इंडिगो संकट के बीच DGCA ने कंपनी के CEO को भेजा शो कॉज नोटिस, पूछा यह सवाल; जानें अब तक का पूरा मामला

इंडिगो फ्लाइट कैंसिलेशन और देरी को लेकर विमानन नियामक DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को सो-काज नोटिस जारी किया है. नोटिस में पूछा गया है कि संचालन में भारी अव्यवस्था और यात्रियों को हुई परेशानी के लिए जवाबदेही तय क्यों न की जाए. कंपनी से स्पष्टीकरण तय समय सीमा में मांगा गया है.

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भारतीय विमानन नियामक यानी डीजीसीए (DGCA) ने शनिवार को इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीटर एल्बर्स को शो कॉज नोटिस जारी किया है. यह कदम देशभर में भारी पैमाने पर उड़ानों में देरी और लगातार कैंसिलेशन के कारण लिया गया है, जिसने भारत के हवाई सफर क्षेत्र को अब तक के सबसे बड़े संकटों में धकेल दिया है. दिल्ली से लेकर मुंबई, चेन्नई और कोलकाता समेत देशभर के कई एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल है और हर तरफ परेशान पैंसजर्स नजर आ रहे हैं.

नोटिस में क्या कहा गया

नोटिस में डीजीसीए ने स्पष्ट किया है कि बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने और शेड्यूल प्रभावित होने से हजारों यात्रियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ा, जबकि एयरलाइन इस स्थिति के लिए समय पर ठोस प्लानिंग और आवश्यक कदम उठाने में नाकाम रही. DGCA ने एयरलाइन के CEO से पूछा है कि यात्रियों को हुए नुकसान और ऑपरेशनल व्यवस्था में भारी विफलता के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए?

यह चेतावनी भी दी गई

डीजीसीए ने सीईओ को निर्धारित समयसीमा के भीतर विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया है और चेतावनी दी है कि संतोषजनक स्पष्टीकरण न मिलने पर कड़े नियामकीय कदम उठाए जाएंगे. यह नोटिस ऐसे समय में आया है जब इंडिगो की उड़ानों में लगातार 5 दिन से भारी बाधा बनी हुई है और शनिवार को भी 400 से अधिक उड़ानों के रद्द होने से देशभर के एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मची हुई है.

अब तक का पूरा घटनाक्रम

इंडिगो संकट के बीच शनिवार को सरकार ऐक्शन मोड में नजर आई. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को रविवार (7 दिसंबर) की शाम 8 बजे तक सभी यात्रियों का रिफंड पूरा करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही एयरलाइंस को यह आदेश भी दिया गया है कि कैंसिलेशन से प्रभावित यात्रियों पर फ्लाइट रीशेड्यूलिंग के लिए कोई चार्ज नहीं लगाया जाएगा. मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि रिफंड प्रोसेस में देरी या नियमों का पालन न होने पर तुरंत रेग्युलेटरी एक्शन लिया जाएगा.

फेयर कैप

इंडिगो संकट के बीच सरकार ने किरायों की सीमा स्पष्ट रूप से दूरी के हिसाब से तय की है. 500 किमी तक की यात्रा के लिए अधिकतम किराया 7,500 रुपये, 500 से 1000 किमी तक 12,000 रुपये, 1000 से 1500 किमी तक 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी वाली उड़ानों का अधिकतम किराया 18,000 रुपये रहेगा. मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह सीमा सभी बुकिंग माध्यमों पर लागू होगी, चाहे टिकट एयरलाइन की वेबसाइट से खरीदा जाए या किसी ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट के जरिए.

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