही है. पहले की योजनाएं जैसे FAME और PLI मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरर्स के लिए थीं.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने भी अगले दो सालों में 150 ई-ट्रक खरीदने का वादा किया है. कंपनी का लक्ष्य है कि उसके सभी यूनिट्स में इस्तेमाल होने वाले कम से कम 15 फीसदी वाहन इलेक्ट्रिक हों. इसके अलावा, भारी उद्योग मंत्रालय ने बताया कि PM E-DRIVE योजना के तहत अब तक 12 लाख टू-व्हीलर और 1.6 लाख थ्री-व्हीलर को सब्सिडी दी जा चुकी है. सार्वजनिक परिवहन के लिए 10,400 ई-बसों को भी मंजूरी दी गई है.
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